इंदौर के कांग्रेस प्रत्याशी ने अपना नामांकन वापस लिया, कैलाश ने कार में साथ बैठाया, भाजपा में किया स्वागत
इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय बम ने नाम वापस ले लिया है, जिससे प्रदेश में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। अक्षय ने चार नंबर सीट से टिकट मांगा था, लेकिन तब कांग्रेस उन्हें टिकट नहीं दिया गया था। इसके बाद उन्हें लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया था। लेकिन, दो चरणों के बाद उन्होंने नाम वापस ले लिया, जिससे कांग्रेस को इंदौर में भाजपा के लिए बड़ा झटका मिला है।
इंदौर से कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय बम ने नाम वापस ले लिया है, जिससे प्रदेश में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। अक्षय ने चार नंबर सीट से टिकट मांगा था, लेकिन तब कांग्रेस उन्हें टिकट नहीं दिया गया था। इसके बाद उन्हें लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने प्रत्याशी बनाया था। लेकिन, दो चरणों के बाद उन्होंने नाम वापस ले लिया, जिससे कांग्रेस को इंदौर में भाजपा के लिए बड़ा झटका मिला है। अक्षय बम ने सोमवार को भाजपा विधायक रमेश मेंदोला के साथ कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर अपना नाम वापस ले लिया। उन्होंने बाद में भाजपा कार्यालय में भी अपना समर्थन दिखाया। इससे पहले, उनके नामांकन को लेकर कांग्रेस के नेता नाराज थे और उनके घर के बाहर प्रदर्शन किया गया था।
कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय बम के नामांकन वापस लेने पर भाजपा में उनका स्वागत हुआ। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने उन्हें स्वागत किया और फिर भाजपा कार्यालय में ले गए। अक्षय बम के नामांकन को लेकर बहुत सारे विवाद उठे। उनके 17 साल पुराने केस में पुलिस ने हत्या के प्रयास की धारा जोड़ी थी, लेकिन जिला निर्वाचन अधिकारी ने इस आपत्ति को खारिज कर दिया। अब उन्हें 10 मई को कोर्ट में हाजिर होना है। कांग्रेस के नेता ने इस घटना को षड्यंत्रकारी और एकाधिकारिक पार्टी के साथ संघर्ष का मामला बताया। वह कहते हैं कि उन्हें अभी और भी ऐसी घटनाएं देखनी हैं।
कलेक्टर के अनुसार, इंदौर में कुल तीन उम्मीदवारों ने नामांकन फार्म वापस लिए हैं। अब तक 23 उम्मीदवार बचे हैं, लेकिन और भी उम्मीदवारों ने अपने नाम वापस लेने की प्रक्रिया जारी है। भाजपा के मीडिया प्रभारी ने कहा कि इंदौर में कांग्रेस की हार पहले ही चुनाव से पता चल गई है। उनके अनुसार, अब भाजपा को 400 सीटों पार करने की उम्मीद है।
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भाजपा के प्रवक्ता ने सोशल मीडिया पर लिखा कि इंदौर में प्रत्याशी विहीन हुई कांग्रेस, जिससे उनकी हार पहले ही चुनाव से पता चल गई है। इंदौर में अब भाजपा की पक्ष में बड़ी चुनौती नहीं है, जिससे कांग्रेस की स्थिति बहुत कमजोर हो रही है। इसके बाद, कांग्रेस को अपने उम्मीदवारों के साथ अपने प्रत्याशित चुनाव के लिए मजबूत करने की जरूरत है।