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मुकेश अंबानी की उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे से मुलाकात पर उठे सवाल.

देश के प्रमुख उद्योगपति मुकेश अंबानी की महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात ने राज्य की राजनीति में नई सरगर्मी पैदा कर दी है।

देश के प्रमुख उद्योगपति मुकेश अंबानी की महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात ने राज्य की राजनीति में नई सरगर्मी पैदा कर दी है। मंगलवार की रात को हुई इन बैठकों को लेकर राजनीतिक गलियारों में कई अटकलें लगाई जा रही हैं, खासकर जब यह मुलाकात विधानसभा चुनाव की संभावित घोषणा के ठीक पहले हुई है।

मुकेश अंबानी अपने बेटे अनंत अंबानी के साथ रात करीब 10:30 बजे मुंबई के बांद्रा इलाके में स्थित ठाकरे निवास ‘मातोश्री’ पहुंचे। इस दौरान उद्धव ठाकरे के अलावा उनके बेटे आदित्य ठाकरे और तेजस ठाकरे भी मौजूद थे। करीब दो घंटे तक चली इस बैठक के बाद, अंबानी पिता-पुत्र रात 1 बजे के करीब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के सरकारी आवास ‘वर्षा’ पहुंचे, जहां वे लगभग एक घंटे तक रुके। इस मुलाकात का स्पष्ट कारण अभी तक सामने नहीं आया है, लेकिन राजनीतिक हलकों में इसे एक महत्वपूर्ण घटना के रूप में देखा जा रहा है।

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मुलाकात के बारे में आधिकारिक तौर पर कोई जानकारी साझा नहीं की गई है, जिससे कयासों का बाजार गर्म है। शिंदे गुट के नेताओं का कहना है कि यह सिर्फ एक शिष्टाचार मुलाकात थी, लेकिन इस तरह की अनौपचारिक बैठकों का चुनाव के पहले होना सवाल खड़ा करता है। इस मुलाकात की पृष्ठभूमि में हाल ही की अन्य राजनीतिक घटनाएं भी हैं, जो इसे और भी संदिग्ध बना रही हैं। वंचित बहुजन आघाड़ी के प्रदेश उपाध्यक्ष सिद्धार्थ मोकले ने तीन दिन पहले एक बड़ा खुलासा किया था कि भाजपा नेता और राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 5 अगस्त को मातोश्री जाकर उद्धव ठाकरे से अकेले मुलाकात की थी। इससे पहले, 25 जुलाई को शिवसेना (उद्धव) सांसद संजय राऊत भी दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिले थे। इन मुलाकातों को देखते हुए अब लोग यह सवाल उठा रहे हैं कि क्या महाराष्ट्र में कोई बड़ा राजनीतिक उलटफेर होने जा रहा है?

मुकेश अंबानी की ठाकरे और शिंदे से इस तरह की मुलाकातें, खासकर जब राज्य के राजनीतिक समीकरणों में अनिश्चितता है, कई सवाल खड़े करती हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि जब भी इस तरह के बड़े उद्योगपति किसी राजनीतिक दल या नेता से मुलाकात करते हैं, तो इसके पीछे कोई न कोई रणनीतिक उद्देश्य होता है। चुनाव के ठीक पहले इस तरह की बैठकें आमतौर पर किसी विशेष संदेश या समर्थन को इंगित करती हैं। हालांकि, इस मुलाकात के पीछे का असल उद्देश्य अभी तक स्पष्ट नहीं है।

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राज्य में जल्द ही विधानसभा चुनावों की घोषणा होने की संभावना है, और ऐसे समय में अंबानी की इन बैठकों ने राजनीतिक हलचल को और बढ़ा दिया है। हालांकि, इस पर अब तक कोई ठोस जानकारी या बयान सामने नहीं आया है, लेकिन आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह मुलाकातें राज्य की राजनीति को किस दिशा में लेकर जाती हैं।

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