CM ममता बनर्जी के खिलाफ पश्चिम बंगाल के राज्यपाल हाईकोर्ट में दायर किया गया मानहानि का मुकदमा
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। हाल ही में, राज्यपाल ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में ममता बनर्जी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है।
पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। हाल ही में, राज्यपाल ने कलकत्ता उच्च न्यायालय में ममता बनर्जी के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया है। CM ममता बनर्जी ने एक दिन पहले ही कहा था कि पश्चिम बंगाल की महिलाओं ने उनसे शिकायत की थी कि वह सब राजभवन की गतिविधियों के कारण वहां जाने से डरती हैं। इस बयान के बाद राज्यपाल ने कानूनी कदम उठाया है। राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने शुक्रवार को ममता बनर्जी के खिलाफ कलकत्ता हाईकोर्ट में मानहानि का मुकदमा दायर किया। गुरुवार को, ममता बनर्जी ने दावा किया था कि महिलाओं ने उन्हें बताया है कि वे हाल ही की घटनाओं के कारण राजभवन जाने से डरती हैं। इस बयान पर बोस ने तीखी प्रतिक्रिया दी और इसे “गलत और बदनाम करने वाला” करार दिया। राज्यपाल ने कहा कि जनप्रतिनिधियों से अपेक्षा की जाती है कि वे ऐसी धारणा न बनाएं।
सूत्रों के अनुसार, राज्यपाल ने ममता बनर्जी और कुछ टीएमसी नेताओं के खिलाफ भी मानहानि का मुकदमा दायर किया है, जिन्होंने इसी तरह की टिप्पणियाँ की थीं। 2 मई को, राजभवन की एक संविदा महिला कर्मचारी द्वारा बोस पर छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया था, और जिसके पश्चात कोलकाता पुलिस द्वारा मामले की जांच शुरू कर दी गयी थी। TMC की राज्यसभा सांसद डोला सेन द्वारा कहा गया कि वह इस मामले पर अपनी पार्टी के नेतृत्व से चर्चा किए बिना टिप्पणी नहीं कर सकतीं। उन्होंने कहा, “वास्तव में क्या हुआ, यह जानने के लिए मुझे अपनी पार्टी के नेतृत्व से बात करनी होगी। यह काफी संवेदनशील मामला है।
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BJP के वरिष्ठ नेता राहुल सिन्हा द्वारा बोस के फैसले का समर्थन किया गया । उनके द्वारा कहा गया, “मुझे लगता है कि राज्यपाल बोस ने सही फैसला लिया है। यह फैसला उन्हें बहुत पहले ही ले लेना चाहिए था। परन्तु मैं इसके लिए उनका पूरा समर्थन करता हूं।” वहीं, माकपा के वरिष्ठ नेता सुजान चक्रवर्ती द्वारा कहा कि बोस और बनर्जी के बीच टकराव से राज्य को कोई फायदा नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा, “यह वास्तव में हमें नुकसान पहुंचा रहा है। ऐसा लगता है कि उनके द्वारा अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों को भुला दिया गया हैं। उन्होंने जो कृत्य राष्ट्रीय स्तर पर पश्चिम बंगाल की छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं।”
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राज्य सचिवालय में एक प्रशासनिक बैठक के समय ,cm ममता बनर्जी द्वारा गुरुवार को दावा किया गया कि “महिलाओं ने उन्हें कहा है कि वह हाल ही में हुई घटनाओं के कारण राजभवन जाने से डरती हैं।” इस पर प्रतिक्रिया देते हुए बोस ने ममता बनर्जी की आलोचना की और कहा कि जनप्रतिनिधियों को ऐसी गलत धारणाएं नहीं बनानी चाहिए। कुल मिलाकर, पश्चिम बंगाल में राजनीतिक माहौल गरम है। राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच बढ़ते तनाव ने राज्य की राजनीति में नई चुनौतियों को जन्म दिया है। इस मुद्दे पर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं की प्रतिक्रियाएं भी बंटी हुई हैं। अब देखना यह होगा कि न्यायालय का फैसला क्या आता है और इससे राज्य की राजनीति पर क्या प्रभाव पड़ता है।