हरियाणा विधानसभा चुनाव: भाजपा और कांग्रेस के बीच सत्ता संघर्ष, मुख्यमंत्री पद को लेकर सियासी घमासान
हरियाणा में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनावों के परिणामों का इंतजार पूरे राज्य को है। चुनावी गर्मी के बीच भाजपा और कांग्रेस दोनों प्रमुख राजनीतिक दल राज्य में सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं।
हरियाणा में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनावों के परिणामों का इंतजार पूरे राज्य को है। चुनावी गर्मी के बीच भाजपा और कांग्रेस दोनों प्रमुख राजनीतिक दल राज्य में सरकार बनाने का दावा कर रहे हैं। इस समय हरियाणा में भाजपा की सरकार है, और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने दावा किया है कि अगर इस बार भी भाजपा की जीत होती है, तो वही मुख्यमंत्री बनेंगे। उनका यह बयान कहीं न कहीं यह संकेत भी देता है कि मुख्यमंत्री पद के लिए उनकी दावेदारी सबसे मजबूत है और वह इस पद पर किसी और के लिए जगह नहीं छोड़ेंगे। भाजपा के भीतर भी मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान चल रही है। नायब सिंह सैनी के बयान के तुरंत बाद गुड़गांव से भाजपा सांसद और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह का बयान सामने आया। राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि जनता उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहती है। रोहतक में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने हुड्डा पर निशाना साधते हुए कहा, “मैं रोहतक की भूमि से यह वादा करता हूं कि अगर मुझे मुख्यमंत्री बनने का मौका मिलता है, तो मैं सबसे पहले 25 हजार युवाओं को नौकरी दूंगा और 1.20 लाख अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी करूंगा। मैं युवाओं के साथ खड़ा हूं और उन्हें रोजगार मुहैया कराने के लिए प्रतिबद्ध हूं।”
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केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने अपनी दावेदारी पेश करते हुए कहा कि भाजपा की सरकार तीसरी बार बनने जा रही है, और इसका मुख्य श्रेय दक्षिण हरियाणा को जाता है। उन्होंने दावा किया कि उनके क्षेत्र की जनता उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहती है। यह बयान भाजपा के भीतर चल रही अंदरूनी खींचतान का संकेत देता है, जहां मुख्यमंत्री पद के लिए कई नेताओं के बीच प्रतिस्पर्धा देखने को मिल रही है। राव इंद्रजीत सिंह ने उन बागी उम्मीदवारों पर भी प्रतिक्रिया दी जो भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि बागी उम्मीदवारों का चुनाव लड़ना उनका अधिकार है, लेकिन पार्टी को यह विचार करना पड़ेगा कि ऐसे लोग पार्टी में किसके कहने पर शामिल हुए थे। उनके इस बयान से साफ है कि भाजपा के अंदरूनी मामलों को लेकर असंतोष की स्थिति बनी हुई है, और पार्टी नेतृत्व को इस पर ध्यान देने की जरूरत है।
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मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अपनी सत्ता में वापसी का दावा करते हुए कहा कि भाजपा एक बार फिर से हरियाणा में सरकार बनाएगी और वह मुख्यमंत्री बने रहेंगे। सैनी का यह बयान इस बात का संकेत है कि भाजपा के भीतर मुख्यमंत्री पद के लिए कोई दूसरा विकल्प नहीं है और उनकी दावेदारी मजबूत है। हालांकि, राव इंद्रजीत सिंह का बयान पार्टी के भीतर चल रहे सत्ता संघर्ष को उजागर करता है, जो चुनाव परिणामों के बाद और भी स्पष्ट हो सकता है। हरियाणा की जनता अब चुनावी नतीजों का इंतजार कर रही है। भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला है, और दोनों दलों के नेताओं ने अपनी-अपनी दावेदारी पेश कर दी है। मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा के भीतर खींचतान के बावजूद, पार्टी की नजरें सत्ता में वापसी पर टिकी हैं।