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सेंट पीटर्सबर्ग में ब्रिक्स बैठक, भारत-चीन सीमा विवाद पर चर्चा.

सेंट पीटर्सबर्ग में हुई इस बैठक में भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने की दिशा में एक सकारात्मक पहल हुई है। दोनों देशों ने सीमा विवाद को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने के लिए सहमति व्यक्त की है और सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया को एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। आने वाले समय में दोनों देशों के बीच आर्थिक और रणनीतिक संबंधों में और प्रगति की उम्मीद की जा रही है, जो इस क्षेत्र की स्थिरता के लिए भी महत्वपूर्ण होगी

बीते गुरुवार को रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में ब्रिक्स देशों की बैठक हुई, जिसमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका के सुरक्षा सलाहकार सम्मिलित हुए। इस बैठक में भारत की ओर से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल ने हिस्सा लिया। बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों और सीमा विवाद को लेकर महत्वपूर्ण बातचीत भी हुई। खासतौर पर, चीन के विदेश मंत्रालय ने पूर्वी लद्दाख के गलवान सहित चार विवादित क्षेत्रों से सैनिकों के पीछे हटने पर चर्चा की।

बैठक के बाद चीन के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी प्रेस रिलीज के अनुसार, “एनएसए अजित डोभाल और चीन के वरिष्ठ विदेश मंत्री वांग यी ने बैठक के बाद अलग से एक द्विपक्षीय चर्चा की। इस दौरान दोनों देशों ने सीमा विवाद से संबंधित हालिया घटनाओं पर विचार किया और भविष्य में संबंधों को सुधारने के लिए आपसी सहयोग पर सहमति व्यक्त की।” चीन की ओर से यह कहा गया कि हाल के वर्षों में भारत और चीन के सैनिकों ने पूर्वी लद्दाख में तनाव कम करने के लिए चार प्रमुख बिंदुओं से पीछे हटने का काम सफलतापूर्वक पूरा किया है। इन क्षेत्रों में गलवान घाटी भी शामिल है, जो 2020 में हिंसक संघर्ष का केंद्र रही थी। चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “भारत-चीन सीमा के पश्चिमी क्षेत्र में चार बिंदुओं से सैनिक पीछे हट चुके हैं, और वर्तमान स्थिति सामान्य और नियंत्रण में है।”

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प्रवक्ता माओ निंग से जब सवाल किया गया कि क्या दोनों देश पूर्वी लद्दाख में चार वर्षों से चले आ रहे सैन्य गतिरोध के बाद अब अपने संबंधों को सुधारने के करीब हैं, तो उन्होंने कहा, “दोनों देशों ने अग्रिम मोर्चे पर तैनात सैनिकों को वापस बुला लिया है और वर्तमान में सीमा पर स्थिति स्थिर है। यह दोनों देशों के संबंधों को सामान्य स्थिति में लाने का संकेत है।” बैठक के दौरान भारत और चीन दोनों ने इस बात पर सहमति व्यक्त की कि भविष्य में द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने और आपसी विश्वास बहाल करने की आवश्यकता है। दोनों पक्षों ने एक ऐसे माहौल को विकसित करने पर जोर दिया, जिसमें सीमा पर तनाव को कम किया जा सके और आर्थिक तथा सामरिक संबंधों को मजबूत बनाया जा सके।

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हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हुआ कि सैनिकों के पीछे हटने की प्रक्रिया के बाद भविष्य में क्या कदम उठाए जाएंगे, लेकिन दोनों देशों ने मौजूदा स्थिति को संतोषजनक बताया है। भारत-चीन संबंधों में सुधार और सीमा विवाद को हल करने की दिशा में यह बैठक एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

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