रामपुर में बादल फटने की तबाही, लापता लोगों की तलाश में जुटे परिजन, प्रशासन द्वारा राहत कार्य जारी…
हिमाचल प्रदेश के रामपुर क्षेत्र में हाल ही में हुए भीषण बादल फटने की घटना ने पूरे इलाके में कहर बरपा दिया। इस प्राकृतिक आपदा ने कई परिवारों को तबाह कर दिया, जहां लोगों के घर पानी की भेंट चढ़ गए और कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।
हिमाचल प्रदेश के रामपुर क्षेत्र में हाल ही में हुए भीषण बादल फटने की घटना ने पूरे इलाके में कहर बरपा दिया। इस प्राकृतिक आपदा ने कई परिवारों को तबाह कर दिया, जहां लोगों के घर पानी की भेंट चढ़ गए और कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। इस हादसे के बाद इलाके में मातम पसरा हुआ है, और स्थानीय लोग अब भी अपने लापता परिजनों की खोज में जुटे हुए हैं। घटना में अब तक 4 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और 49 लोग अब भी लापता हैं। घटना के बाद पूरे क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। समेज खड्ड के किनारे बसे गांव के लोग अपने खोए हुए प्रियजनों की तलाश में दिनभर भटकते रहे। महिलाओं, पुरुषों, और बच्चों ने मिलकर दिनभर अपने रिश्तेदारों को ढूंढने की कोशिश की, लेकिन उनका कहीं कोई सुराग नहीं मिला। हर किसी के चेहरे पर दुख और निराशा के भाव थे। लोग एक-दूसरे को हिम्मत देने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन उनकी आंखों में छिपी उम्मीद धीरे-धीरे टूटती जा रही थी।
प्रशासन द्वारा राहत और बचाव कार्य शुरू किया गया है। एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल) की टीमों को मौके पर तैनात किया गया है। समेज खड्ड में बचाव दल तैनात है, और दूसरी टीम सुबह तक मोर्चा संभालने के लिए तैयार है। इसके अलावा, रामपुर से लेकर सुन्नी तक के सभी इलाकों में प्रशासन ने गोताखोरों और जांच टीमों को लगाया है, जो सतलुज नदी के किनारे-किनारे लापता लोगों की तलाश कर रहे हैं। लेकिन अभी तक लापता लोगों का कोई सुराग नहीं मिला है। समेज क्षेत्र में 72 बच्चों का एक स्कूल भी है, जहां से कई बच्चे भी लापता बताए जा रहे हैं। इस स्कूल के बच्चों के परिवारजन भी अपने बच्चों की तलाश में जुटे हुए हैं। वे हर आने वाले व्यक्ति या प्रशासनिक अधिकारी से यह उम्मीद लगाए बैठे रहते हैं कि शायद उनके लापता बच्चे का कोई पता चल जाए। प्रशासनिक अधिकारी जब भी मौके पर पहुंचते हैं, तो लोगों में एक नई उम्मीद जगती है, लेकिन अधिकारियों के जाने के बाद फिर से निराशा का माहौल बन जाता है।
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गांव के लोग अब भी हिम्मत बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं। वे एक-दूसरे को समझा रहे हैं कि उम्मीद नहीं छोड़नी चाहिए। आज भले ही उन्हें अपने परिजनों का कोई पता न चला हो, लेकिन वे कल फिर से नई उम्मीद के साथ उनकी तलाश में जुटेंगे। लोगों की यह भावना उन्हें इस कठिन समय में सहारा दे रही है। प्राकृतिक आपदा की इस त्रासदी में जहां लोगों ने अपने घरों और प्रियजनों को खो दिया है, वहीं प्रशासन भी पूरी तरह से सतर्क होकर राहत और बचाव कार्य में जुटा हुआ है। बावजूद इसके, इस भयानक हादसे ने पूरे क्षेत्र में गहरा घाव छोड़ा है, जिसे भरने में शायद बहुत समय लगे। लेकिन इस संकट की घड़ी में भी लोग एक-दूसरे का हौसला बनाए हुए हैं, और यह उम्मीद कर रहे हैं कि जल्द ही उनके लापता परिजन उन्हें मिल जाएंगे।
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