भारत में तकनीकी आत्मनिर्भरता, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन परम रुद्र सुपरकंप्यूटर और उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग प्रणाली का उद्घाटन किया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार शाम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए तीन नए सुपर कंप्यूटरों "परम रुद्र" और उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग (एचपीसी) प्रणालियों का उद्घाटन किया। यह उद्घाटन भारत की विज्ञान और प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार शाम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए तीन नए सुपर कंप्यूटरों “परम रुद्र” और उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग (एचपीसी) प्रणालियों का उद्घाटन किया। यह उद्घाटन भारत की विज्ञान और प्रौद्योगिकी में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इन कंप्यूटिंग प्रणालियों को विशेष रूप से मौसम और जलवायु अनुसंधान के लिए डिजाइन किया गया है, जो भारत के विभिन्न वैज्ञानिक क्षेत्रों में अनुसंधान और नवाचार को एक नई दिशा देंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर कहा, “यह दिन विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि का प्रतीक है। 21वीं सदी का भारत विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अनुसंधान को प्राथमिकता देते हुए प्रगति कर रहा है। हमारा देश आज नई संभावनाओं को तलाशने के साथ-साथ वैज्ञानिक नवाचारों में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है।”
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प्रधानमंत्री ने बताया कि ये तीन सुपरकंप्यूटर “परम रुद्र” दिल्ली, पुणे और कोलकाता में स्थापित किए गए हैं। इन सुपरकंप्यूटरों के माध्यम से भौतिक विज्ञान, भूविज्ञान और ब्रह्मांड विज्ञान जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा, जो आने वाले समय में भारत के विज्ञान और तकनीकी नवाचारों को और मजबूत करेंगे। इसके साथ ही, ‘अर्का’ और ‘आरुणिक’ नामक दो उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग प्रणालियों का भी उद्घाटन किया गया, जो जलवायु और मौसम अनुसंधान में मददगार साबित होंगी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस अवसर पर कहा, “आज का उद्घाटन एक महत्वपूर्ण कदम है क्योंकि यह भारत में डिज़ाइन किए गए और भारत में निर्मित सुपरकंप्यूटरों का परिचय कराता है। जलवायु परिवर्तन वर्तमान में दुनिया के सामने सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक है। ऐसे में ये सुपरकंप्यूटर न केवल अनुसंधान को तेज़ी से आगे बढ़ाने में मदद करेंगे, बल्कि किसानों, ग्रामीण क्षेत्रों और शहरी समुदायों को जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए आवश्यक मॉडल तैयार करने में भी सहायक होंगे।”
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प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि डिजिटल युग में कंप्यूटिंग क्षमता किसी भी राष्ट्र की प्रगति का पर्याय बन चुकी है। अब ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जो तकनीकी और कंप्यूटिंग क्षमता पर निर्भर न हो। ये सुपरकंप्यूटर उद्योग 4.0 में भारत की सफलता को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। प्रधानमंत्री ने इस साल के बजट में घोषित 1 लाख करोड़ रुपए के शोध फंड का जिक्र करते हुए कहा कि भारत का लक्ष्य दुनिया को अपने नवाचार और अनुसंधान से सशक्त बनाना है। आज का भारत न केवल नए निर्णय ले रहा है, बल्कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी नई नीतियां बना रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा कि परम रुद्र सुपरकंप्यूटर और अन्य एचपीसी प्रणालियां विज्ञान, अनुसंधान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता को मजबूत बनाएंगी। इन प्रणालियों के माध्यम से, न केवल जलवायु अनुसंधान और कृषि विज्ञान में मदद मिलेगी, बल्कि ब्रह्मांड विज्ञान जैसे क्षेत्रों में भी महत्वपूर्ण नवाचार होंगे। इस प्रकार, भारत कंप्यूटिंग और तकनीकी क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ा चुका है, जो आने वाले समय में दुनिया के सामने एक नया उदाहरण पेश करेगा।