धारावी में मस्जिद के ‘अवैध हिस्से’ को तोड़ने पर विवाद, बीएमसी की कार्रवाई के खिलाफ लोगों का विरोध प्रदर्शन.
मुंबई के धारावी क्षेत्र में स्थित महबूब-ए-सुबानिया मस्जिद को लेकर शुक्रवार को विवाद खड़ा हो गया, जब बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) की टीम मस्जिद के कथित 'अवैध हिस्से' को तोड़ने के लिए पहुंची।
मुंबई के धारावी क्षेत्र में स्थित महबूब-ए-सुबानिया मस्जिद को लेकर शुक्रवार को विवाद खड़ा हो गया, जब बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) की टीम मस्जिद के कथित ‘अवैध हिस्से’ को तोड़ने के लिए पहुंची। धारावी, जिसे एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती के रूप में जाना जाता है, घनी आबादी वाला क्षेत्र है, जहां कई वर्षों से यह मस्जिद स्थानीय लोगों के धार्मिक और सामाजिक जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा रही है। बीएमसी की जी-नॉर्थ प्रशासनिक वार्ड की टीम सुबह 9 बजे धारावी के 90 फीट रोड पर स्थित इस मस्जिद के अवैध हिस्से को ध्वस्त करने के लिए पहुंची थी। इस मस्जिद को बीएमसी के अनुसार, कुछ हिस्से बिना अनुमति के बनाए गए थे, जो नगर निगम के नियमों का उल्लंघन कर रहे थे। हालाँकि, जैसे ही बीएमसी की टीम मस्जिद के पास पहुंची, बड़ी संख्या में स्थानीय लोग वहां इकट्ठा हो गए और उन्होंने इस कार्रवाई का विरोध शुरू कर दिया।
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विरोध करने वाले लोगों का कहना था कि मस्जिद करीब 25 साल पुरानी है और इसे अवैध ठहराना गलत है। कुछ प्रदर्शनकारियों ने रास्ते पर बैठकर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया, जिससे बीएमसी की गाड़ी और अन्य वाहन को क्षति भी पहुंचाई गई। प्रदर्शनकारियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पुलिस की भारी तैनाती की गई और स्थिति को नियंत्रण में लाने की कोशिश की गई। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए पुलिस और बीएमसी के अधिकारी प्रदर्शन कर रहे लोगों के साथ बातचीत में जुट गए। पुलिस अधिकारी ने बताया कि भीड़ ने बीएमसी की टीम को उस गली में प्रवेश करने से रोका, जहां मस्जिद स्थित है। पुलिस ने बताया कि अब हालात नियंत्रण में हैं, लेकिन तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। पुलिस की टीम लगातार स्थानीय लोगों से संवाद कर रही है ताकि किसी भी तरह की अप्रिय स्थिति न बने।
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मुस्लिम समुदाय के नेताओं ने इस कार्रवाई का विरोध किया और इसे गलत बताया। उनका कहना है कि मस्जिद का निर्माण वर्षों पहले किया गया था, और यह धारावी के समुदाय के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। मस्जिद को अवैध ठहराकर इस पर कार्रवाई करना स्थानीय लोगों की भावनाओं को आहत करने वाला कदम है। इस बीच, मुंबई नॉर्थ सेंट्रल से सांसद प्रो. वर्षा गायकवाड़ ने इस मसले पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से बात की और उन्हें मस्जिद की स्थिति से अवगत कराया। उन्होंने मांग की कि इस मामले में उचित समाधान निकाला जाए और समुदाय की भावनाओं का ध्यान रखा जाए। सांसद ने इस कार्रवाई को रोकने की अपील की और सभी पक्षों से शांति बनाए रखने का अनुरोध किया।
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धारावी को एशिया की सबसे बड़ी झुग्गी बस्ती के रूप में जाना जाता है, जहां लाखों लोग छोटे घरों और तंग गलियों में रहते हैं। यहां की हर इमारत, चाहे वह धार्मिक स्थल हो या आवासीय ढांचा, स्थानीय लोगों के जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा होती है। इस इलाके में इस तरह की कोई भी कार्रवाई सामुदायिक तनाव का कारण बन सकती है, जैसा कि इस मस्जिद के मामले में देखने को मिला।