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सुप्रीम कोर्ट से केजरीवाल और आतिशी को राहत, मानहानि मामले की सुनवाई पर लगी रोक

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और वर्तमान मुख्यमंत्री आतिशी को एक मानहानि मामले में सोमवार को बड़ी राहत दी। कोर्ट ने मामले की सुनवाई कर रही ट्रायल कोर्ट में चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और वर्तमान मुख्यमंत्री आतिशी को एक मानहानि मामले में सोमवार को बड़ी राहत दी। कोर्ट ने मामले की सुनवाई कर रही ट्रायल कोर्ट में चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी है। यह मामला बीजेपी नेता राजीव बब्बर द्वारा दायर किया गया था, जिन्होंने केजरीवाल और अन्य ‘आप’ नेताओं पर मानहानि का आरोप लगाया था। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने इस मामले में तीन अक्टूबर को अरविंद केजरीवाल और आतिशी को पेश होने का आदेश दिया था। बब्बर की ओर से यह दावा किया गया था कि इन नेताओं द्वारा सार्वजनिक रूप से दिए गए बयानों के कारण भाजपा की छवि धूमिल हुई है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट द्वारा जारी इस समन पर रोक लगाते हुए दोनों नेताओं को फिलहाल राहत दी है।

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इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने केजरीवाल और आतिशी की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने मानहानि के इस मामले को रद्द करने की मांग की थी। इस फैसले के बाद, दोनों नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उच्च न्यायालय ने बब्बर के आरोपों को पर्याप्त मानते हुए मामले की सुनवाई को आगे बढ़ाने का फैसला किया था। राजीव बब्बर ने अरविंद केजरीवाल, आतिशी, आप नेता सुशील कुमार गुप्ता और मनोज कुमार के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था। बब्बर का आरोप था कि इन नेताओं ने भाजपा को बदनाम करने की साजिश रची और 2020 के विधानसभा चुनावों से पहले गलत बयान दिए, जिसमें कहा गया था कि भाजपा ने दिल्ली की मतदाता सूची से 30 लाख मतदाताओं के नाम हटवा दिए हैं। इनमें विशेष रूप से बनिया, मुस्लिम और अन्य अल्पसंख्यक समुदायों के लोग शामिल थे।

फरवरी 2020 में, दिल्ली उच्च न्यायालय ने इस मामले की कार्यवाही पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी थी, जिससे अरविंद केजरीवाल और अन्य आप नेताओं को कुछ समय के लिए राहत मिली थी। लेकिन जब मामले को पुनः शुरू किया गया, तो राऊज एवेन्यू कोर्ट ने तीन अक्टूबर 2023 को पेशी का आदेश जारी किया था, जिसे अब सुप्रीम कोर्ट ने रोक दिया है।

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सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाई गई इस रोक के बाद अब ट्रायल कोर्ट में इस मामले की सुनवाई तब तक नहीं होगी जब तक सुप्रीम कोर्ट इस पर अंतिम निर्णय नहीं ले लेता। केजरीवाल और आतिशी की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि उन पर लगाए गए आरोप निराधार हैं और इनका उद्देश्य केवल राजनीतिक लाभ लेना है। अब देखना यह होगा कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में आगे क्या निर्णय लेता है। यह मामला दिल्ली की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है, क्योंकि इस तरह के आरोप और कानूनी मामलों का सीधा असर आगामी चुनावों और राजनीतिक छवि पर पड़ सकता है।

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