भारत द्वारा वित्तपोषित परियोजनाओं पर बांग्लादेश की नई सरकार की सकारात्मक प्रतिक्रिया: सहयोग जारी रहेगा.
भारत और बांग्लादेश के बीच लंबे समय से चल रहे सहयोग ने दोनों देशों के विकास में योगदान दिया है। भारत द्वारा बांग्लादेश में चल रही परियोजनाओं को लेकर सकारात्मक रुख, दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास और विकास की दिशा में आगे बढ़ने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। नई अंतरिम सरकार के आने के बाद भी इन परियोजनाओं को बिना किसी रुकावट के पूरा करने की उम्मीद है, जिससे बांग्लादेश की विकास यात्रा को गति मिलेगी।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के वित्तीय सलाहकार सलेहुद्दीन अहमद ने मंगलवार को भारतीय वित्तपोषित परियोजनाओं की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि यह परियोजनाएं “काफी महत्वपूर्ण” हैं और देश में नई प्रशासन व्यवस्था के बावजूद यह जारी रहेंगी। उन्होंने भारत के साथ चल रहे द्विपक्षीय सहयोग को और अधिक बढ़ाने की इच्छा जताई। यह बयान ऐसे समय में आया है जब शेख हसीना की अवामी लीग सरकार के गिरने के बाद से भारत द्वारा संचालित परियोजनाओं की समय पर क्रियान्वयन को लेकर चिंताएं उठ रही थीं। अहमद ने कहा कि नई सरकार भी इन परियोजनाओं के प्रति प्रतिबद्ध है, और इन्हें रोका नहीं जाएगा। उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि इन परियोजनाओं के लिए भारत द्वारा बांग्लादेश को प्रदान की जा रही ऋण सुविधा पर कोई असर नहीं पड़ेगा। भारत द्वारा वित्तपोषित इन परियोजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए दोनों देशों के बीच सहयोग को और बढ़ाने पर सहमति बनी।
भारत बांग्लादेश में विभिन्न इंफ्रास्ट्रक्चर, ऊर्जा और विकास परियोजनाओं के लिए ऋण सुविधा प्रदान कर रहा है। ये परियोजनाएं बांग्लादेश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं, जिसमें सड़क निर्माण, रेलवे विस्तार और विद्युत परियोजनाएं शामिल हैं। वित्तीय सलाहकार सलेहुद्दीन अहमद ने कहा कि यह परियोजनाएं बांग्लादेश की विकास प्रक्रिया के लिए बेहद जरूरी हैं और इन्हें बिना किसी रुकावट के पूरा किया जाएगा। भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा के साथ बैठक के दौरान, दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग को बढ़ाने के तरीकों पर भी चर्चा हुई। अहमद ने कहा कि बांग्लादेश भारत के साथ अपने सहयोग को और अधिक व्यापक बनाना चाहता है, ताकि दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंध मजबूत हों और नए अवसरों का निर्माण हो सके।
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इस दौरान भारतीय उच्चायुक्त वर्मा ने बांग्लादेश को दी जा रही ऋण सुविधाओं पर जोर दिया और बताया कि भारत ने किसी भी ऋण सुविधा को रोका नहीं है। उन्होंने कहा, “ये परियोजनाएं बड़ी हैं और अलग-अलग स्थानों पर चल रही हैं, इसलिए ठेकेदार जल्द ही परियोजनाओं को फिर से शुरू करेंगे।” पिछले कुछ समय से बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद इन परियोजनाओं के क्रियान्वयन पर संदेह उत्पन्न हुआ था। हालांकि, सलेहुद्दीन अहमद के बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि बांग्लादेश की नई अंतरिम सरकार इन परियोजनाओं को लेकर गंभीर है और उन्हें समय पर पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
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भारत और बांग्लादेश के बीच लंबे समय से चल रहे सहयोग ने दोनों देशों के विकास में योगदान दिया है। भारत द्वारा बांग्लादेश में चल रही परियोजनाओं को लेकर सकारात्मक रुख, दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास और विकास की दिशा में आगे बढ़ने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। नई अंतरिम सरकार के आने के बाद भी इन परियोजनाओं को बिना किसी रुकावट के पूरा करने की उम्मीद है, जिससे बांग्लादेश की विकास यात्रा को गति मिलेगी।