हरियाणा विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक माहौल में गर्मी बढ़ गई है। इस बार भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कांग्रेस की प्रमुख दलित नेता कुमारी शैलजा को अपने साथ जोड़ने का प्रस्ताव दिया है। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस ने कुमारी शैलजा का अपमान किया है, और वह उन्हें बीजेपी में शामिल होने का खुला आमंत्रण देते हैं। मनोहर लाल खट्टर ने एक कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कुमारी शैलजा जैसे दलित नेता का पार्टी में निरादर हुआ है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस में उनके प्रति गलत भाषा का उपयोग किया गया और उनका सम्मान नहीं किया गया। खट्टर ने कहा कि कुमारी शैलजा को गालियां दी गईं और उनका अपमान किया गया, बावजूद इसके कांग्रेस ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। उन्होंने भूपिंदर सिंह हुड्डा और गांधी परिवार पर हमला करते हुए कहा कि इन नेताओं को कुमारी शैलजा के अपमान पर कोई शर्म नहीं आई है। खट्टर ने कहा कि बीजेपी ने कई बड़े नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल किया है और वह कुमारी शैलजा को भी अपनी पार्टी में लाने के लिए तैयार हैं।
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कुमारी शैलजा, जो हरियाणा की राजनीति में एक महत्वपूर्ण दलित नेता मानी जाती हैं, पिछले कुछ दिनों से कांग्रेस के प्रचार-प्रसार में सक्रिय नहीं दिखी हैं। हालांकि, वह अपने समर्थकों से मुलाकात कर रही हैं, लेकिन चुनावी मंचों से दूर हैं। खट्टर द्वारा दिए गए इस ऑफर के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं और तेज हो गई हैं। कुमारी शैलजा की इस चुप्पी को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं कि वह आगे क्या कदम उठाएंगी। बीजेपी ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा है कि अगर कांग्रेस अपनी ही दलित नेता का सम्मान नहीं कर सकती, तो वह राज्य के दलितों का क्या आदर करेगी। बीजेपी नेताओं का मानना है कि कुमारी शैलजा का पार्टी में अपमान होने से कांग्रेस की दलित समर्थक छवि पर सवाल उठ रहे हैं।
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बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के राष्ट्रीय संयोजक और मायावती के भतीजे आकाश आनंद ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी। आकाश ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस ने हरियाणा की दलित बेटी कुमारी शैलजा का अपमान किया है। उन्होंने यह भी कहा कि हुड्डा के समर्थकों ने शैलजा के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया, लेकिन कांग्रेस के नेता चुपचाप बैठे रहे। आकाश आनंद ने आगे कहा कि कांग्रेस दलित विरोधी रही है और रहेगी। उन्होंने हरियाणा के दलित समुदाय से अपील की कि वे कांग्रेस का समर्थन छोड़ दें क्योंकि यह पार्टी कभी भी दलितों का सम्मान नहीं करती। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि जब कांग्रेस हरियाणा की एक दलित नेता का सम्मान नहीं कर सकती, तो वह पूरे राज्य के दलितों का क्या ख्याल रखेगी?