किसानों के मुद्दों पर घिरी कंगना, अब पार्टी अध्यक्ष नड्डा ने भी किया तलब.
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मंडी से सांसद और मशहूर बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत ने हाल ही में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से उनके आवास पर मुलाकात की। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई जब किसान आंदोलन पर कंगना के विवादास्पद बयान ने एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के मंडी से सांसद और मशहूर बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत ने हाल ही में पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से उनके आवास पर मुलाकात की। यह मुलाकात ऐसे समय में हुई जब किसान आंदोलन पर कंगना के विवादास्पद बयान ने एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था। भाजपा के शीर्ष नेताओं से यह उनकी पहली मुलाकात मानी जा रही है, जो उनके बयान के बाद सुर्खियों में आई है इस हफ्ते की शुरुआत में कंगना ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन पर एक विवादास्पद टिप्पणी की थी। उन्होंने दावा किया था कि यदि देश में एक मजबूत नेतृत्व न होता, तो भारत में ‘बांग्लादेश जैसी स्थिति’ पैदा हो सकती थी। कंगना ने यह टिप्पणी अपने एक साक्षात्कार के दौरान की, जिसे उन्होंने बाद में सोशल मीडिया पर भी साझा किया।
कंगना का बयान यहीं तक नहीं रुका। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि किसान आंदोलन के दौरान “शव लटक रहे थे और बलात्कार हो रहे थे।” कंगना ने इस ‘साजिश’ में चीन और अमेरिका के शामिल होने का भी दावा किया, जो विपक्षी दलों द्वारा आलोचना का शिकार बना। कंगना के इन बयानों के बाद भाजपा ने तुरंत कार्रवाई की। पार्टी ने कंगना के विचारों से असहमति व्यक्त करते हुए उनकी टिप्पणियों की निंदा की और यह स्पष्ट किया कि उन्हें पार्टी के नीतिगत मामलों पर टिप्पणी करने का कोई अधिकार नहीं है। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “कंगना के बयानों से पार्टी को नुकसान हो सकता है, और इसलिए उन्हें भविष्य में ऐसे किसी भी बयान से बचने की सख्त हिदायत दी गई है।”
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इसके साथ ही, भाजपा ने एक औपचारिक बयान जारी किया, जिसमें कहा गया, “भारतीय जनता पार्टी ने कंगना रनौत को भविष्य में इस तरह का कोई भी बयान देने से मना किया है।” पार्टी के इस बयान में यह भी कहा गया कि भाजपा ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के सिद्धांतों का पालन करती है और सामाजिक सद्भाव के प्रति प्रतिबद्ध है। कंगना के इस बयान पर विपक्षी दलों ने भी तीखी प्रतिक्रिया दी। कई विपक्षी नेताओं ने कंगना पर झूठे आरोप लगाने और जनता को भड़काने का आरोप लगाया। उन्होंने यह भी कहा कि कंगना के बयान न केवल समाज में अशांति फैलाने वाले हैं, बल्कि यह पार्टी की छवि को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं।
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भाजपा ने हालांकि यह भी स्पष्ट कर दिया कि कंगना की टिप्पणियों से पार्टी का कोई लेना-देना नहीं है और वे पार्टी की आधिकारिक लाइन का प्रतिनिधित्व नहीं करतीं। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने कंगना को यह भी चेतावनी दी कि वे अपने बयानों में सावधानी बरतें और पार्टी के नीतिगत मामलों पर बिना अनुमति के कुछ भी न कहें। कंगना रनौत को लेकर भाजपा का रुख स्पष्ट हो चुका है। पार्टी ने कंगना को सार्वजनिक मंच पर किसी भी प्रकार की नीतिगत टिप्पणी करने से मना किया है और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि उनके बयान पार्टी की विचारधारा और नीति के अनुरूप हों।
यह देखना दिलचस्प होगा कि कंगना इस सख्त हिदायत के बाद अपने बयानों में कितनी सतर्कता बरतती हैं और भाजपा के साथ उनके संबंध किस दिशा में आगे बढ़ते हैं। उनकी यह मुलाकात राजनीतिक और फिल्मी जगत में चर्चा का विषय बन गई है, और इससे आने वाले समय में उनकी भूमिका और बयानबाजी पर नजर रखी जाएगी।