राहुल गांधी के सिखों पर बयान को लेकर मचा बवाल, भाजपा का कड़ा विरोध, अदालत में घसीटने की चेतावनी
राहुल गांधी के सिखों पर दिए गए बयान से एक नया राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा ने उनके इस बयान को भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने वाला बताया है और उन्हें अदालत में घसीटने की धमकी दी है। वहीं, राहुल गांधी ने सिखों के अधिकारों की रक्षा के मुद्दे को उठाते हुए इसे सभी धर्मों के लिए समान रूप से महत्वपूर्ण बताया है
विपक्ष के नेता राहुल गांधी इन दिनों अमेरिका के तीन दिवसीय दौरे पर हैं, जहां वे विभिन्न मंचों से मोदी सरकार और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर जमकर हमला बोल रहे हैं। इस दौरे के दौरान राहुल गांधी ने मोदी सरकार की नीतियों और भाजपा-राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की विचारधारा की कड़ी आलोचना की है। हालांकि, उनके एक बयान ने नया विवाद खड़ा कर दिया है, जिसमें उन्होंने सिखों से जुड़े मुद्दों पर बात की। भाजपा ने इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है और कांग्रेस नेता को चुनौती दी है कि वे इस बयान को भारत में भी दोहराएं।
राहुल गांधी ने वर्जीनिया में एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि भारत में सिखों को उनकी धार्मिक पहचान के साथ जीने के अधिकार पर हमला हो रहा है। उन्होंने कहा, “लड़ाई राजनीति के बारे में नहीं है। असल लड़ाई यह है कि क्या एक सिख को भारत में पगड़ी पहनने की अनुमति दी जाएगी, क्या उन्हें गुरुद्वारे में जाने की इजाजत मिलेगी, और क्या उन्हें अपनी धार्मिक पहचान को बनाए रखने का हक दिया जाएगा।” राहुल ने इसे सिर्फ सिखों के लिए नहीं, बल्कि सभी धर्मों के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा बताया। राहुल गांधी के इस बयान पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा नेता आरपी सिंह ने कहा कि राहुल गांधी को अपने इस बयान को भारत में भी दोहराना चाहिए। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा, “अगर राहुल गांधी ने वर्जीनिया में जो कहा है उसे भारत में दोहराया, तो हम उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही करेंगे और उन्हें अदालत में घसीटेंगे।”
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आरपी सिंह ने कांग्रेस पर सिख विरोधी राजनीति करने का आरोप लगाते हुए 1984 के सिख विरोधी दंगों का जिक्र किया। उन्होंने कहा, “1984 में दिल्ली में 3000 से अधिक सिखों का नरसंहार हुआ था, और उस समय कांग्रेस की सरकार थी।” आरपी सिंह ने राहुल गांधी को उनके बयान के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए सिख समुदाय से माफी मांगने की मांग की है। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी राहुल गांधी की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने विपक्ष के नेता के रूप में देश की छवि को खराब करने का काम किया है। चौहान ने कहा, “जब अटल बिहारी वाजपेयी विपक्ष के नेता थे, तब उन्होंने कभी देश की छवि को धूमिल नहीं किया। विपक्ष का पद जिम्मेदारी वाला होता है और राहुल गांधी को इस पद की गरिमा बनाए रखनी चाहिए।” चौहान ने यह भी कहा कि राहुल गांधी ने सिखों के बारे में जो बातें कही हैं, वे देश में धार्मिक असहिष्णुता का गलत चित्रण करती हैं।
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राहुल गांधी के इस बयान ने सिख समुदाय के मुद्दों को फिर से चर्चा में ला दिया है। सिखों की धार्मिक पहचान और अधिकारों से जुड़े मुद्दे, जैसे कि पगड़ी, कड़ा, और गुरुद्वारे में जाने की स्वतंत्रता, हमेशा से संवेदनशील रहे हैं। भाजपा का आरोप है कि राहुल गांधी इन मुद्दों का राजनीतिकरण कर रहे हैं और देश की छवि को अंतरराष्ट्रीय मंच पर नुकसान पहुंचा रहे हैं। भाजपा ने कांग्रेस के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाया है और राहुल गांधी को सिखों पर दिए गए बयान के लिए माफी मांगने की मांग की है। वहीं, कांग्रेस इसे धार्मिक स्वतंत्रता और अल्पसंख्यकों के अधिकारों की लड़ाई के रूप में देख रही है।