Sunita Williams: अंतरिक्ष से पृथ्वी पर लौटने के लिए NASA के सामने दो विकल्प.
सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर अंतरिक्ष में लगभग दो महीने से फंसे हुए हैं। वे दोनों 5 जून को बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान से अंतरिक्ष के लिए रवाना हुए थे, लेकिन अब तक उनकी धरती पर वापसी नहीं हो पाई है। उनके यात्रा का उद्देश्य अंतरिक्ष स्टेशन पर एक सप्ताह बिताना था, लेकिन तकनीकी समस्याओं के कारण उनकी वापसी में देरी हो रही है।
सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर अंतरिक्ष में लगभग दो महीने से फंसे हुए हैं। वे दोनों 5 जून को बोइंग के स्टारलाइनर अंतरिक्ष यान से अंतरिक्ष के लिए रवाना हुए थे, लेकिन अब तक उनकी धरती पर वापसी नहीं हो पाई है। उनके यात्रा का उद्देश्य अंतरिक्ष स्टेशन पर एक सप्ताह बिताना था, लेकिन तकनीकी समस्याओं के कारण उनकी वापसी में देरी हो रही है। स्टारलाइनर की परीक्षण उड़ान के दौरान थ्रस्टर विफलताओं का सामना करना पड़ा और हीलियम का रिसाव इतनी गंभीर हो गई कि नासा ने स्टारलाइनर को अंतरिक्ष स्टेशन पर डॉक करने का निर्णय लिया। अब नासा उनकी सुरक्षित वापसी के लिए एक नई योजना पर काम कर रहा है। इस पर निर्णय आज होने की संभावना है।
नासा की योजनाओं में एक विकल्प यह है कि सुनीता विलियम्स और बुच विलमोर को स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल से वापस लाया जाए। इसके लिए उन्हें फरवरी तक अंतरिक्ष स्टेशन पर रहना पड़ सकता है। यदि नासा यह निर्णय लेता है कि उनकी वापसी स्पेसएक्स के माध्यम से होगी, तो स्टारलाइनर खाली होकर सितंबर में पृथ्वी पर लौटेगा।
खबर भी पढ़ें : ठाणे के बदलापुर में दुष्कर्म पर महाराष्ट्र विकास अघाड़ी का 24 अगस्त को ‘महाराष्ट्र बंद’ का आह्वान”
वर्तमान में, नासा के प्रशासक बिल नेल्सन और अन्य शीर्ष अधिकारी इस मुद्दे पर बैठक करेंगे ताकि एक ठोस निर्णय लिया जा सके। इंजीनियरों ने स्टारलाइनर के पांच खराब थ्रस्टरों में से चार को मरम्मत कर दिया है, लेकिन अभी भी यह सुनिश्चित करना बाकी है कि यान पृथ्वी पर सुरक्षित वापसी कर सकेगा या नहीं।
खबर भी पढ़ें : जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव: कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन पर अमित शाह के तीखे सवाल.
इस पूरी स्थिति को देखते हुए, अंतरिक्ष यात्रा और अंतरिक्ष यान के परीक्षण के महत्व को समझना आवश्यक है। नासा और अन्य अंतरिक्ष एजेंसियां इस तरह की समस्याओं के समाधान के लिए लगातार काम कर रही हैं, ताकि भविष्य में ऐसी समस्याओं का सामना कम से कम हो और अंतरिक्ष यात्रा की सफलता सुनिश्चित की जा सके।