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बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शाहबुद्दीन ने बीएनपी नेता खालिदा ज़िया को रिहा करने का दिया आदेश।

बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शाहबुद्दीन ने सोमवार को बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की चेयरपर्सन और पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा ज़िया की तत्काल रिहाई का आदेश दिया। यह निर्णय राष्ट्रपति के नेतृत्व में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद लिया गया।

बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शाहबुद्दीन ने सोमवार को बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की चेयरपर्सन और पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा ज़िया की तत्काल रिहाई का आदेश दिया। यह निर्णय राष्ट्रपति के नेतृत्व में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद लिया गया। इस बैठक में बांग्लादेश के सशस्त्र बलों के प्रमुख, कई विपक्षी दलों के नेता, और अन्य उच्च पदस्थ अधिकारियों ने भाग लिया। राष्ट्रपति के प्रेस टीम द्वारा जारी किए गए एक बयान में कहा गया है कि इस बैठक में सर्वसम्मति से खालिदा ज़िया को तुरंत रिहा करने का निर्णय लिया गया। इस बैठक में बीएनपी के नेता, जमात-ए-इस्लामी पार्टी के प्रमुख, और बांग्लादेश के नौसेना और वायुसेना के प्रमुख भी शामिल थे। इसके साथ ही, बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि हाल ही में छात्र आंदोलनों के दौरान गिरफ्तार किए गए सभी लोगों को भी रिहा किया जाएगा।

इससे पहले सोमवार को, सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज़-ज़मां ने राष्ट्रीय टेलीविजन पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए घोषणा की कि प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और सेना अब एक अंतरिम सरकार का गठन करेगी। जनरल वाकर-उज़-ज़मां ने कहा कि शेख हसीना के खिलाफ देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों को नियंत्रित करने के उनके प्रयास विफल रहे और देश में पिछले रविवार को हुई हिंसा में लगभग 100 लोगों की मौत के बाद उन्होंने देश छोड़ दिया। खालिदा ज़िया, जो 78 वर्ष की हैं, पिछले कुछ वर्षों से गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रही हैं। उन्हें 2018 में भ्रष्टाचार के मामले में 17 साल की सजा सुनाई गई थी और तब से वे जेल में बंद थीं। हालांकि, उनकी बिगड़ती स्वास्थ्य स्थिति के कारण उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां वे इलाज करवा रही थीं। उनके समर्थकों का कहना है कि उनकी सजा राजनीतिक प्रतिशोध के कारण दी गई थी।

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शेख हसीना, जिन्होंने पिछले कुछ वर्षों में बांग्लादेश की राजनीति में प्रमुख भूमिका निभाई थी, ने जुलाई की शुरुआत से अपने खिलाफ बढ़ते विरोध प्रदर्शनों का सामना किया। हालांकि, उन्होंने अपनी सरकार के खिलाफ उठी आवाजों को दबाने के प्रयास किए, लेकिन रविवार को देश में हुई हिंसा के बाद हालात बेकाबू हो गए। हिंसा में लगभग 100 लोगों की जान चली गई और हजारों लोग घायल हुए। इस स्थिति को देखते हुए शेख हसीना ने देश छोड़ने का निर्णय लिया। राष्ट्रपति मोहम्मद शाहबुद्दीन की इस घोषणा के बाद, बांग्लादेश में राजनीतिक परिदृश्य तेजी से बदल रहा है। नए नेतृत्व के तहत अंतरिम सरकार के गठन की तैयारी हो रही है। खालिदा ज़िया की रिहाई से उनके समर्थकों में उत्साह है, लेकिन देश में स्थिरता और शांति की बहाली अभी भी एक चुनौती बनी हुई है।

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इस घटनाक्रम ने बांग्लादेश की राजनीति में एक नए अध्याय की शुरुआत की है, जहां विपक्षी दलों को एक नई ताकत मिल रही है। खालिदा ज़िया की रिहाई के साथ ही बांग्लादेश में आगामी चुनावों को लेकर भी चर्चाएं तेज हो गई हैं। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि भविष्य में बांग्लादेश की राजनीति किस दिशा में आगे बढ़ती है।

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