वायनाड भूस्खलन: त्रासदी में फंसे सैकड़ों लोग, राहुल गांधी ने किया दौरा, पुनर्वास की चुनौती
केरल के वायनाड जिले में हाल ही में हुए भूस्खलन से मची तबाही ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया है। वायनाड के चूरलमाला में इस प्राकृतिक आपदा के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया।
केरल के वायनाड जिले में हाल ही में हुए भूस्खलन से मची तबाही ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया है। वायनाड के चूरलमाला में इस प्राकृतिक आपदा के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। इस दौरान राहुल गांधी ने मीडिया से बातचीत में इस घटना को वायनाड के लिए एक बड़ी त्रासदी करार दिया और कहा कि इस संकट से उबरने के लिए यहां बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। भूस्खलन के बाद से लापता लोगों की संख्या बढ़ रही है और मृतकों की संख्या में भी वृद्धि होने की संभावना है। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने बताया कि अब तक इस भयानक हादसे में 308 लोगों की मौत हो चुकी है। यह आंकड़ा बेहद चिंताजनक है और इसके और बढ़ने की आशंका भी जताई जा रही है, क्योंकि राहत और बचाव कार्य अभी भी जारी है।
वायनाड जिला प्रशासन के अनुसार, मृतकों में 27 बच्चे और 76 महिलाएं शामिल हैं। इस त्रासदी से सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र मुंडक्कई और चूरलमाला हैं, जहां सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। प्रशासन और राहत कर्मी लगातार इन क्षेत्रों में सहायता प्रदान करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन भूस्खलन से मार्ग अवरुद्ध हो जाने के कारण बचाव कार्यों में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। इस आपदा ने पूरे क्षेत्र में भय और असहायता का माहौल पैदा कर दिया है। स्थानीय लोग अपने घरों और परिवारों को खो चुके हैं और अब पुनर्वास की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। प्रशासन द्वारा राहत शिविरों की व्यवस्था की जा रही है, लेकिन प्रभावित लोगों की संख्या इतनी अधिक है कि सभी को उचित सहायता प्रदान करना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है।
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इस त्रासदी ने वायनाड के लोगों को गहरे संकट में डाल दिया है, और इस घटना ने राज्य और केंद्र सरकार के लिए आपदा प्रबंधन में सुधार की आवश्यकता को रेखांकित किया है। राहुल गांधी ने अपने दौरे के दौरान यह भी कहा कि वायनाड के पुनर्निर्माण के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे और उन्होंने केंद्र सरकार से भी इस क्षेत्र की सहायता के लिए अपील की। इस भूस्खलन ने न केवल वायनाड की प्राकृतिक सुंदरता को क्षति पहुंचाई है, बल्कि यहां के निवासियों की जिंदगी भी बदल दी है। अब पूरे राज्य की नजरें इस बात पर टिकी हैं कि इस संकट से कैसे निपटा जाएगा और प्रभावित लोगों को कैसे जल्द से जल्द राहत प्रदान की जाएगी।