दिल्ली महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष और आम आदमी पार्टी (आप) की सांसद स्वाति मालीवाल की मारपीट मामले में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में हुई उनकी एमएलसी (मेडिकल) रिपोर्ट आ गई है। इस रिपोर्ट में कुछ महत्वपूर्ण खुलासे हुए हैं, जिनसे यह पता चलता है कि स्वाति मालीवाल के शरीर के किन हिस्सों में चोटें लगी थीं। एमएलसी रिपोर्ट में बताया गया है कि स्वाति के शरीर पर चार जगह चोटें आई थीं। स्वाति मालीवाल की स्थिति का जायजा लेने के लिए एम्स के डॉक्टरों ने उनकी पूरी मेडिकल जांच की। इस जांच में पाया गया कि उनके शरीर पर चोट के निशान थे जो गंभीरता का संकेत दे रहे थे। डॉक्टरों के अनुसार, स्वाति के शरीर पर चार अलग-अलग स्थानों पर चोटें पाई गईं। इन चोटों में से कुछ ताज़ी थीं जबकि कुछ पुराने निशान भी थे, जो इस ओर संकेत करते हैं कि यह घटना किसी एक समय की नहीं हो सकती है।
एमएलसी रिपोर्ट में चोटों का विवरण देते हुए बताया गया है कि स्वाति के शरीर पर जो चोटें पाई गईं, वे विभिन्न अंगों पर थीं। रिपोर्ट के अनुसार, पहली चोट उनके दाहिने कंधे पर थी, जो एक गहरे चोट का निशान था। दूसरी चोट उनकी बाईं कोहनी पर थी, जिसमें सूजन और गहरे नीले रंग का निशान देखा गया। तीसरी चोट उनकी पीठ के निचले हिस्से में थी, जो मांसपेशियों में गहरी चोट का संकेत दे रही थी। चौथी और सबसे गंभीर चोट उनके बाएं घुटने पर पाई गई, जिसमें हड्डी के पास की मांसपेशियों में गंभीर क्षति का संकेत था। इन चोटों की जानकारी मिलते ही दिल्ली महिला आयोग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए विस्तृत जांच की मांग की है। आयोग की अध्यक्ष रेणुका शर्मा ने कहा कि यह घटना महिलाओं की सुरक्षा के प्रति हमारे समाज की उदासीनता को दर्शाती है और इस पर सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि स्वाति मालीवाल की स्थिति को देखते हुए उनकी सुरक्षा को मजबूत करने की जरूरत है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।
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स्वाति मालीवाल ने अपनी एमएलसी रिपोर्ट मिलने के बाद एक प्रेस कांफ्रेंस में अपनी बात रखते हुए कहा कि उनके ऊपर हमला महिलाओं की आवाज को दबाने की कोशिश है। उन्होंने कहा कि वे इस मामले को संसद में उठाएंगी और महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे पर सरकार से जवाब मांगेंगी। स्वाति मालीवाल ने यह भी कहा कि यह हमला सिर्फ उनके ऊपर नहीं बल्कि हर उस महिला पर हमला है जो अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत करती है। इस मामले में पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। स्वाति मालीवाल ने आरोप लगाया कि घटना के बाद पुलिस ने तुरंत और प्रभावी कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि हमलावरों को पकड़ने में देरी हुई और मामले की जांच में पुलिस ने लापरवाही बरती। उन्होंने यह भी मांग की कि इस मामले की निष्पक्ष और त्वरित जांच हो और दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाए।
मारपीट की इस घटना ने दिल्ली के राजनीतिक और सामाजिक माहौल में भी हलचल मचा दी है। आम आदमी पार्टी ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और कहा है कि यह हमला एक साजिश के तहत किया गया है ताकि स्वाति मालीवाल की आवाज को दबाया जा सके। पार्टी ने इस घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग की है और दोषियों को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की है। इस घटना ने महिलाओं की सुरक्षा के मुद्दे को फिर से प्रमुखता से उठाया है। महिलाओं के खिलाफ हिंसा और अपराधों की बढ़ती घटनाएं चिंता का विषय हैं। स्वाति मालीवाल की मारपीट की यह घटना समाज में महिलाओं की स्थिति को दर्शाती है और यह स्पष्ट करती है कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
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स्वाति मालीवाल ने अपनी चोटों और इस घटना के बारे में बताते हुए कहा कि यह उनकी हिम्मत को तोड़ने की कोशिश थी, लेकिन वे और मजबूत होकर उभरेंगी। उन्होंने यह भी कहा कि वे इस मामले को न्यायालय तक ले जाएंगी और सुनिश्चित करेंगी कि दोषियों को उनके अपराध की सजा मिले। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि यह घटना महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों के प्रति हमारे समाज की उदासीनता को दर्शाती है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि इस मामले में त्वरित और सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।