राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा: युद्ध रुकवा दिए, पर NET परीक्षा का पेपर लीक रोकने में विफल रहे’
राजधानी दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय पर नीट मुद्दे और यूजीसी-नेट परीक्षा रद होने पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक जोरदार बयान दिया। उन्होंने कहा कि पेपर लीक के पीछे की मुख्य वजह यह है कि शिक्षा प्रणाली पर भाजपा के मूल संगठन ने कब्जा कर लिया है।
राजधानी दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय पर नीट मुद्दे और यूजीसी-नेट परीक्षा रद होने पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक जोरदार बयान दिया। उन्होंने कहा कि पेपर लीक के पीछे की मुख्य वजह यह है कि शिक्षा प्रणाली पर भाजपा के मूल संगठन ने कब्जा कर लिया है। जब तक इसे बदला नहीं जाता, पेपर लीक की घटनाएं होती रहेंगी। राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कब्जे को आसान बनाया है और यह एक देश विरोधी गतिविधि है। अभी NEET पेपर लीक का मुद्दा शांत भी नहीं हुआ था कि बुधवार को UGC NET जून 2024 की भी परीक्षा रद हो गई। इन दोनों परीक्षाओं के रद होने को लेकर केंद्र सरकार पर कई सवाल उठाए जा रहे हैं। गुरुवार को राहुल गांधी ने प्रेस कांफ्रेंस में केंद्र की एनडीए सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा, “ऐसा कहा जा रहा था कि प्रधानमंत्री मोदी ने रूस-यूक्रेन का युद्ध रुकवा दिया, लेकिन कुछ कारणों से नरेंद्र मोदी भारत में पेपर लीक रोक नहीं पाए हैं या रोकना नहीं चाहते हैं।”
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि पेपर लीक की घटनाओं की जांच होनी चाहिए और जिन्होंने भी यह कृत्य किया है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने आश्वासन दिया कि कांग्रेस पार्टी संसद में इस मुद्दे को उठाएगी और छात्रों के हित में न्याय की मांग करेगी। उन्होंने कहा, “हम संसद में इस मुद्दे को उठाएंगे और सरकार को जवाबदेह बनाएंगे।” कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने भी सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं? उन्होंने कहा, “हम प्रधानमंत्री से जवाब की मांग कर रहे हैं। सरकार एक परीक्षा भी सही तरीके से आयोजित नहीं कर पा रही है, तो वे इस देश पर शासन कैसे कर सकते हैं? हमें छात्रों के लिए न्याय चाहिए।
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पेपर लीक और परीक्षाओं के रद होने से लाखों छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है। छात्र और उनके परिवार इस स्थिति से बहुत परेशान हैं। कांग्रेस पार्टी का मानना है कि यह सरकार की विफलता का स्पष्ट उदाहरण है और इस मुद्दे पर कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार से छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए त्वरित और प्रभावी कदम उठाने की मांग की है।