पश्चिम बंगाल में बाढ़ की स्थिति गंभीर, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखा पत्र.
पश्चिम बंगाल में बाढ़ की गंभीर स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ममता बनर्जी ने चेतावनी दी है
पश्चिम बंगाल में बाढ़ की गंभीर स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने दामोदर घाटी निगम (डीवीसी) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ममता बनर्जी ने चेतावनी दी है कि अगर डीवीसी के साथ होने वाले सभी मौजूदा समझौतों पर पुनर्विचार नहीं किया गया, तो उनकी सरकार इन्हें रद्द कर देगी। उनके अनुसार, डीवीसी द्वारा “एकतरफा” पानी छोड़ने के कारण दक्षिण बंगाल के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में कहा कि डीवीसी द्वारा बिना किसी योजना के भारी मात्रा में पानी छोड़ा गया, जिससे राज्य के कई क्षेत्रों में तबाही हुई है। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि बाढ़ से हुए नुकसान के मद्देनजर केंद्रीय निधि को तुरंत जारी किया जाए ताकि राहत और पुनर्वास के कामों में तेजी लाई जा सके।
ममता बनर्जी ने अपने पत्र में बताया कि डीवीसी द्वारा नियंत्रित मैथन और पंचेत बांधों से करीब पांच लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो बाढ़ की मुख्य वजह बना। उन्होंने कहा कि यह अनियोजित और एकतरफा कदम था, जिसकी वजह से दामोदर नदी के निचले इलाकों में भारी बाढ़ आ गई है। उन्होंने इस बाढ़ को वर्ष 2009 के बाद से सबसे भीषण बताया और कहा कि इससे राज्य में व्यापक पैमाने पर तबाही हुई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस स्थिति से निपटने के लिए राज्य सरकार को केंद्र से तुरंत वित्तीय मदद की जरूरत है। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वे इस मामले को गंभीरता से लें और संबंधित मंत्रालयों को निर्देश दें कि केंद्रीय निधि को मंजूरी देकर उसे जल्द से जल्द जारी किया जाए।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अपने स्तर पर बाढ़ राहत कार्य कर रही है, लेकिन इसके लिए पर्याप्त केंद्रीय सहायता की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सबसे अधिक प्रभावित इलाकों में राहत और पुनर्वास के काम तेजी से चलाए जा रहे हैं, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। उन्होंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वे बाढ़ प्रबंधन के लिए विशेष ध्यान दें और इसे शीर्ष प्राथमिकता पर रखें। ममता बनर्जी ने अपने पत्र में यह भी जिक्र किया कि अगर डीवीसी के साथ मौजूदा समझौतों पर फिर से विचार नहीं किया गया तो राज्य सरकार सभी समझौतों को रद्द करने पर मजबूर हो जाएगी। उन्होंने डीवीसी के पानी छोड़ने की प्रक्रिया पर सख्त आपत्ति जताई और कहा कि इसे सुव्यवस्थित तरीके से नहीं किया गया, जिससे हजारों लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
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मुख्यमंत्री ने बाढ़ से हुई तबाही की गंभीरता को रेखांकित करते हुए कहा कि राज्य के कई हिस्सों में बड़े पैमाने पर फसलें नष्ट हो गई हैं, घरों को नुकसान पहुंचा है और हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के लिए यह बाढ़ किसी आपदा से कम नहीं है और इसके निपटारे के लिए केंद्र की मदद बेहद जरूरी है। प्रधानमंत्री को लिखे गए इस पत्र में मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया है कि केंद्रीय निधि को शीघ्र जारी किया जाए ताकि राज्य सरकार प्रभावित लोगों तक जल्द से जल्द राहत पहुंचा सके और बाढ़ से उत्पन्न स्थिति का प्रभावी ढंग से समाधान कर सके।