“पश्चिम बंगाल सरकार ने सीबीआई के दुरुपयोग के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका, राज्य को मिली राहत”
पश्चिम बंगाल सरकार ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के कथित दुरुपयोग के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। ममता सरकार का आरोप है कि राज्य के अधिकार क्षेत्र में आने वाले मामलों को बिना राज्य सरकार की अनुमति के सीबीआई को जांच के लिए सौंपा जाता है, जिससे इन मामलों की एकतरफा जांच होती है और केंद्र सरकार का हस्तक्षेप बढ़ता है।
पश्चिम बंगाल सरकार ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के कथित दुरुपयोग के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। ममता सरकार का आरोप है कि राज्य के अधिकार क्षेत्र में आने वाले मामलों को बिना राज्य सरकार की अनुमति के सीबीआई को जांच के लिए सौंपा जाता है, जिससे इन मामलों की एकतरफा जांच होती है और केंद्र सरकार का हस्तक्षेप बढ़ता है। इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को राहत देते हुए याचिका पर सुनवाई करने का फैसला किया है। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने माना कि इस याचिका पर विचार किया जाना चाहिए। कोर्ट ने केंद्र सरकार की प्रारंभिक आपत्तियों को खारिज करते हुए कहा कि बिना राज्य सरकार की अनुमति के सीबीआई द्वारा जांच कराना संविधान के अनुच्छेद 131 का उल्लंघन है।
ममता सरकार ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार की अनुमति के बिना सीबीआई की कार्रवाई राज्य की स्वायत्तता को कमजोर करती है और इससे निष्पक्ष जांच प्रक्रिया पर सवाल उठते हैं। पश्चिम बंगाल सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत केंद्र के खिलाफ याचिका दायर की है, जिसमें कहा गया है कि राज्य सरकार की अनुमति के बिना सीबीआई की जांच प्रक्रिया कानून के खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार का मुकदमा संविधान के अनुसार शीर्ष अदालत में आगे बढ़ेगा। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि केंद्र सरकार की प्रारंभिक आपत्तियों को खारिज किया जाता है और इस मामले की अगली सुनवाई सितंबर में होगी।
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पश्चिम बंगाल सरकार के अनुसार, सीबीआई के दुरुपयोग से राज्य के मामलों में केंद्र सरकार का हस्तक्षेप बढ़ता है, जिससे राज्य की स्वायत्तता और न्याय प्रक्रिया पर प्रभाव पड़ता है। ममता सरकार का यह भी आरोप है कि सीबीआई की जांच प्रक्रिया राजनीतिक उद्देश्यों के तहत होती है और इससे राज्य सरकार के कामकाज में बाधा उत्पन्न होती है।
इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से यह स्पष्ट हो गया है कि राज्य और केंद्र सरकार के बीच अधिकारों और जिम्मेदारियों को लेकर विवाद को हल करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 131 का पालन किया जाएगा। कोर्ट का यह फैसला पश्चिम बंगाल सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण राहत है, जो राज्य की स्वायत्तता और न्याय प्रक्रिया की रक्षा के लिए संघर्ष कर रही है।