उपचुनावों की तैयारी में जुटी लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), चिराग पासवान का यूपी दौरा.
उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा उपचुनावों के लिए सभी राजनीतिक दल अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं। इसी सिलसिले में बिहार की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) भी यूपी की राजनीतिक जमीन पर पैर जमाने की कोशिश कर रही है।
उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा उपचुनावों के लिए सभी राजनीतिक दल अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं। इसी सिलसिले में बिहार की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) भी यूपी की राजनीतिक जमीन पर पैर जमाने की कोशिश कर रही है। पार्टी के प्रमुख, चिराग पासवान, इन दिनों उत्तर प्रदेश का दौरा कर रहे हैं। गुरुवार को चिराग कौशांबी जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए नजर आए। उनकी पार्टी का लक्ष्य है दलित समुदाय के साथ-साथ अन्य वर्गों के मतदाताओं को अपने पक्ष में करना।
लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के नेता और जमुई से सांसद, अरुण भारती ने चिराग पासवान के इस दौरे पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के साथ एलजेपी-आर का गठबंधन केवल बिहार विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव के लिए है। यूपी जैसे अन्य राज्यों में पार्टी एनडीए के साथ किसी भी प्रकार का गठबंधन नहीं करेगी। अरुण भारती ने कहा, “हमारा मुख्य फोकस उत्तर प्रदेश में अपने संगठन का विस्तार करना है और ऐसे लोगों का समर्थन करना है जो यूपी में चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।”
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पार्टी की रणनीति यह है कि वह दलित, पासवान और पासी समुदाय के लोगों को एकजुट कर अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करेगी। पार्टी पहले ही ऐलान कर चुकी है कि 2027 में होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव में वह 100 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। चिराग पासवान उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में लगातार दौरे कर रहे हैं और उनकी कोशिश है कि पार्टी के लिए यूपी में एक सशक्त आधार तैयार हो।
चिराग पासवान ने कौशांबी में अपने दौरे की शुरुआत की और इसके बाद वह गोरखपुर, प्रतापगढ़, बलिया और प्रयागराज में भी रैलियों को संबोधित करेंगे। उनके दौरे की तारीखें इस प्रकार हैं: गोरखपुर में 20 अक्टूबर, प्रतापगढ़ में 16 नवंबर, बलिया में 4 दिसंबर और प्रयागराज में 25 दिसंबर को रैलियां होंगी। इन रैलियों के माध्यम से चिराग पासवान यूपी में अपनी सियासी जमीन तलाश रहे हैं।
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उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में जल्द ही उपचुनाव होने वाले हैं। इनमें फूलपुर, गाजियाबाद, मीरापुर, करहल, मिल्कीपुर, सीसामऊ, कुंदरकी, मझवां, कटेहरी और खैर जैसी प्रमुख विधानसभा सीटें शामिल हैं। अरुण भारती ने साफ किया कि पार्टी इन सीटों पर उपचुनाव लड़ने के लिए तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि पूर्ववर्ती सपा और बसपा सरकारों ने दलितों, पासवान और पासी समुदाय के लोगों को केवल वोट बैंक की तरह देखा है और उन्हें कभी भी उचित मंच या अवसर नहीं दिया है। इसी कारण अब एलजेपी-आर यूपी में इन वर्गों को एक मंच पर लाकर उनकी आवाज बनना चाहती है।
बिहार में हुए लोकसभा चुनावों में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) का प्रदर्शन शानदार रहा था। पार्टी ने एनडीए के साथ मिलकर 5 सीटों पर चुनाव लड़ा था और सभी सीटों पर जीत हासिल की थी, जिससे कार्यकर्ताओं का मनोबल ऊंचा हो गया है। अब पार्टी उत्तर प्रदेश में अकेले विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है, और इस प्रक्रिया में उपचुनाव उनके लिए एक महत्वपूर्ण कदम होगा।