अरविंद केजरीवाल की जमानत पर फैसला जल्द ही, दिल्ली उच्च न्यायालय सुनाएगा निर्णय.
दिल्ली हाई कोर्ट आज प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की उस याचिका पर अपना फैसला सुनाएगा जिसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति मामले में जमानत देने के निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई है। न्यायमूर्ति सुधीर कुमार जैन मंगलवार दोपहर 2:30 बजे इस पर निर्णय सुनाएंगे।

दिल्ली हाई कोर्ट आज प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की उस याचिका पर अपना फैसला सुनाएगा जिसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आबकारी नीति मामले में जमानत देने के निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाने की मांग की गई है। न्यायमूर्ति सुधीर कुमार जैन मंगलवार दोपहर 2:30 बजे इस पर निर्णय सुनाएंगे। इस मामले में दिल्ली सीएम को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलेगी या वे जेल में ही रहेंगे, इस पर आज दिल्ली हाई कोर्ट अपना निर्णय सुनाएगा। हाई कोर्ट ने ईडी की अर्जी पर सुनवाई के बाद गत शुक्रवार को अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था और नियमित जमानत देने के निचली अदालत के निर्णय पर अंतरिम रोक लगा दी थी। कोर्ट ने यह रोक नियमित जमानत पर रोक की मांग को लेकर ईडी द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दी थी।
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अपनी याचिका में प्रवर्तन निदेशालय ने सोमवार को दिल्ली हाई कोर्ट में लिखित जवाब दाखिल कर सूचित किया था कि जमानत देने का निचली अदालत का आदेश विकृत निष्कर्षों पर आधारित था। ईडी ने तर्क दिया कि राउज एवेन्यू की अवकाशकालीन न्यायाधीश न्याय बिंदु ने जांच एजेंसी द्वारा अपराध के संबंध में पेश की गई सामग्री पर विचार नहीं किया। इसके अलावा, अदालत ने ईडी को मामले पर उचित जिरह करने का अवसर भी नहीं दिया था। वहीं, मामले पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरफ से दाखिल किए गए लिखित जवाब में कहा गया कि 14 जून को जिस अवकाश न्यायाधीश के समक्ष मामला सूचीबद्ध था, उनका कार्यदिवस एक दिन का था।
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ऐसे में दोनों पक्षों की सहमति पर मामले को 19 जून को बैठने वाली अवकाश न्यायाधीश के समक्ष सूचीबद्ध किया गया, जिनका कार्यदिवस दो दिन का था। नोट में कहा गया कि 19 जून को केजरीवाल की तरफ से एक घंटे और ईडी की तरफ से दो घंटे जिरह की गई। इसके बाद 20 जून को हुई सुनवाई के दौरान ईडी ने एक घंटे 15 मिनट तक अपनी जिरह पेश की। पूरे मामले में पांच घंटे 30 मिनट तक जिरह हुई और जांच एजेंसी ने अपना लिखित जवाब भी अदालत के समक्ष दाखिल किया।
इसके बाद सभी सामग्री पर गौर करने के बाद अदालत ने नियमित जमानत देने का निर्णय सुनाया। अदालत ने कहा कि केजरीवाल का विजय नायर व विनोद चौहान से कोई सीधा संपर्क नहीं था। इतना ही नहीं, गोवा चुनाव में रुपये खर्च करने का ईडी के पास कोई सुबूत नहीं है। अब सभी की नजरें दिल्ली हाई कोर्ट के आज के फैसले पर हैं कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत मिलेगी या नहीं। यह फैसला दिल्ली की राजनीति और कानूनी परिदृश्य पर गहरा प्रभाव डाल सकता है।
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