खरगे के बयान पर मचा सियासी हंगामा कहा कभी भी गिर सकती है NDA की सरकार,JDU नेता ने किया करारा पलटवार
लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद कांग्रेस के हौसले एक बार फिर बुलंद हो गए हैं। भले ही एनडीए गठबंधन ने सरकार बनाने में सफलता प्राप्त कर ली हो, मगर आई.एन.डी.आई. गठबंधन ने 234 सीटें जीतकर अपनी मजबूती का प्रदर्शन किया है।
लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद कांग्रेस के हौसले एक बार फिर बुलंद हो गए हैं। भले ही एनडीए गठबंधन ने सरकार बनाने में सफलता प्राप्त कर ली हो, मगर आई.एन.डी.आई. गठबंधन ने 234 सीटें जीतकर अपनी मजबूती का प्रदर्शन किया है। दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को नीतीश कुमार की जनता दल (यूनाइटेड) और चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के सहारे सरकार चलानी पड़ रही है। इसी बीच, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मोदी सरकार और भाजपा पर तीखा हमला बोला है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने बयान में मोदी सरकार और भाजपा पर जमकर निशाना साधा। खरगे ने कहा कि भाजपा अब नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू की पार्टियों के सहारे सरकार चला रही है, जो खुद अपने राज्यों में संघर्ष कर रही हैं। खरगे का कहना है कि यह स्पष्ट है कि जनादेश मोदी सरकार के खिलाफ था और जनता ने भाजपा को स्पष्ट रूप से नकार दिया है। फिर भी, गठबंधन की राजनीति और छोटे दलों के समर्थन के कारण भाजपा सत्ता में आई है।
राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रवक्ता एजाज अहमद ने मल्लिकार्जुन खरगे के बयान का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि खरगे सही कह रहे हैं। जनादेश स्पष्ट रूप से मोदी सरकार के खिलाफ था और मतदाताओं ने उन्हें स्वीकार नहीं किया। फिर भी, भाजपा ने छोटे दलों और गठबंधन की मदद से सत्ता में आना सुनिश्चित किया है। बिहार के पूर्व सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री और जेडीयू एमएलसी नीरज कुमार ने खरगे के बयान पर तीखा पलटवार किया। उन्होंने पीवी नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह की कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकारों के स्कोरकार्ड की चर्चा की। नीरज ने पूछा कि क्या खरगे कांग्रेस की विरासत से अनभिज्ञ हैं? उन्होंने कहा, “कांग्रेस अब 99 के चक्कर में फंस गई है।” नीरज का इशारा कांग्रेस की इस बार की 99 सीटों पर जीत की ओर था, जो पार्टी के लिए चिंता का विषय है।
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इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 240 सीटें जीतीं, जबकि कांग्रेस 99 सीटों पर सिमट गई। हालांकि, रिजल्ट सामने आने के दो दिन बाद ही एक निर्दलीय सांसद ने कांग्रेस में शामिल होकर पार्टी की संख्या 100 तक पहुंचा दी। आई.एन.डी.आई. गठबंधन की 234 सीटों की जीत ने यह साफ कर दिया कि विपक्षी दलों की स्थिति मजबूत है और वे सत्ता पक्ष को कड़ी चुनौती देने में सक्षम हैं। इस चुनाव परिणाम ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भारतीय राजनीति में गठबंधन की भूमिका महत्वपूर्ण होती जा रही है। भाजपा को सरकार बनाने के लिए जेडीयू और टीडीपी जैसे सहयोगियों की जरूरत पड़ रही है, वहीं आई.एन.डी.आई. गठबंधन ने भी अपनी प्रभावी उपस्थिति दर्ज कराई है। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि भारतीय राजनीति में अब एकल पार्टी की बजाय गठबंधन की राजनीति अधिक प्रभावी होती जा रही है।
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कांग्रेस के लिए यह समय आत्ममंथन और अपनी रणनीति पर पुनर्विचार का है। मल्लिकार्जुन खरगे के नेतृत्व में पार्टी को अब आगे की राह पर ध्यान केंद्रित करना होगा और उन कमजोरियों को दूर करना होगा जो इस चुनाव में उजागर हुईं। कांग्रेस को अब अपनी संगठनात्मक संरचना को मजबूत करने के साथ ही युवाओं और नए वोटर्स को आकर्षित करने की दिशा में काम करना होगा। लोकसभा चुनाव के इस परिणाम ने भारतीय राजनीति में नए समीकरण और नए समीकरणों की संभावनाओं को जन्म दिया है। भाजपा ने अपनी सरकार तो बना ली है, लेकिन उसे सहयोगी दलों की आवश्यकता ने उसकी स्थिति को कुछ हद तक कमजोर कर दिया है। वहीं, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के लिए यह समय एक नई शुरुआत और अपने लक्ष्यों को पुनः परिभाषित करने का है। मल्लिकार्जुन खरगे का तीखा बयान और आरजेडी का समर्थन इस बात का संकेत है कि विपक्ष अब और अधिक संगठित और आक्रामक रूप से अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार है।