पश्चिम बंगाल के राज्यपाल, डॉ. सीवी आनंद बोस ने कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में महिला चिकित्सक के साथ हुई दुष्कर्म और हत्या की घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की है। शुक्रवार को उन्होंने इस घटना को न केवल परेशान करने वाला, बल्कि चौंकाने वाला भी बताया। राज्यपाल ने कहा कि इस घटना से न केवल बंगाल बल्कि पूरे देश के लोग निराश और गुस्से में हैं। राज्यपाल बोस ने कोलकाता पुलिस की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले में सबूतों के साथ छेड़छाड़ की गई है या फिर उन्हें नष्ट करने का प्रयास किया गया है। साथ ही, उन्होंने इस बात पर भी सवाल उठाया कि क्या लोगों को गुमराह करने की कोशिश की गई, ताकि यह मामला आत्महत्या के रूप में दिखाया जा सके। राज्यपाल के अनुसार, यह घटना पुलिस अधिकारियों द्वारा बेहद लापरवाही से संभाली गई है, जिससे न्याय की मांग और भी बढ़ गई है।
डॉ. बोस ने कहा कि एक महिला चिकित्सक के साथ ऐसी घटना होने के बावजूद पुलिस द्वारा उचित और निष्पक्ष जांच नहीं की गई। उन्होंने कहा कि इस घटना के बाद राज्यभर में आक्रोश का माहौल है और लोग सड़कों पर उतरकर न्याय की मांग कर रहे हैं। यह न्याय केवल पीड़िता के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए महत्वपूर्ण है। राज्यपाल ने इस मामले पर एनडीटीवी के साथ बातचीत में बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की संभावनाओं पर भी अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति शासन की मांग की गई है और वह इस मुद्दे पर सतर्क रहेंगे। हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह इस समय अपने विकल्पों को सुरक्षित रखेंगे और संविधान के तहत अपने अगले कदमों को सार्वजनिक नहीं करेंगे।
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डॉ. बोस ने आगे कहा कि यह मामला सिर्फ एक कानून-व्यवस्था का मुद्दा नहीं है, बल्कि यह समाज की न्यायिक और संवैधानिक संरचना के साथ खिलवाड़ का मामला है। उन्होंने आरजी कर अस्पताल में हुई तोड़फोड़ की घटनाओं पर भी चिंता व्यक्त की और कहा कि वह गुरुवार को खुद घटनास्थल पर गए थे। वहां उन्होंने देखा कि लोग केवल न्याय की मांग कर रहे हैं और उन्हें न्याय दिलाना राज्य की जिम्मेदारी है।
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राज्यपाल ने कहा कि इस घटना के बाद से समाज में असंतोष और अविश्वास का माहौल बन गया है। उन्होंने पुलिस और प्रशासन से आग्रह किया कि वह इस मामले की निष्पक्ष जांच करें और दोषियों को सजा दिलाएं। उन्होंने यह भी कहा कि यदि पुलिस और प्रशासन इस मामले को सही तरीके से नहीं संभालते हैं, तो यह समाज के लिए एक खतरनाक संदेश हो सकता है। राज्यपाल ने अंत में कहा कि इस घटना ने समाज के हर वर्ग को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना से यह स्पष्ट हो गया है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने और समाज में न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन को अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लेना होगा।