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कौशांबी में भाजपा को ध्वस्त करने वाले पुष्पेंद्र सरोज ने राजा भैया से मुलाकात की,कुंडा जाकर किया धन्यवाद.

उत्तर प्रदेश के कुंडा से हाल ही में एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जिसने सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया है। इस तस्वीर में बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया और समाजवादी पार्टी के नवनिर्वाचित सांसद पुष्पेंद्र सरोज साथ नजर आ रहे हैं।

उत्तर प्रदेश के कुंडा से हाल ही में एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जिसने सियासी गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया है। इस तस्वीर में बाहुबली विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया और समाजवादी पार्टी के नवनिर्वाचित सांसद पुष्पेंद्र सरोज साथ नजर आ रहे हैं। लोकसभा चुनाव खत्म होने के बाद की यह मुलाकात न केवल चर्चा का विषय बनी हुई है, बल्कि इसके राजनीतिक मायने भी गहरे हैं। पुष्पेंद्र सरोज, जिन्होंने इस बार कौशांबी लोकसभा सीट से चुनाव जीता है, राजा भैया से मिलने कुंडा के बेंती महल आए थे। यह मुलाकात केवल शिष्टाचार भेंट नहीं थी, बल्कि इसके पीछे राजनीतिक समीकरण भी काम कर रहे थे। कहा जा रहा है कि राजा भैया के समर्थक सपा के साथ थे, इसलिए पुष्पेंद्र उन्हें धन्यवाद देने आए थे।

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राजा भैया और पुष्पेंद्र सरोज के बीच करीब आधे घंटे तक गुफ्तगू हुई। इस मुलाकात की तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। जनसत्ता दल के सोशल मीडिया पेज से इस फोटो को शेयर किया गया है। इसके कैप्शन में लिखा है- “आज राजभवन बेंती (कुंडा) में जनसत्ता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय राजा भैया से शिष्टाचार भेंट करने पहुंचे कौशांबी लोकसभा क्षेत्र के नवनिर्वाचित सांसद पुष्पेंद्र सरोज।” लोकसभा चुनाव के दौरान गृह मंत्री अमित शाह से राजा भैया की मुलाकात हुई थी। इस मुलाकात में शाह ने राजा भैया से बीजेपी का समर्थन करने का अनुरोध किया था। इसके बाद राजा भैया ने अपने समर्थकों के साथ बैठक की थी। बैठक के बाद उन्होंने कहा था कि हम किसी को समर्थन नहीं कर रहे हैं, लेकिन मेरे समर्थक जिसका चाहें समर्थन कर सकते हैं। हालांकि, इसके बाद राजा भैया के ज्यादातर समर्थक सपा उम्मीदवार के साथ नजर आए थे। उन्होंने सपा के कौशांबी और प्रतापगढ़ प्रत्याशी के लिए समर्थन जुटाया था। जनसत्ता दल के कार्यकर्ताओं ने अखिलेश यादव की रैली में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। इन घटनाओं ने स्पष्ट कर दिया कि राजा भैया के समर्थकों का रुझान सपा की ओर था। 4 जून को आए लोकसभा चुनाव के नतीजों में पुष्पेंद्र सरोज ने बीजेपी के दो बार के सांसद विनोद सोनकर को डेढ़ लाख से अधिक वोटों से हराया। 25 साल के सरोज इस बार सबसे कम उम्र के सांसद बने हैं। उनकी इस जीत ने सियासी पंडितों को चौंका दिया है। यह जीत न केवल उनके राजनीतिक करियर के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि सपा के लिए भी एक बड़ी सफलता मानी जा रही है।

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राजा भैया की भूमिका इस चुनाव में अप्रत्यक्ष रूप से महत्वपूर्ण रही है। उन्होंने सीधे तौर पर किसी का समर्थन नहीं किया, लेकिन उनके समर्थकों ने सपा के लिए माहौल बनाने में अहम भूमिका निभाई। इस मुलाकात के बाद अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या आने वाले समय में राजा भैया और सपा के बीच कोई नया राजनीतिक समीकरण बन सकता है? राजा भैया और पुष्पेंद्र सरोज की मुलाकात की चर्चा सियासी गलियारों में जोरों पर है। यह मुलाकात केवल शिष्टाचार भेंट नहीं मानी जा रही, बल्कि इसके पीछे गहरे राजनीतिक मायने तलाशे जा रहे हैं। कुछ राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मुलाकात आने वाले चुनावों के लिए एक संकेत हो सकती है। सोशल मीडिया पर इस मुलाकात की फोटो तेजी से वायरल हो रही है। जनसत्ता दल और सपा के समर्थक इस फोटो को अलग-अलग नजरिए से देख रहे हैं। कुछ लोग इसे सियासी गठजोड़ की शुरुआत मान रहे हैं, जबकि कुछ इसे केवल एक शिष्टाचार भेंट के रूप में देख रहे हैं। यह मुलाकात और इसके बाद की चर्चाएं आने वाले समय में राजनीतिक परिदृश्य को कैसे प्रभावित करेंगी, यह देखने वाली बात होगी। राजा भैया और पुष्पेंद्र सरोज के बीच की यह मुलाकात सपा और जनसत्ता दल के बीच एक नए समीकरण का संकेत हो सकती है। अगर ऐसा होता है, तो उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नया मोड़ आ सकता है। कुंडा की यह तस्वीर और इसके पीछे की राजनीतिक घटनाएं इस बात की ओर इशारा करती हैं कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में बदलाव की लहरें चल रही हैं। राजा भैया और पुष्पेंद्र सरोज की मुलाकात आने वाले समय में क्या रंग लाए।

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