अमित शाह ने दी चुनौती, ‘बाबा मन्हास की कसम खाकर कहता हूं, धारा 370 की वापसी नहीं होने दूंगा’, राहुल गांधी पर साधा निशाना.
जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का दौरा हमेशा से महत्वपूर्ण रहा है, और इस बार भी वह अपने दो दिवसीय दौरे पर जनता से सीधे संवाद कर रहे हैं। जनसभा को संबोधित करते हुए, उन्होंने जम्मू-कश्मीर के विकास और शांति का मुद्दा उठाया और विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा।
जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का दौरा हमेशा से महत्वपूर्ण रहा है, और इस बार भी वह अपने दो दिवसीय दौरे पर जनता से सीधे संवाद कर रहे हैं। जनसभा को संबोधित करते हुए, उन्होंने जम्मू-कश्मीर के विकास और शांति का मुद्दा उठाया और विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने साफ़ कहा कि अगर विपक्ष सत्ता में आया, तो राज्य में विकास ठप हो जाएगा और आतंकवाद का खतरा बढ़ जाएगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भाजपा जम्मू-कश्मीर में शांति और विकास के प्रति प्रतिबद्ध है। अमित शाह ने नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस जैसी पार्टियों पर तीखे शब्दों में हमला करते हुए कहा कि उनके सत्ता में आने से आतंकवाद को फिर से बल मिलेगा। उन्होंने कहा, “अगर नेकां (नेशनल कॉन्फ्रेंस) सत्ता में आती है, तो आतंकवाद बढ़ेगा।” शाह ने फारूक अब्दुल्ला की पार्टी और कांग्रेस को जम्मू-कश्मीर के विकास में बाधा बताया और कहा कि भाजपा ने राज्य को आतंकवाद की आग से बचाने के लिए कठोर कदम उठाए हैं।
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अमित शाह ने भाजपा के शासन में किए गए विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए बताया कि जम्मू में हजारों करोड़ रुपये के विकास कार्य किए गए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार ने आतंकियों का चुन-चुन कर सफाया किया है और श्री अमरनाथ यात्रा को भयमुक्त वातावरण में संपन्न कराने में सफलता पाई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सब भाजपा के शासन में संभव हुआ है और अगर विपक्ष सत्ता में आया तो आतंकवाद और अस्थिरता लौट आएगी। शाह ने धारा 370 पर कांग्रेस के वादों पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने राहुल गांधी की बात का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा देने की बात कर रही है, लेकिन यह अधिकार केवल भारत सरकार और प्रधानमंत्री के पास है। उन्होंने यह भी कहा कि उचित समय पर जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिया जाएगा, जैसा कि पहले भी कहा जा चुका है।
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अमित शाह ने अपने भाषण में यह स्पष्ट किया कि जब तक जम्मू-कश्मीर में शांति स्थापित नहीं हो जाती, तब तक पाकिस्तान से किसी भी प्रकार की बातचीत नहीं की जाएगी। उन्होंने विपक्षी दलों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस, अब्दुल्ला और मुफ्ती परिवार ने जम्मू-कश्मीर को लूटने का काम किया है और राज्य की जनता को यह तय करना है कि उन्हें आतंकवाद चाहिए या विकास और शांति। गृहमंत्री ने अपने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि उन्हें केवल विपक्ष को हराना नहीं है, बल्कि उनकी जमानत भी जब्त करानी है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पहली बार धारा 370 के बिना चुनाव हो रहे हैं और यह भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे घर-घर जाकर भाजपा के विकास कार्यों को बताएं और अधिक से अधिक लोगों को मतदान केंद्र तक पहुंचाने का काम करें।
जनसभा के दौरान, मंच पर अमित शाह के साथ केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी और जितेंद्र सिंह भी मौजूद थे। सभा स्थल भगवा रंग में रंगा हुआ था और भाजपा के झंडे लहराते हुए महिला कार्यकर्ता “भारत माता की जय” के नारे लगा रही थीं। पूरे कार्यक्रम के दौरान कार्यकर्ताओं में गजब का जोश देखा गया, जिससे भाजपा के चुनावी अभियान को मजबूती मिली। अमित शाह के इस भाषण ने जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक परिदृश्य को और अधिक गर्म कर दिया है।