राहुल गांधी के आरक्षण बयान के खिलाफ आरपीआई करेगी ‘जूते मारो आंदोलन’
केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) के अध्यक्ष रामदास अठावले ने हाल ही में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के आरक्षण संबंधी बयान के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। अठावले ने चेतावनी दी है कि उनकी पार्टी और दलित समुदाय देशभर में 'जूते मारो आंदोलन' शुरू करेगी, जिसका उद्देश्य राहुल गांधी के बयान के प्रति अपना विरोध जताना है।
केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) के अध्यक्ष रामदास अठावले ने हाल ही में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के आरक्षण संबंधी बयान के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। अठावले ने चेतावनी दी है कि उनकी पार्टी और दलित समुदाय देशभर में ‘जूते मारो आंदोलन’ शुरू करेगी, जिसका उद्देश्य राहुल गांधी के बयान के प्रति अपना विरोध जताना है। यह बयान राहुल गांधी द्वारा अमेरिका के जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में एक इंटरव्यू के दौरान दिया गया था। उस समय छात्रों के एक सवाल के जवाब में राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस तब तक आरक्षण समाप्त करने पर विचार नहीं करेगी जब तक भारत एक निष्पक्ष समाज नहीं बन जाता। उनका मानना है कि फिलहाल भारत में ऐसी निष्पक्षता का अभाव है, और इसी संदर्भ में आरक्षण पर पुनर्विचार किया जा सकता है।
अठावले ने इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई और इसे दलित विरोधी करार दिया। उनका कहना है कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर द्वारा संविधान के माध्यम से दिए गए आरक्षण को कोई भी समाप्त नहीं कर सकता। उन्होंने राहुल गांधी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि आरपीआई और देश का दलित समाज उनके इस बयान के खिलाफ देशभर में जूता मारो आंदोलन शुरू करेंगे। अठावले ने कहा, “राहुल गांधी एक बेकार आदमी हैं। जब भी वे इंग्लैंड या अमेरिका जाते हैं, तो भारत के खिलाफ बोलते हैं। अब वह आरक्षण खत्म करने की बात कर रहे हैं, जो कि दलितों, आदिवासियों और ओबीसी के खिलाफ है। हम इसका कड़ा विरोध करेंगे और उनके खिलाफ आंदोलन करेंगे।” उन्होंने यह भी कहा कि इस आंदोलन के तहत देशभर में राहुल गांधी पर जूते फेंकने का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
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अठावले ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर भी इस विषय पर एक पोस्ट साझा किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के बयान ने कांग्रेस का असली दलित विरोधी चेहरा उजागर कर दिया है। अठावले ने कहा कि राहुल गांधी को उनके बयान के लिए सबक सिखाने की जरूरत है, क्योंकि आरक्षण खत्म करने का विचार संविधान के खिलाफ है और यह बाबा साहब अंबेडकर की विरासत का अपमान है। धर्मशाला में आयोजित एक सेमिनार के दौरान अठावले ने यह बयान दिया, जिसमें वे विश्व सहकारी आर्थिक मंच के निमंत्रण पर पहुंचे थे। इस सेमिनार में कृषि क्षेत्र को सहकारिता से जोड़ने, रूस-यूक्रेन और इजरायल-हमास युद्ध परिदृश्य और भारत में आतंकवादी गतिविधियों में पाकिस्तान की संलिप्तता जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई।
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अठावले ने यह स्पष्ट किया कि आरपीआई और दलित समुदाय कांग्रेस के इस रुख का हर स्तर पर विरोध करेंगे और आरक्षण को समाप्त करने की किसी भी कोशिश को सफल नहीं होने देंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह केवल दलित, आदिवासी और ओबीसी समुदायों का मामला नहीं है, बल्कि यह सामाजिक न्याय और समानता के सिद्धांतों का सवाल है, जिसे कोई भी ताकत छीन नहीं सकती। अठावले के इस ऐलान के बाद राजनीतिक माहौल गरमा गया है, और आने वाले दिनों में आरपीआई के आंदोलन से राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के लिए नई चुनौती खड़ी हो सकती है।