बिहार के सारण में चुनावी हिंसा, गोली लगने से एक की मौत, दो घायल, 48 घंटे के लिए किया गया इंटरनेट बंद
बिहार के सारण लोकसभा सीट पर सोमवार को हुए पांचवें चरण के मतदान के बाद हिंसा की खबर सामने आई है। इस सीट से राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की ओर से रोहिणी आचार्य उम्मीदवार हैं। मतदान खत्म होने के बाद जब वह छपरा शहर के एक बूथ पर पहुंचीं, तो वहां जमकर हंगामा हुआ।
बिहार के सारण में लोकसभा सीट पर सोमवार को हुए पांचवें चरण की वोटिंग के बाद जमकर हिंसा हुई। इस लोकसभा सीट से राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की ओर से रोहिणी आचार्य उम्मीदवार हैं। मतदान खत्म होने के बाद जब वह छपरा शहर के एक बूथ पर पहुंचीं, तो वहां जमकर हंगामा हुआ। सारण में मंगलवार को विवाद बढ़ने पर दो पक्षों के बीच गोलीबारी हुई, जिसमें तीन लोगों को गोली लगी। इस घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि दो लोग गंभीर रूप से घायल हैं। पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को हिरासत में लिया है और क्षेत्र में इंटरनेट सेवाओं को दो दिनों के लिए बंद कर दिया गया है।
घटना के बाद छपरा के भिखारी ठाकुर चौक पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। मौके पर जिले के एसपी और डीएम भी मौजूद हैं। सोमवार शाम को आरजेडी उम्मीदवार रोहिणी आचार्य इसी इलाके के बूथ संख्या 118 पर पहुंची थीं। एक चश्मदीद स्थानीय नागरिक ने बताया कि दोनों पक्षों के लोग भारी संख्या में मौजूद थे और उनके पास लाठी-डंडे थे। दोनों तरफ से गोलियां भी चलीं। तीन लोगों को गोली लगी है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि रोहिणी आचार्य ने बूथ पर पहुंचकर मतदाताओं के साथ गलत बर्ताव किया था और उनके समर्थक भी साथ थे। आक्रोशित भीड़ को देखकर रोहिणी आचार्य को वहां से निकलना पड़ा, लेकिन मंगलवार सुबह फिर से विवाद बढ़ गया और गोलीबारी की घटना हो गई।
सारण के एसपी गौरव मंगला ने बताया कि सोमवार को आरजेडी और बीजेपी के कार्यकर्ताओं के बीच विवाद हुआ था। इसी के प्रतिक्रम में मंगलवार को कुछ लोगों ने गोलीबारी की। तीन लोगों को गोली लगी है, जिसमें एक की मौत हो गई है और दो लोग अस्पताल में भर्ती हैं। जिन लोगों ने यह घटना भड़काई थी, उनके खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। कुछ समय के लिए इंटरनेट सेवाओं को बंद किया गया है। सोमवार को लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण के तहत आठ राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों की 49 सीटों पर मतदान हुआ था। इस चरण के तहत बिहार की पांच सीटों पर वोटिंग हुई थी, जिनमें सीतामढ़ी, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सारण और हाजीपुर शामिल हैं। बिहार में पांचवे चरण में 52.93% वोटिंग हुई थी।
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घटना के बाद से सारण क्षेत्र में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी पूरी कोशिश कर रहे हैं कि स्थिति को जल्द से जल्द सामान्य किया जा सके। इस घटना ने क्षेत्र में चुनावी माहौल को और गरमा दिया है। सोमवार शाम को जब रोहिणी आचार्य बूथ संख्या 118 पर पहुंचीं, तो वहां पहले से ही तनावपूर्ण माहौल था। स्थानीय लोगों का कहना है कि रोहिणी आचार्य के बूथ पर पहुंचने के बाद स्थिति और बिगड़ गई। रोहिणी आचार्य के समर्थकों और विरोधी दल के कार्यकर्ताओं के बीच तीखी झड़प हो गई।
घटनास्थल पर मौजूद एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि दोनों पक्षों के लोग हाथों में लाठी-डंडे लेकर आए थे। दोनों तरफ से तीखी नारेबाजी हो रही थी और फिर अचानक गोलियां चलने लगीं। तीन लोगों को गोली लगी और उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां एक व्यक्ति की मौत हो गई। घटना के बाद से इलाके में भारी तनाव है। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तुरंत कार्रवाई की और दो लोगों को हिरासत में लिया। एसपी गौरव मंगला ने बताया कि इस घटना में शामिल सभी दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाएगा।
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इंटरनेट सेवाओं को बंद करने का निर्णय इसीलिए लिया गया है ताकि अफवाहों और गलत जानकारी फैलाने से रोका जा सके। बिहार में चुनाव के दौरान हिंसा की घटनाएं पहले भी सामने आती रही हैं, लेकिन इस बार की घटना ने सभी को चौंका दिया है। मतदाताओं में भी इस घटना के बाद से डर और असुरक्षा की भावना है। प्रशासन को उम्मीद है कि वे जल्द ही स्थिति को नियंत्रण में ला पाएंगे और इलाके में शांति स्थापित कर पाएंगे। स्थानीय प्रशासन के अनुसार, अगले कुछ दिनों तक क्षेत्र में पुलिस का भारी बंदोबस्त रहेगा। डीएम ने कहा कि मतदान प्रक्रिया को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण बनाने के लिए प्रशासन ने हर संभव कदम उठाए हैं और जो भी इस तरह की घटनाओं में शामिल पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना ने चुनावी राजनीति में नया मोड़ ला दिया है। दोनों पार्टियों के समर्थकों के बीच तनाव बढ़ गया है और यह चुनावी माहौल को और भी गरमा सकता है। ऐसे समय में प्रशासन की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाती है। कुल मिलाकर, सारण में चुनाव के दौरान हुई हिंसा ने पूरे बिहार में हलचल मचा दी है। यह देखना बाकी है कि प्रशासन कैसे इस स्थिति को संभालता है और दोषियों को सजा दिलाने में कितनी सफल होती है। मतदाताओं को सुरक्षित और निष्पक्ष मतदान का माहौल देने की जिम्मेदारी अब प्रशासन पर है। सारण की इस घटना ने एक बार फिर चुनावी हिंसा और सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन और चुनाव आयोग को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो और सभी मतदाता बिना किसी डर के अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें।