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दिल्ली में हुए जल संकट को लेकर आतिशी ने हरियाणा सरकार को घेरा कहा अगर दिल्ली को पानी नहीं दिया गया तो पूरी दिल्ली में त्राहि-त्राहि मच जाएगी।

दिल्ली में जल संकट की समस्या लगातार बनी हुई है। राजधानी में पानी की कमी के चलते लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने हरियाणा सरकार पर पानी रोकने का गंभीर आरोप लगाया है।

दिल्ली में जल संकट की समस्या लगातार बनी हुई है। राजधानी में पानी की कमी के चलते लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस बीच दिल्ली की जल मंत्री आतिशी ने हरियाणा सरकार पर पानी रोकने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पिछले 5 दिनों से दिल्ली को मिलने वाली पानी की मात्रा लगातार घट रही है, जिससे जल संकट और गहरा रहा है। आतिशी ने कहा, “अगर हरियाणा की ओर से 1050 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है तो कम से कम 1000 क्यूसेक पानी दिल्ली तक पहुंचना चाहिए। लेकिन, पिछले कुछ दिनों में यह मात्रा घटकर 1 जून को 924 क्यूसेक और 2 जून को सिर्फ 848 क्यूसेक रह गई है।”

उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा की नहरों से पानी दिल्ली के सात जल उपचार संयंत्रों (डब्ल्यूटीपी) तक आता है। इनमें वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला जल उपचार संयंत्र शामिल हैं। जब हरियाणा से पानी की आपूर्ति कम होती है, तो इन संयंत्रों में कम पानी पहुंचता है, जिससे दिल्ली के नागरिकों को पर्याप्त पेयजल नहीं मिल पाता है। आतिशी ने हरियाणा सरकार पर षड्यंत्र का आरोप लगाते हुए कहा, “हरियाणा सरकार दिल्ली के लोगों के विरुद्ध षड्यंत्र रच रही है। सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में पानी की समस्या का समाधान करने का प्रयास कर रहा है, परंतु हरियाणा सरकार लगातार दिल्ली के हिस्से के पानी को रोक रही है।”

आतिशी ने कहा, “अगर हरियाणा की ओर से 1050 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है तो कम से कम 1000 क्यूसेक पानी दिल्ली तक पहुंचना चाहिए। लेकिन, पिछले कुछ दिनों में यह मात्रा घटकर 1 जून को 924 क्यूसेक और 2 जून को सिर्फ 848 क्यूसेक रह गई है।”

उन्होंने कहा कि इस कारण वजीराबाद जलाशय का जल स्तर गिरता जा रहा है। “दो जून को जल स्तर 671.3 फीट था और सात जून को घटकर 669.7 फीट रह गया है,” आतिशी ने कहा। उनका आरोप है कि जब यह मामला दो जून को सुप्रीम कोर्ट में गया, उसी दिन से हरियाणा ने दिल्ली की तरफ पानी छोड़ना कम कर दिया दिल्ली जल आपूर्ति के लिए यमुना नदी पर निर्भर है। यमुना नदी में वही पानी आता है, जो हरियाणा से छोड़ा जाता है। अगर हरियाणा से कम पानी छोड़ा जाएगा, तो इसका असर दिल्ली के जल उपचार संयंत्रों पर पड़ेगा और इससे कम उपचारित पेयजल मिलेगा।

इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में पानी की समस्या सुलझाने के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। कोर्ट ने सभी संबंधित पक्षों से मामले की गंभीरता को समझने और समाधान निकालने की अपील की है। कोर्ट ने हरियाणा सरकार को भी निर्देश दिया है कि वह दिल्ली को उसके हिस्से का पानी देने में कोई कोताही न बरते। हिमाचल प्रदेश ने भी दिल्ली को पानी देने की पेशकश की है, लेकिन हरियाणा सरकार इसे रोक रही है। हिमाचल प्रदेश से मिलने वाला पानी दिल्ली तक पहुंचने में हरियाणा सरकार बाधा डाल रही है। इस पर आतिशी ने कहा, “हिमाचल प्रदेश ज्यादा पानी देने को तैयार है, वहीं दूसरी ओर हरियाणा दिल्ली के हक का पानी रोक रहा है और जारी नहीं कर रहा है।”

कोर्ट ने हरियाणा सरकार को भी निर्देश दिया है कि वह दिल्ली को उसके हिस्से का पानी देने में कोई कोताही न बरते।

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दिल्ली में पानी की कमी से स्थिति गंभीर होती जा रही है। जलमंत्री ने चेतावनी दी है कि अगर दिल्ली को पानी नहीं दिया गया तो पूरी दिल्ली में त्राहि-त्राहि मच जाएगी। उन्होंने कहा, “पूरी दिल्ली में पानी को लेकर हाहाकार मचा है। अगर हरियाणा ने अपनी हरकतें नहीं रोकीं तो स्थिति और बिगड़ सकती है।” इससे पहले, शुक्रवार को जल मंत्री आतिशी ने वजीराबाद बैराज का निरीक्षण किया। उन्होंने वहाँ की स्थिति का जायजा लेते हुए कहा कि हरियाणा सरकार जानबूझकर दिल्ली के हिस्से का पानी रोक रही है। “वजीराबाद जलाशय का जल स्तर गिरता जा रहा है, जिससे दिल्ली के लोगों को पेयजल की कमी हो रही है। हरियाणा सरकार के इस रवैये से दिल्लीवासियों को काफी परेशानी हो रही है।

इस पूरे मामले पर हरियाणा सरकार की ओर से अभी तक कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है। हालांकि, हरियाणा के अधिकारियों ने बार-बार दावा किया है कि वे दिल्ली को उसके हिस्से का पानी दे रहे हैं और किसी भी तरह की कमी नहीं हो रही है। लेकिन दिल्ली सरकार के आरोप और आंकड़े कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं। दिल्ली के जल संकट पर राजनीति भी गरमा गई है। आम आदमी पार्टी और भाजपा के बीच इस मुद्दे पर तीखी नोकझोंक हो रही है। दिल्ली सरकार के मंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता आतिशी ने भाजपा शासित हरियाणा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह दिल्लीवासियों के साथ अन्याय कर रही है। दूसरी ओर, भाजपा नेताओं ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि दिल्ली सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए हरियाणा पर आरोप लगा रही है।

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इस बीच, दिल्लीवासियों को जल संकट से निपटने के लिए जल संरक्षण और जल प्रबंधन के उपाय अपनाने की अपील की जा रही है। जल संकट के इस गंभीर समय में लोगों से पानी की बर्बादी न करने और जितना हो सके पानी बचाने की अपील की जा रही है। दिल्ली सरकार भी इस दिशा में कई कदम उठा रही है और लोगों को जल संरक्षण के लिए जागरूक कर रही है। जल संकट का समाधान निकट भविष्य में निकल पाएगा या नहीं, यह तो वक्त ही बताएगा। लेकिन फिलहाल, दिल्ली के लोग पानी की कमी से जूझ रहे हैं और हरियाणा सरकार के रवैये से नाराज हैं। सुप्रीम कोर्ट के प्रयास और हिमाचल प्रदेश की पेशकश इस मामले में क्या बदलाव ला पाएंगे, यह देखना दिलचस्प होगा।

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