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कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पर इस्तीफे का दबाव, पार्टी के भीतर उठ रही विरोध की आवाजें.

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के नेतृत्व में लिबरल पार्टी का भविष्य अंधकारमय होता नजर आ रहा है। हाल ही में खालिस्तान समर्थक आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत के साथ बढ़ते राजनयिक विवाद के बीच ट्रूडो सरकार की लोकप्रियता में भारी गिरावट आई है।

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के नेतृत्व में लिबरल पार्टी का भविष्य अंधकारमय होता नजर आ रहा है। हाल ही में खालिस्तान समर्थक आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत के साथ बढ़ते राजनयिक विवाद के बीच ट्रूडो सरकार की लोकप्रियता में भारी गिरावट आई है। इस विवाद के बाद कनाडा में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की स्थिति कमजोर हो गई है, और अब पार्टी के कई सांसद उन्हें पीएम पद से इस्तीफा देने का सुझाव दे रहे हैं। भारत से बिगड़ते रिश्तों के कारण जस्टिन ट्रूडो की लिबरल पार्टी के लिए राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है। हाल ही में हुए कई सर्वेक्षणों से पता चला है कि लिबरल पार्टी का समर्थन तेजी से घट रहा है, जबकि विपक्षी कंजरवेटिव पार्टी की लोकप्रियता बढ़ रही है। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, यदि अभी चुनाव होते हैं, तो कंजरवेटिव पार्टी जीत के करीब होगी, जबकि लिबरल पार्टी पिछड़ जाएगी।

23 अक्टूबर को लिबरल पार्टी के सांसदों की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें प्रधानमंत्री ट्रूडो के नेतृत्व पर गंभीर चर्चा की गई। बैठक के दौरान दर्जनों सांसदों ने ट्रूडो से प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने की मांग की। सांसदों का कहना है कि जस्टिन ट्रूडो पार्टी को अगले चुनावों में जीत दिलाने में सक्षम नहीं होंगे, इसलिए उन्हें समय रहते पद छोड़ देना चाहिए। लिबरल पार्टी के सांसद केन मैकडोनाल्ड ने खुले तौर पर ट्रूडो को सलाह दी कि उन्हें जनता की बातें सुननी चाहिए और पार्टी के भविष्य के बारे में विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा, “लोकप्रियता में हो रही गिरावट के चलते ट्रूडो को अगले चुनाव से पहले अपना पद छोड़ देना चाहिए।” मैकडोनाल्ड उन 20 सांसदों में शामिल हैं जो ट्रूडो के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।

हालांकि, जस्टिन ट्रूडो ने अपने बयान में पार्टी को एकजुट रखने की बात कही और पार्टी के सांसदों से समर्थन बनाए रखने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि यह समय पार्टी को और अधिक मजबूत और संगठित करने का है, न कि विभाजन का। लेकिन पार्टी के भीतर बगावत के संकेत साफ दिखाई दे रहे हैं। लगभग 20 सांसदों ने ट्रूडो के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है और वह चाहते हैं कि ट्रूडो चौथे कार्यकाल के लिए अपनी दावेदारी पेश न करें। ट्रूडो की स्थिति इस समय काफी मुश्किल भरी है। वे एक तरफ अगले चुनाव में पार्टी का नेतृत्व करने की कोशिश कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ पार्टी के अंदर से ही इस्तीफे की आवाजें तेज हो रही हैं। कनाडा के राजनीतिक समीकरणों पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों का मानना है कि यदि ट्रूडो पार्टी के भीतर हो रहे इस विरोध को समय रहते संभाल नहीं पाए, तो यह उनके राजनीतिक करियर के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है।

कनाडा में जस्टिन ट्रूडो और उनकी लिबरल पार्टी के लिए चुनौतीपूर्ण समय आ गया है। भारत के साथ राजनयिक विवाद और गिरती लोकप्रियता ने ट्रूडो की सरकार की स्थिरता को खतरे में डाल दिया है। पार्टी के कई सांसद अब ट्रूडो को इस्तीफा देने के लिए कह रहे हैं, और यदि यह दबाव जारी रहा तो आगामी चुनावों में लिबरल पार्टी की स्थिति और भी कमजोर हो सकती है।

By Neelam Singh.

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