अजीत डोभाल का म्यांमार दौरा, सीमा शांति से लेकर आम चुनाव की तैयारियों तक 5 महत्वपूर्ण मुद्दों पर की गई चर्चा
म्यांमार के प्रधानमंत्री सीनियर जनरल मिन आंग ह्लेन ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य सीमा क्षेत्र में शांति और स्थिरता स्थापित करने के उपायों पर चर्चा करना था।
म्यांमार के प्रधानमंत्री सीनियर जनरल मिन आंग ह्लेन ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य सीमा क्षेत्र में शांति और स्थिरता स्थापित करने के उपायों पर चर्चा करना था। अजीत डोभाल, जो भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे थे, बंगाल की खाड़ी पहल (BIMSTEC) के सुरक्षा प्रमुखों की चौथी वार्षिक बैठक में भाग लेने के लिए म्यांमार पहुंचे थे। यह बैठक बहुक्षेत्रीय तकनीकी एवं आर्थिक सहयोग पर केंद्रित थी। म्यांमार में आयोजित इस महत्वपूर्ण बैठक में, राज्य प्रशासन परिषद के अध्यक्ष आंग ह्लाइंग ने शुक्रवार को अपने कार्यालय में अजीत डोभाल का स्वागत किया।
सरकारी स्वामित्व वाले समाचार पत्र ‘द ग्लोबल न्यू लाइट ऑफ म्यांमार’ के अनुसार, बैठक के दौरान दोनों नेताओं ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर सौहार्दपूर्ण चर्चा की। इसमें भारत और म्यांमार के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों और सहयोग को मजबूत करने के उपायों पर विशेष रूप से विचार किया गया। इसके अलावा, म्यांमार की राजनीतिक प्रगति, स्वतंत्र और निष्पक्ष बहुदलीय लोकतांत्रिक आम चुनाव कराने की तैयारियों पर भी चर्चा हुई। सबसे महत्वपूर्ण विषय जो बैठक में उठाया गया, वह था सीमा क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बनाए रखने के उपाय। म्यांमार भारत के सीमावर्ती क्षेत्र में शांति और स्थिरता कायम करने के लिए प्रतिबद्ध है। दोनों देशों के बीच 1,643 किलोमीटर लंबी सीमा है जो मिजोरम, मणिपुर, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश से होकर गुजरती है। यह सीमा क्षेत्र लंबे समय से कई सुरक्षा चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिनसे निपटने के लिए दोनों देशों के बीच सहयोग आवश्यक है।
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बैठक में सीमा सुरक्षा को मजबूत करने, अवैध गतिविधियों को रोकने और दोनों देशों के बीच व्यापार और वाणिज्य को बढ़ावा देने के उपायों पर भी विचार किया गया। अजीत डोभाल और मिन आंग ह्लेन ने दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग को और अधिक सुदृढ़ बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया। इस बैठक ने भारत और म्यांमार के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को और मजबूत करने का एक नया अध्याय जोड़ा है। दोनों देशों के बीच सहयोग और सामंजस्य से क्षेत्र में स्थिरता और विकास को बढ़ावा मिलेगा। म्यांमार और भारत के बीच सहयोग के इस नए दौर से सीमा क्षेत्र में शांति और स्थिरता की उम्मीदें और भी प्रबल हो गई हैं।