मुझे लोग मुस्लिमों पर घेरते हैं पर रमजान में गाजा में बमबारी रुकवाने के लिए मैंने…’, बोले PM मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में मीडिया को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में खुलासा किया कि रमजान के पवित्र महीने के दौरान उन्होंने गाजा में इजरायली बमबारी रुकवाने के लिए विशेष प्रयास किए थे। उन्होंने बताया कि उस वक्त गाजा भीषण बमबारी का सामना कर रहा था, और इस स्थिति को देखते हुए उन्होंने अपने विशेष दूत को इजरायल भेजा था। पीएम मोदी ने कहा कि उनके दूत ने इजरायल के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से मुलाकात की और उनसे आग्रह किया कि कम से कम रमजान के महीने में गाजा में बमबारी रोक दी जाए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में मीडिया को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में खुलासा किया कि रमजान के पवित्र महीने के दौरान उन्होंने गाजा में इजरायली बमबारी रुकवाने के लिए विशेष प्रयास किए थे। उन्होंने बताया कि उस वक्त गाजा भीषण बमबारी का सामना कर रहा था, और इस स्थिति को देखते हुए उन्होंने अपने विशेष दूत को इजरायल भेजा था। पीएम मोदी ने कहा कि उनके दूत ने इजरायल के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से मुलाकात की और उनसे आग्रह किया कि कम से कम रमजान के महीने में गाजा में बमबारी रोक दी जाए। पीएम मोदी ने इंटरव्यू के दौरान कहा, “मैंने अपने विशेष दूत को इजरायल भेजा। मैंने उनसे कहा कि आप इजरायल के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से मिलें और उन्हें समझाएं कि कम से कम रमजान के महीने में गाजा में बमबारी न करें। और उन्होंने इस अनुरोध को गंभीरता से लिया और पालन करने का भरपूर प्रयास किया। यहां तक कि जब मैं इस तरह की पहल करता हूं, तब भी मुझे मुसलमानों को लेकर घेरा जाता है, लेकिन मैंने इसकी पब्लिसिटी नहीं की क्योंकि इसके लिए कई औरों ने भी प्रयास किए होंगे। लेकिन मैंने भी प्रयास किया, भारत ने भी किया। मेरा आज भी फिलिस्तीन के साथ उतना ही नाता है जितना इजरायल के साथ।
पीएम मोदी ने विपक्ष की पिछली सरकारों पर भी निशाना साधा और आरोप लगाया कि वे धर्मनिरपेक्ष होने का दिखावा करती थीं। उन्होंने कहा, “हमारे यहां पहले यह फैशन था कि इजरायल जाओ, फिलिस्तीन जाओ और सेक्यूलरिज्म का ढोंग करके वापस आ जाओ। मैंने कहा कि मुझे ऐसा कुछ नहीं करना है, मैं सीधे इजरायल जाऊंगा, सीधे वापस आऊंगा, मुझे ये ढोंग करने की जरूरत नहीं है। और मैंने ऐसा किया भी।” पीएम मोदी ने अपनी फिलिस्तीन यात्रा के दौरान हुए अनुभव भी साझा किए। उन्होंने बताया, “जब मैं फिलिस्तीन गया तो बात आई कि मुझे आगे हेलिकॉप्टर से जाना होगा। जॉर्डन के राष्ट्रपति को पता चला कि मैं जॉर्डन के रास्ते फिलिस्तीन जाने वाला हूं। उन्होंने कहा कि मोदीजी, आप ऐसे नहीं जा सकते, आप मेरे मेहमान हैं। आप मेरे ही हेलिकॉप्टर में जाएंगे और मेरे घर खाना खाकर जाएंगे। मैं उनके घर गया, वहां खाना खाया, और फिर उनके हेलिकॉप्टर से फिलिस्तीन गया जहां इजरायल ने हवा में मुझे सुरक्षा दी।”
पीएम मोदी ने बताया कि इस यात्रा के दौरान तीनों देशों – इजरायल, फिलिस्तीन और जॉर्डन – के बीच तालमेल दिखा। उन्होंने कहा, “तीनों की दुनिया अलग है लेकिन मोदी के लिए आसमान में सब साथ थे। यह सब तब होता है जब आपके इरादे नेक हों और आपके प्रति विश्वास हो।” उन्होंने यह भी कहा कि भारत अब अपने हितों को ध्यान में रखकर फैसले लेता है। पीएम मोदी ने कहा, “भारत अब किसी तीसरे देश को ध्यान में रखकर कोई फैसला नहीं करता बल्कि ऐसे फैसले करता है जो भारत के लोगों के हित में हों। हम किसी तीसरे के आधार पर अपना निर्णय नहीं करेंगे। हम निर्णय हमारे लिए करेंगे। अगर रूस से सस्ता पेट्रोल चाहिए तो हम लेंगे, और हम इसे छिपाते नहीं हैं। हम अपनी शर्तों पर देश को चलाते हैं।”
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पीएम मोदी ने रूस और यूक्रेन के मामले पर भी अपनी राय को व्यक्त किया और कहा, “की राष्ट्रपति पुतिन यदि मेरी तारीफ करते हैं, इसका यह मतलब नहीं कि मैं उनसे यह नहीं कह सकता कि ‘यह युद्ध का समय नहीं है’। वो भी इसका सम्मान करेंगे कि चलिए कोई मित्र है जो यह बताता है कि क्या सही है और क्या गलत। यूक्रेन को भी मुझ पर उतना ही भरोसा है। मुझ पर यानी भारत पर।” पीएम मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि भारत अपने हितों को प्राथमिकता देता है और किसी भी अन्य देश की राय से प्रभावित नहीं होता। उन्होंने कहा, “हम अपने निर्णय स्वतंत्र रूप से लेते हैं, और हमारे निर्णय भारतीयों के हित में होते हैं। हम किसी के कहने से नहीं चलेंगे, हम अपनी शर्तों पर देश को चलाते हैं।”
उन्होंने यह भी बताया कि उनकी नीति स्पष्ट और पारदर्शी है। “हम जो भी करते हैं, साफ-साफ करते हैं। हम चोरी-छिपे कुछ नहीं करते, न ही किसी को बताकर कुछ करते हैं। हमारे निर्णय हमारे देश के हित में होते हैं और हम उसी अनुसार काम करते हैं। इस प्रकार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने इंटरव्यू में स्पष्ट किया कि भारत अब किसी भी तरह के दबाव में आकर फैसले नहीं करता और अपने हितों को प्राथमिकता देता है। यह इंटरव्यू उनकी स्पष्ट विदेश नीति और अंतरराष्ट्रीय मामलों में भारत की स्वतंत्र स्थिति को उजागर करता है। उन्होंने अपने प्रयासों और नीतियों के बारे में खुलकर बात की, जो यह दर्शाता है कि भारत एक सशक्त और आत्मनिर्भर राष्ट्र के रूप में उभर रहा है।