हाथरस भगदड़ मामले में अब तक 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया, आयोजक के खिलाफ एक लाख का इनाम घोषित; गैर जमानती वारंट किया जाएगा जारी.
मंगलवार को हाथरस में एक सत्संग में भगदड़ हो गई, जिसमें नारायण साकार विश्व हरि के छह सेवादार गिरफ्तार किए गए हैं। इस घटना में बाबा के सुरक्षाकर्मियों के बीच धक्का-मुक्की हुई थी, जिसके बाद सेवादारों ने मौके से भाग जाने का फैसला किया था। अलीगढ़ आईजी शलभ माथुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी, जहां उन्होंने बताया कि गिरफ्तारी के बाद वे आरोपी प्रकाश मधुकर की तलाश में हैं।
मंगलवार को हाथरस में एक सत्संग में भगदड़ हो गई, जिसमें नारायण साकार विश्व हरि के छह सेवादार गिरफ्तार किए गए हैं। इस घटना में बाबा के सुरक्षाकर्मियों के बीच धक्का-मुक्की हुई थी, जिसके बाद सेवादारों ने मौके से भाग जाने का फैसला किया था। अलीगढ़ आईजी शलभ माथुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी, जहां उन्होंने बताया कि गिरफ्तारी के बाद वे आरोपी प्रकाश मधुकर की तलाश में हैं। सत्संग के माहौल में जब यह घटना हुई, तो सेवादारों ने भागकर अपनी जान बचाने की कोशिश की। इसके बाद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी ने शवों को उठाने की कोशिश की, लेकिन सेवादारों ने इसमें सहायता नहीं की। आईजी माथुर ने यह भी कहा कि गिरफ्तार सेवादारों पर एक लाख रुपए का इनाम घोषित किया जाएगा, और जल्द ही उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया जाएगा।
सत्संग के मुख्य आयोजक पर भी सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि घटना के बाद वह बचाव में नहीं आए और इसे बड़े पैमाने पर छिपाने की कोशिश की गई। सीएम ने भी इस सम्बंध में साजिश की आशंका जताई है। आईजी माथुर ने दावा किया कि अगर जरूरत पड़ेगी, तो नारायण साकार या भोले बाबा से पूछताछ की जाएगी। इस घटना से जुड़े एफआईआर में उनका नाम नहीं है, बल्कि आयोजक का नाम है। उन्होंने साफ किया कि उन सेवादारों ने भीड़ को रोकने का प्रयास किया था, लेकिन जब स्थिति बिगड़ी तो वे भीड़ से भाग गए।
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सत्संग के घटना का समय मंगलवार को करीब पौने दो बजे का है। इस समय, जब बाबा का काफिला निकल रहा था, तो सुरक्षाकर्मियों के बीच धक्का-मुक्की हुई, जिसके परिणामस्वरूप भगदड़ हो गई। एसडीएम ने इसकी रिपोर्ट भेजी है और वहां पर मौजूद चश्मदीद भी इस बात की जांच कर रहे हैं। सत्संग में भगदड़ की घटना के बाद सेवादारों और आयोजकों पर बड़ी लापरवाही का आरोप लगा है। इसके बावजूद, कई लोग इसे एक साजिश का हिस्सा मान रहे हैं, जिसमें सत्संग के व्यवस्थापकों की भूमिका भी उजागर हो रही है।