“मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड विधानसभा में बहुमत साबित कर कैबिनेट का विस्तार किया, तीन नये चहरे भी होंगे शामिल।
सोमवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड विधानसभा में बहुमत साबित कर एक बार फिर अपनी सरकार की स्थिति को मजबूत किया। इसके साथ ही, दोपहर चार बजे उनके नेतृत्व में कैबिनेट का विस्तार भी हुआ। राजभवन में आयोजित इस समारोह में सभी नए मंत्रियों को राज्यपाल द्वारा पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई गई।
सोमवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने झारखंड विधानसभा में बहुमत साबित कर एक बार फिर अपनी सरकार की स्थिति को मजबूत किया। इसके साथ ही, दोपहर चार बजे उनके नेतृत्व में कैबिनेट का विस्तार भी हुआ। राजभवन में आयोजित इस समारोह में सभी नए मंत्रियों को राज्यपाल द्वारा पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई गई। विशेष रूप से, पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को हेमंत सोरेन के बाद कैबिनेट में नंबर दो की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह हेमंत सोरेन का तीसरा कार्यकाल है। नए कैबिनेट में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के सात, कांग्रेस के चार और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के एक मंत्री शामिल किए गए हैं। कांग्रेस से डॉ. इरफान अंसारी और दीपिका पांडेय सिंह को नए चेहरों के रूप में शामिल किया गया है, जबकि झामुमो से बैद्यनाथ राम को भी नई भूमिका में प्रस्तुत किया गया है। हालांकि, बैद्यनाथ राम पूर्व में भी मंत्री रह चुके हैं।
शपथ ग्रहण समारोह राजभवन में आयोजित किया गया था, जिसमें मंत्रियों, विभागीय सचिवों और कई गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति रही। सबसे पहले चंपई सोरेन ने शपथ ली और फिर अन्य मंत्रियों ने एक-एक कर शपथ ग्रहण की। इस प्रकार, चंपई सोरेन ने कैबिनेट में नंबर दो की स्थिति हासिल की। उनके इस नई जिम्मेदारी को लेने से पार्टी में उनके नाराज होने की अफवाहों पर भी विराम लग गया है झारखंड की विधानसभा में कुल 81 विधायक हैं, जिसके आधार पर मुख्यमंत्री समेत कुल 12 मंत्रियों की नियुक्ति की जा सकती है। हेमंत सोरेन सरकार ने पहले चार वर्षों में 11 मंत्रियों के साथ ही काम चलाया। इनमें झामुमो के छह, कांग्रेस के चार और राजद के एक मंत्री शामिल थे। इस बार झामुमो के एक और सदस्य को शामिल करके मंत्रियों की संख्या सात कर दी गई है। इस प्रकार, अब कैबिनेट अपने पूर्ण स्वरूप में है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार, किसी भी राज्य में सांसदों अथवा विधायकों की संख्या के 15 प्रतिशत सदस्यों को ही कैबिनेट में रखा जा सकता है। झारखंड में 81 विधायकों के हिसाब से यह संख्या 12 तक होती है। हेमंत सोरेन के नेतृत्व में अब कैबिनेट इस प्रकार से तैयार है:
1. हेमंत सोरेन, मुख्यमंत्री, झामुमो
2. चंपई सोरेन, झामुमो
3. डा. रामेश्वर उरांव, कांग्रेस
4. सत्यानंद भोक्ता, राजद
5. बैद्यनाथ राम, झामुमो
6. दीपक बिरुआ, झामुमो
7. बन्ना गुप्ता, कांग्रेस
8. डा. इरफान अंसारी, कांग्रेस
9. मिथिलेश कुमार ठाकुर, झामुमो
10. हफीजुल हसन, झामुमो
11. बेबी देवी, झामुमो
12. दीपिका पांडेय सिंह, कांग्रेस
ये खबर भी पढ़ें : मनीष सिसोदिया को कोर्ट से फिर झटका, अदालत ने ज्यूडिशियल कस्टडी को इस तारीख तक बढ़ाया.
हेमंत सोरेन की इस नई कैबिनेट में सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि विभिन्न दलों से अनुभवी और नए चेहरों का समावेश किया गया है, जो राज्य के समग्र विकास के लिए एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है। चंपई सोरेन की नंबर दो की स्थिति उन्हें पार्टी में उनके कद और महत्व को दर्शाती है। इसके साथ ही, कांग्रेस और राजद के मंत्रियों की भागीदारी सरकार की सहयोगी रणनीति को मजबूत करती है। इस कैबिनेट विस्तार से सरकार के आगामी कार्यकाल में कई नई योजनाओं और विकास कार्यों की उम्मीद की जा रही है। हेमंत सोरेन ने अपने तीसरे कार्यकाल में विकास और समृद्धि को प्राथमिकता देने की बात कही है, जिससे झारखंड के लोगों की उम्मीदें और अधिक बढ़ गई हैं। नई कैबिनेट के गठन के बाद, सभी मंत्रियों से अपनी-अपनी जिम्मेदारियों को सफलतापूर्वक निभाने की अपेक्षा की जा रही है, ताकि राज्य में प्रगति और विकास की नई लहर आए।