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उत्पाद शुल्क नीति घोटाला, अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू.

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत और गिरफ्तारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई शुरू हुई। केजरीवाल ने उत्पाद शुल्क नीति घोटाले में सीबीआई द्वारा अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है और जमानत की मांग की है।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत और गिरफ्तारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई शुरू हुई। केजरीवाल ने उत्पाद शुल्क नीति घोटाले में सीबीआई द्वारा अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है और जमानत की मांग की है। केजरीवाल का नाम सीबीआई की प्राथमिकी में नहीं है, और उनकी ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में यही तर्क दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के भागने का कोई खतरा नहीं है और उनका आचरण ऐसा नहीं है जिससे समाज को कोई खतरा हो। सिंघवी ने कोर्ट को बताया कि 2023 में शुरू हुई जांच के बाद, केजरीवाल को मार्च 2024 में मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया था। इससे पहले शीर्ष अदालत ने उन्हें अंतरिम जमानत दी थी और यह भी कहा था कि केजरीवाल समाज के लिए कोई खतरा नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि निचली अदालत और सुप्रीम कोर्ट पहले ही उन्हें जमानत दे चुकी हैं।

केजरीवाल ने दो अलग-अलग याचिकाएं दायर की हैं। एक याचिका में उन्होंने जमानत से इनकार किए जाने को चुनौती दी है, जबकि दूसरी में उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है। उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी है जिसमें 5 अगस्त को उनकी गिरफ्तारी को वैध ठहराया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने पहले 14 अगस्त को उन्हें अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था, और सीबीआई से इस पर जवाब मांगा था। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि अरविंद केजरीवाल उन गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं जो घोटाले में गवाही दे सकते हैं। इसके बाद ही हाई कोर्ट ने उन्हें नियमित जमानत के लिए निचली अदालत में आवेदन करने का आदेश दिया था। दिल्ली की उत्पाद शुल्क नीति 2021-2022 में सीबीआई द्वारा अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए थे। जांच के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल ने इस नीति को रद्द कर दिया था। सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कहा कि लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया और नीति में जानबूझकर बदलाव किए गए।

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सीबीआई और ईडी के अनुसार, इस नीति को लागू करने में कई स्तरों पर अनियमितताएं की गईं। इससे सरकार को नुकसान हुआ और कुछ विशेष ठेकेदारों को फायदा पहुंचाया गया। यह घोटाला तब सामने आया जब दिल्ली सरकार की नीति पर सवाल उठने लगे और उपराज्यपाल ने इस पर सीबीआई जांच के आदेश दिए। अगस्त 2023 में शुरू हुई जांच के बाद, इस मामले में कई गिरफ्तारियां हुईं और कई नेताओं पर आरोप लगे। सीबीआई का कहना है कि अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी जरूरी है क्योंकि वह गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं। हाई कोर्ट ने भी सीबीआई के इस तर्क को सही माना और मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी को वैध ठहराया।

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वहीं, केजरीवाल ने अपनी याचिका में कहा है कि उन्हें राजनीतिक प्रतिशोध के तहत निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि उनके खिलाफ लगे आरोपों में कोई ठोस आधार नहीं है। अब सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई जारी है, और आने वाले दिनों में यह देखना होगा कि अदालत क्या फैसला देती है।

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