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राहुल गांधी के भगवान शिव और हिंदू धर्म पर बयान से संसद में हंगामा, पीएम मोदी भी हुए खड़े

लोकसभा में राहुल गांधी का सरकार पर तीखा हमला,अपने भाषण में कहा कि भाजपा लगातार संविधान पर हमला कर रही थी, और इसका जवाब जनता ने चुनाव में दिया।

लोकसभा में आज विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला। राहुल गांधी ने अपने भाषण में कहा कि भाजपा लगातार संविधान पर हमला कर रही थी, और इसका जवाब जनता ने चुनाव में दिया। उन्होंने कहा कि यह केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि व्यक्तिगत हमले भी हुए। राहुल गांधी ने सदन में भगवान शिव का चित्र दिखाकर कहा कि हम सभी भगवान शिव की शरण में हैं और उन्हीं से हमें लड़ने की शक्ति मिली। राहुल गांधी ने कहा, “भाजपा सरकार ने न केवल संविधान पर हमला किया, बल्कि मुझ पर भी हमले किए। मेरे खिलाफ कई केस दर्ज किए गए और मुझे 2 साल की सजा सुनाई गई।” उन्होंने यह भी कहा कि मीडिया ने भी उन्हें लगातार टारगेट किया, लेकिन अंततः जनता ने ही जवाब दिया।

उन्होंने भगवान शिव का जिक्र करते हुए कहा कि शिवजी ने जहर पी लिया था और वे नीलकंठ बन गए थे। “हमने शिवजी से सीखा और कई प्रकार के जहर पिए। भगवान के साथ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि शिवजी कहते हैं, ‘डरो और डरोओ मत।’ इसी संदेश को लेकर हम आगे बढ़े हैं,” राहुल ने कहा। इस दौरान भाजपा और आरएसएस पर तीखा हमला करते हुए राहुल ने कहा कि इस्लाम में यह बताया गया है कि पैगंबर कहते हैं, ‘ईश्वर हमारे साथ हैं, इसलिए डरना नहीं है।’ उन्होंने सिख पंथ के गुरु नानक जी का भी उल्लेख किया, जिनका संदेश भी यही था। राहुल गांधी ने कहा कि जो लोग खुद को हिंदू कहते हैं, वे पूरे दिन हिंसा करते रहते हैं। इस पर सदन में हंगामा हो गया। भाजपा सांसदों ने राहुल गांधी की इस बात पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि यह पूरे हिंदू समाज को हिंसक बताने की कोशिश है। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी खड़े हो गए और उन्होंने कहा कि पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना अपमानजनक है।

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राहुल गांधी ने अपने भाषण में यह भी कहा कि लोकतंत्र पर खतरा मंडरा रहा है और संविधान की रक्षा के लिए सभी को एकजुट होना होगा। उन्होंने विपक्ष के सांसदों से अपील की कि वे लोकतंत्र की रक्षा के लिए एक साथ आएं और भाजपा की नीतियों का विरोध करें। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि भाजपा ने सत्ता में आने के बाद से ही अल्पसंख्यकों पर हमले किए हैं और देश में धार्मिक विभाजन को बढ़ावा दिया है। उन्होंने कहा कि देश की एकता और अखंडता बनाए रखने के लिए सभी धर्मों और जातियों के लोगों को एक साथ आना होगा। राहुल गांधी ने अपने भाषण का अंत करते हुए कहा, “हम भगवान शिव की शरण में हैं और उन्हीं से हमें शक्ति मिली है। हमें किसी से डरने की जरूरत नहीं है और हम सभी मिलकर इस लड़ाई को जीतेंगे।”

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उनके इस भाषण के बाद सदन में हंगामा जारी रहा और विपक्ष और सत्ता पक्ष के सांसदों के बीच तीखी बहस हुई। लेकिन राहुल गांधी ने अपने संकल्प को दोहराते हुए कहा कि वे संविधान की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएंगे और किसी भी कीमत पर लोकतंत्र की रक्षा करेंगे। इस बीच, नीट को लेकर भी विपक्ष ने खूब हंगामा किया। विपक्ष ने नीट परीक्षा में धांधली का आरोप लगाया और सरकार से इसकी निष्पक्ष जांच की मांग की। विपक्षी सांसदों ने कहा कि नीट परीक्षा में गड़बड़ियों से लाखों छात्रों का भविष्य खतरे में पड़ गया है और सरकार को इस पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। राहुल गांधी ने कहा कि नीट परीक्षा में हुई धांधली के खिलाफ लड़ाई भी संविधान की रक्षा का हिस्सा है और वे इस मुद्दे को भी संसद में उठाते रहेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार को छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने का कोई अधिकार नहीं है और विपक्ष इस मुद्दे पर चुप नहीं बैठेगा।

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