लोकतंत्र के इतिहास में आपातकाल के काले अध्याय के 25 जून को 50 साल पुरे, नई पीढ़ी द्वारा नहीं भुलाये जायेंगे ; जानें PM मोदी के संबोधन की 10 महत्वपूर्ण बातें.
18वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू हो चुका है, और इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में इसे संकल्प की पूर्ति का सदन बताया। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के संकल्प के साथ नई लोकसभा की शुरुआत हो रही है। यह 60 साल बाद हुआ है कि किसी सरकार को तीसरी बार सेवा का मौका मिला है, जो अपने आप में एक गौरवपूर्ण घटना है।
18वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू हो चुका है, और इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में इसे संकल्प की पूर्ति का सदन बताया। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के संकल्प के साथ नई लोकसभा की शुरुआत हो रही है। यह 60 साल बाद हुआ है कि किसी सरकार को तीसरी बार सेवा का मौका मिला है, जो अपने आप में एक गौरवपूर्ण घटना है। सत्र के पहले दिन सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत सभी नवनिर्वाचित सदस्यों ने शपथ ली। पीएम मोदी ने अपने संबोधन में सभी सदस्यों को बधाई और शुभकामनाएं दीं और इस दिन को लोकतंत्र के लिए गौरव का दिन बताया। उन्होंने आपातकाल का भी जिक्र किया और देश के सामने अपना विजन रखा, जिसमें लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने की बात कही।
प्रधानमंत्री ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र में यह दिन गौरवमय है और यह वैभव का दिन है। आजादी के बाद पहली बार यह शपथ समारोह हमारी अपनी नई संसद में हो रहा है। इससे पहले यह प्रक्रिया पुराने सदन में होती थी। पीएम मोदी ने सभी नवनिर्वाचित सांसदों का हृदय से स्वागत और अभिनंदन किया। पीएम मोदी ने कहा कि 18वीं लोकसभा का गठन भारत के सामान्य लोगों के संकल्प की पूर्ति का है। यह नए उमंग और नए उत्साह के साथ नई गति और नई ऊंचाई को प्राप्त करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण अवसर है। श्रेष्ठ भारत निर्माण और विकसित भारत 2047 के लक्ष्य के साथ 18वीं लोकसभा प्रारंभ हो रही है। उन्होंने विश्व के सबसे बड़े चुनाव को बेहद शानदार और गौरवमयी तरीके से संपन्न होना हर भारतीय के लिए गर्व की बात बताया। करीब 65 करोड़ से अधिक मतदाताओं ने इस चुनाव में हिस्सा लिया।
अपने संबोधन में PM मोदी द्वारा यह भी कहा कि यह चुनाव इसलिए भी महत्वपूर्ण हो जाते है क्योंकि आजादी के बाद ऐसा हुआ है की दूसरी बार किसी सरकार को लगातार तीसरी बार सेवा करने का अवसर प्राप्त हुआ है। यह अवसर 60 साल बाद आया है, और यह अपने आप में एक गौरवपूर्ण घटना है। देश की जनता ने अपने आश्वासन के साथ सरकार की नीयत, नीतियों और समर्पण के भाव पर अपनी मुहर लगाई है। PM द्वारा कहा गया कि उन्हें मालूम है कि सरकार चलाने के लिए बहुमत चाहिए, परन्तु देश चलाने के लिए सहमति जरूरी होती है। और वह निरंतर यह प्रयास ही करेंगे कि हर किसी को साथ लेकर मां भारती की सेवा करें। इसके बाद उन्होंने संविधान की मर्यादा का पालन करते हुए निर्णयों को गति देने की बात भी कही।
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पीएम मोदी ने कहा कि 18वीं लोकसभा में युवा सांसदों की संख्या अच्छी है। भारतीय संस्कृति और विरासत में 18 अंक का बहुत सात्विक मूल्य है। गीता के भी 18 अध्याय हैं, और कर्म, कर्तव्य और करुणा का संदेश गीता से मिलता है। हमारे यहां पुराणों और उप पुराणों की संख्या भी 18 है। 18 का मूलांक नौ है, जो पूर्णता की गारंटी देता है। 18 साल की उम्र में देश में मताधिकार मिलता है। 18वीं लोकसभा का गठन भी शुभ संदेश देता है। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आपातकाल का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 25 जून को भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं में निष्ठा रखने वालों के लिए न भूलने वाला दिवस है। 25 जून को भारत के लोकतंत्र पर जो धब्बा लगा था, उसके 50 वर्ष पूरे हो रहे हैं। और भारत की नई पीढ़ी को यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि कैसे भारत के संविधान को पूरी तरह से नकार दिया गया था और देश को जेल खाना बना दिया गया था। लोकतंत्र को पूरी तरह से दबोच लिया गया था। आपातकाल के यह 50 साल इस संकल्प के है कि हम गौरव के साथ अपने संविधान की रक्षा करेंगे। देशवासी संकल्प लेंगे कि भारत में दोबारा कभी कोई ऐसी हिम्मत नहीं करेगा, जो 50 साल पहले किया गया था।
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पीएम मोदी ने कहा कि देश की जनता ने उन्हें तीसरी बार मौका दिया है, जो बहुत ही महान और भव्य विजय है। हमारा दायित्व भी तीन गुना बढ़ गया है। उन्होंने देशवासियों को विश्वास दिलाया कि तीसरे कार्यकाल में तीन गुना अधिक मेहनत करेंगे और परिणामों को भी तीन गुना लाकर रहेंगे। इसी संकल्प के साथ वे इस कार्यभार को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। नए सांसदों से देश को बहुत ही अपेक्षाएं हैं। उन्होंने सभी सांसदों से आग्रह किया कि जनहित और लोकसेवा में इस अवसर का उपयोग करें। हर संभव जनहित में कदम उठाएं। देश की जनता विपक्ष से भी अच्छे कदमों की अपेक्षा रखती है। 18वीं लोकसभा में देश की जनता विपक्ष से लोकतंत्र की गरिमा बनाए रखने की अपेक्षा रखती है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि विपक्ष इस पर खरा उतरेगा। देश को अच्छे और जिम्मेदार विपक्ष की आवश्यकता है।
18वीं लोकसभा संकल्प का सदन बने। विकसित भारत के हमारे संकल्प को पूरा करना हम सबका दायित्व है। सभी लोग मिलकर उस दायित्व को निभाएंगे और जनता का विश्वास मजबूत करेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि 25 करोड़ लोगों को गरीबी से निकालना एक विश्वास पैदा करता है कि हम भारत को गरीबी से मुक्त करने में बहुत जल्द सफलता प्राप्त कर सकते हैं।