दिल्ली अदालत ने अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 27 अगस्त तक बढ़ाई, सीबीआई मामले में अगली सुनवाई का इंतजार
दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत की अवधि को मंगलवार को 27 अगस्त तक बढ़ा दिया।
दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की न्यायिक हिरासत की अवधि को मंगलवार को 27 अगस्त तक बढ़ा दिया। यह फैसला सीबीआई द्वारा दर्ज किए गए भ्रष्टाचार के एक मामले के संबंध में किया गया है। विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने वीडियो-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से अदालत में पेश किए गए केजरीवाल की हिरासत की अवधि बढ़ाने का आदेश दिया। अब अदालत 27 अगस्त को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दायर पूरक आरोप पत्र पर विचार करेगी।
इससे पहले, केजरीवाल को कथित उत्पाद शुल्क घोटाले के मामले में गिरफ्तार किया गया था। ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) ने 21 मार्च को मुख्यमंत्री आवास से केजरीवाल को गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी के कुछ घंटे बाद ही दिल्ली हाईकोर्ट ने उनके अंतरिम संरक्षण की याचिका को अस्वीकार कर दिया था, जिससे उनकी तत्काल राहत की संभावना समाप्त हो गई थी। केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद, 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अंतरिम जमानत दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में तीन महत्वपूर्ण सवालों पर गहन विचार करने के लिए एक बड़ी पीठ को निर्देशित किया था। यह पीठ उन सवालों पर विचार करेगी जिनसे यह तय किया जाएगा कि केजरीवाल की गिरफ्तारी की आवश्यकता है या नहीं।
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हालांकि, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दी, लेकिन सीबीआई मामले में आरोपी होने के कारण वह अब भी न्यायिक हिरासत में हैं। सीबीआई ने केजरीवाल के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं और मामले की जांच जारी है। 27 अगस्त को होने वाली अगली सुनवाई के दौरान अदालत सीबीआई द्वारा दायर पूरक आरोप पत्र पर विचार करेगी, जो कि इस मामले में आगे की कार्यवाही को तय करेगा। इस बीच, केजरीवाल की न्यायिक हिरासत की अवधि बढ़ाई गई है, जिससे यह संकेत मिलता है कि मामले में अभी और जांच और कानूनी कार्यवाही की आवश्यकता है।
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इस मामले में की जा रही कार्यवाही का राजनीतिक और सामाजिक परिदृश्य पर गहरा असर पड़ सकता है, क्योंकि यह देश की एक प्रमुख राजनीतिक पार्टी और उसके नेता के खिलाफ चल रहा मामला है। ऐसे में इस केस की अदालत में होने वाली अगली सुनवाई पर सभी की निगाहें टिकी हैं।