सुलतानपुर एनकाउंटर पर अखिलेश यादव का हमला, नकली एनकाउंटर से सत्ता पक्ष की संलिप्तता का आरोप.
समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने सुलतानपुर में हाल ही में हुए एनकाउंटर को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने इस एनकाउंटर की वैधता पर सवाल उठाते हुए दावा किया कि इस घटना में सत्ता पक्ष की संलिप्तता हो सकती है।
समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव ने सुलतानपुर में हाल ही में हुए एनकाउंटर को लेकर सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने इस एनकाउंटर की वैधता पर सवाल उठाते हुए दावा किया कि इस घटना में सत्ता पक्ष की संलिप्तता हो सकती है। अखिलेश यादव का कहना है कि सुलतानपुर की डकैती के मुख्य आरोपी से पहले ही संपर्क साध लिया गया था और उसे नकली एनकाउंटर से पहले सरेंडर कराने के लिए मजबूर किया गया था। अखिलेश यादव ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “मुख्य आरोपी के सरेंडर करने के बाद, लूट का पूरा माल वापस होना चाहिए। इसके साथ ही, सरकार को पीड़ितों को मुआवज़ा देना चाहिए क्योंकि इस तरह की घटनाएं मानसिक आघात पहुँचाती हैं, जिससे व्यापार को नुकसान होता है। इस नुकसान की भरपाई सरकार द्वारा की जानी चाहिए।”
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उन्होंने आगे कहा कि सरकार द्वारा किए जा रहे नकली एनकाउंटर केवल एक दिखावा हैं, और इससे कानून-व्यवस्था मजबूत नहीं होती। उनका आरोप है कि सत्ता पक्ष अपराधियों के साथ मिलीभगत करता है और जब जनता का दबाव बढ़ता है, तब नकली एनकाउंटर का सहारा लिया जाता है ताकि जनता को शांत किया जा सके। सपा प्रमुख ने सत्ताधारी भाजपा पर सीधा हमला बोलते हुए इसे “अपराधियों का अमृतकाल” करार दिया। उन्होंने कहा कि जब तक जनता का आक्रोश चरम सीमा पर नहीं पहुँचता, तब तक अपराधियों को संरक्षण मिलता रहता है। अखिलेश यादव का आरोप है कि जब सरकार को लगता है कि जनता घेर लेगी, तब जाकर नकली एनकाउंटर का नाटक किया जाता है, ताकि अपराधियों को बचाया जा सके और निर्दोष लोगों को फंसाया जा सके।
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अखिलेश यादव का दावा है कि सुलतानपुर एनकाउंटर में जातिगत भेदभाव हुआ है। उन्होंने कहा कि एनकाउंटर में कुछ लोगों के पैरों पर केवल दिखावटी गोली मारी गई, जबकि कुछ को “जात” देखकर जान से मार दिया गया। उन्होंने सरकार पर जातिगत आधार पर न्याय करने का आरोप लगाया और कहा कि न्याय की व्यवस्था केवल कानूनी ढांचे के माध्यम से ही संभव हो सकती है, न कि नकली एनकाउंटर के जरिए। अखिलेश यादव ने मांग की कि डकैती से हुए नुकसान की भरपाई की जानी चाहिए और इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को पीड़ितों के व्यापारिक नुकसान की भरपाई भी करनी चाहिए, क्योंकि इस प्रकार की घटनाओं का व्यापार पर गहरा प्रभाव पड़ता है।