मणिपुर में हिंसा का दौर फिर से शुरू हो गया है, जिसमें शुक्रवार से भड़की आग शनिवार को भी बुझने का नाम नहीं ले रही है। इस ताजा हिंसा के दौरान मैतेई समुदाय के एक बुजुर्ग की हत्या कर दी गई। इसके जवाब में जिरीबाम जिले में चार कुकी उग्रवादियों को मार गिराया गया है। ये हिंसा जिरीबाम जिले के सेरो, मोलजोल, रशीदपुर और नुंगचप्पी गांवों से शुरू हुई, जो दक्षिणी असम की सीमा से सटे हैं। शनिवार सुबह 10 बजे तक रुक-रुक कर गोलीबारी होती रही, जिससे इलाके में तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। ताजा जानकारी के अनुसार, मरने वालों की संख्या 6 तक पहुंच गई है।
मणिपुर के जिरीबाम जिले में हिंसा की शुरुआत मंगलवार को हुई जब संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने इलाके में हमला कर दिया। इस हमले के दौरान मैतेई समुदाय के एक बुजुर्ग की हत्या कर दी गई, जो उस समय सो रहे थे। इस घटना ने इलाके में तनाव को और बढ़ा दिया। इसके बाद, हिंसा की चपेट में अन्य गांव भी आ गए और हालात बेकाबू हो गए। हिंसा को रोकने के लिए असम राइफल्स, केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल और मणिपुर पुलिस के कमांडो की तैनाती की गई है।
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स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए मणिपुर सरकार ने शनिवार को राज्य के सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने का आदेश दिया। इसके साथ ही, सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं और उग्रवाद रोधी अभियानों को तेज करने का आदेश दिया गया है। इससे पहले, मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री मैरेम्बम कोइरेंग के आवास पर बम से हमला किया गया था। यह हमला विष्णुपुर जिले में हुआ था, जिसमें एक बुजुर्ग की मौत हो गई और छह लोग घायल हो गए थे। बम को काफी दूरी से फेंका गया था, जो कोइरेंग के आवास के परिसर में गिरा। हमले के समय कोइरेंग और उनका परिवार घर पर मौजूद नहीं थे। मृतक की पहचान आरके रबेई के रूप में की गई है।
मणिपुर पुलिस के आईजीपी कबीब के और के जयंत ने मीडिया से बातचीत में बताया कि हिंसा के दौरान ड्रोन हमलों और लंबी दूरी के रॉकेट बम हमलों का भी उपयोग किया गया है। उन्होंने मोइरांग में हुए हमले की पुष्टि करते हुए बताया कि उग्रवादियों ने लंबी दूरी की पाइप रॉकेट गन का इस्तेमाल किया, जो तकनीकी रूप से अपरिष्कृत लेकिन उन्नत हथियार है। आईजीपी ने जिरीबाम हमले की भी पुष्टि की, जहां भीड़ ने दूसरे और सातवें एमआर हथियार डकैती का प्रयास किया, लेकिन पुलिस ने इसे नाकाम कर दिया। इसके अलावा, उग्र भीड़ ने ड्यूटी से वापस लौट रहे पुलिस कर्मियों पर फायरिंग की, जिसमें दो पुलिसकर्मी घायल हो गए। हालात को देखते हुए पुलिस ने जवाबी कार्रवाई नहीं की। हालांकि, पुलिस ने इलाके में तलाशी अभियान चलाया और शनिवार सुबह भी कई हथियार जैसे स्नाइपर, पाइप गन आदि बरामद किए।
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स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सुरक्षा बलों ने ड्रोन हमलों को रोकने के लिए एंटी ड्रोन सिस्टम तैनात किए हैं। इसके साथ ही, सेना के हेलिकॉप्टरों द्वारा इलाके में निगरानी और गश्त भी बढ़ा दी गई है। उच्च स्तरीय पुलिस अधिकारी भी हालात पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं और पूरी स्थिति की बारीकी से मॉनिटरिंग की जा रही है। इस बीच, राज्य में उग्रवाद रोधी अभियानों को और तेज करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि हालात को जल्द से जल्द नियंत्रण में लाया जा सके। मणिपुर की मौजूदा स्थिति को देखते हुए राज्य में अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती भी की जा सकती है।