हरियाणा के नूंह में धू-धूकर जली उठी श्रद्धालुओं से भरी बस, 20 से ज्यादा घायल, 9 लोगों की मौत
कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे पर नूंह जिले के धुलावट गांव के पास एक भयावह हादसा हुआ जिसमें चलती बस में आग लगने से नौ लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। हादसे में झुलसे करीब बीस लोग गंभीर रूप से घायल हैं, जिनमें कई बच्चे और महिलाएं शामिल हैं।
कुंडली-मानेसर-पलवल एक्सप्रेस-वे पर नूंह जिले के धुलावट गांव के पास एक भयावह हादसा हुआ जिसमें चलती बस में आग लगने से नौ लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। हादसे में झुलसे करीब बीस लोग गंभीर रूप से घायल हैं, जिनमें कई बच्चे और महिलाएं शामिल हैं। यह हादसा देर रात करीब पौने दो बजे हुआ, जब बस मथुरा और वृंदावन से चंडीगढ़ लौट रही थी। बस में सवार सभी यात्री पंजाब के होशियारपुर और चंडीगढ़ के निवासी थे। वे एक टूरिस्ट कंपनी की बस से सात दिन के धार्मिक स्थलों के दर्शन के लिए निकले थे। हादसे के वक्त बस में करीब साठ लोग सवार थे। नूंह के राजकीय शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज नलहड़ में नौ शव रखे गए हैं, जिनमें छह महिलाएं और तीन पुरुष शामिल हैं।
हादसे में झुलसी सरोज पुंज और पूनम ने बताया कि रात करीब डेढ़ से दो बजे के बीच बस केएमपी पर धुलावट गांव की सीमा में पहुंची। तभी एक बाइक सवार युवक ने बस को रुकवाया और बताया कि बस के पिछले हिस्से में आग लगी हुई है। इस सूचना के मिलते ही बस में सवार लोग घबरा गए और आग की लपटें तेजी से फैलने लगीं। आग लगते ही गांव के लोग भी मौके पर पहुंच गए। उन्होंने बस के शीशे तोड़कर यात्रियों को निकालने का प्रयास किया। बस रुकते ही आग ने पूरी बस को अपनी चपेट में ले लिया। कुछ यात्री गेट और खिड़कियों से बाहर निकलने में सफल रहे, लेकिन पीछे बैठे आठ लोग बस से नहीं निकल पाए और जिंदा जल गए। इस बीच, एक अन्य व्यक्ति ने अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।
घटना की सूचना मिलते ही शहर थाना प्रभारी प्रदीप कुमार, सदर थाना प्रभारी जितेंद्र, डीएसपी मुकेश कुमार और पुलिस अधीक्षक नरेंद्र बिजारणिया मौके पर पहुंचे। उन्होंने एंबुलेंस बुलाकर घायलों को अलग-अलग अस्पतालों में भेज दिया। दमकल विभाग की चार गाड़ियां भी मौके पर पहुंचीं, लेकिन तब तक आग बुझ चुकी थी। घायलों में कई की हालत गंभीर बनी हुई है। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है और हादसे के कारणों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है। प्रारंभिक जांच में यह संकेत मिले हैं कि बस के पिछले हिस्से में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी होगी, लेकिन इस पर अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
हादसे के बाद से स्थानीय लोग और मृतकों के परिवारजनों में शोक का माहौल है। नूंह जिले के प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। प्रशासन की ओर से मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की भी घोषणा की गई है। यह हादसा एक बार फिर से सड़क सुरक्षा और वाहन निरीक्षण के महत्व को उजागर करता है। बसों और अन्य सार्वजनिक वाहनों की नियमित जांच और रखरखाव सुनिश्चित करना अत्यंत आवश्यक है ताकि इस तरह की दुखद घटनाओं से बचा जा सके। इसके अलावा, यात्रियों को भी आपात स्थिति में बस से बाहर निकलने के सुरक्षित मार्गों के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए।
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इस घटना ने धार्मिक यात्रा पर निकले श्रद्धालुओं के लिए एक काले दिन की तरह यादें छोड़ी हैं। हादसे में बचे यात्रियों को इलाज के बाद उनके घरों को सुरक्षित पहुंचाने के प्रयास किए जा रहे हैं। पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीम हादसे के कारणों की तहकीकात में जुटी है ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को रोका जा सके। राजकीय शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज नलहड़ में हादसे के शिकार लोगों के परिवारजनों का तांता लगा हुआ है। हर कोई अपने प्रियजनों के बारे में जानकारी पाने के लिए बेचैन है। मृतकों के शवों को पहचान के बाद उनके परिजनों को सौंप दिया जाएगा। घायलों का इलाज जारी है और उनकी हालत पर लगातार नजर रखी जा रही है।
अधिकारियों ने दुर्घटना स्थल का निरीक्षण किया और घटनास्थल की बारीकी से जांच की जा रही है। दमकल विभाग की टीम ने बस की राख हो चुकी संरचना की जांच की और यह सुनिश्चित किया कि कहीं आग का कोई और स्रोत न हो। हादसे के बाद से ही इलाके में सन्नाटा पसरा हुआ है और लोग इस भयावह घटना के सदमे से उबरने की कोशिश कर रहे हैं।