तिरुपति लड्डू विवाद, घी में मिलावट की जांच के लिए आंध्र प्रदेश सरकार ने एसआईटी गठित की
तिरुपति मंदिर के प्रतिष्ठित लड्डू प्रसादम में जानवरों की चर्बी वाला घी और फिश ऑयल की मिलावट के आरोपों के बीच, आंध्र प्रदेश सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है।
तिरुपति मंदिर के प्रतिष्ठित लड्डू प्रसादम में जानवरों की चर्बी वाला घी और फिश ऑयल की मिलावट के आरोपों के बीच, आंध्र प्रदेश सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया है। इस विवाद के बढ़ने के साथ ही मंदिर और श्रद्धालुओं के बीच चिंता बढ़ गई थी, जिससे सरकार को कड़ी कार्रवाई करनी पड़ी। आदेश के अनुसार, तिरुपति लड्डू में कथित तौर पर जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किए जाने की जांच के लिए यह एसआईटी बनाई गई है। गुंटूर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक (IGP) सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी को इस एसआईटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। उनके नेतृत्व में यह टीम पूरी जांच करेगी और मामले की सच्चाई का पता लगाएगी।
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आधिकारिक बयान में बताया गया है कि एसआईटी को जांच के दौरान आंध्र प्रदेश सरकार के किसी भी विभाग से संबंधित जानकारी प्राप्त करने और आवश्यक सहयोग मांगने की पूरी छूट होगी। सभी विभागों को आदेश दिया गया है कि वे एसआईटी को जांच में हर संभव सहयोग प्रदान करेंगे। इसके अलावा, एसआईटी आवश्यकता अनुसार तकनीकी या विशेषज्ञ सहयोग भी प्राप्त कर सकती है। एसआईटी की मदद के लिए पुलिस महानिदेशक (DGP) की अनुमति से बाहरी विशेषज्ञों की सहायता भी ली जा सकती है।
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इस नौ सदस्यीय टीम में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और विशेषज्ञों को शामिल किया गया है। एसआईटी में शामिल प्रमुख सदस्य निम्नलिखित हैं:
1. सर्वश्रेष्ठ त्रिपाठी, एसआईटी अध्यक्ष (आईजीपी, गुंटूर रेंज)
2. आईपीएस गोपीनाथ जट्टी
3. आईपीएस वी हर्षवर्धन राजू
4. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वेंकट राव
5. पुलिस उपाधीक्षक जी सीताराम राव
6. पुलिस उपाधीक्षक जे शिवनारायण स्वामी
7. स्पेशल ब्रांच निरीक्षक टी सत्यनारायण
8. एनटीआर पुलिस आयुक्तालय निरीक्षक के उमामहेश्वर
9. सर्कल इंस्पेक्टर एम सूर्यनारायण
तिरुपति लड्डू प्रसादम की पवित्रता पर उठे इस विवाद ने न सिर्फ आस्थावान भक्तों को हिला दिया है, बल्कि राज्य सरकार के लिए भी एक संवेदनशील मुद्दा बन गया है। इस एसआईटी के गठन से उम्मीद की जा रही है कि घी में किसी भी तरह की मिलावट की सच्चाई सामने आएगी और श्रद्धालुओं के विश्वास को बहाल किया जा सकेगा।