वायनाड उपचुनाव: प्रियंका गांधी और नाव्या हरिदास की शैक्षणिक पृष्ठभूमि की तुलना.
वायनाड लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रियंका गांधी के खिलाफ नाव्या हरिदास को उम्मीदवार बनाया है। यह चुनाव 13 नवंबर 2024 को होना तय है, जबकि मतगणना 23 नवंबर को होगी। आइए इस अवसर पर दोनों उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यताओं की तुलना करें और उनके राजनीतिक अनुभवों को समझने की कोशिश करें।
वायनाड लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने प्रियंका गांधी के खिलाफ नाव्या हरिदास को उम्मीदवार बनाया है। यह चुनाव 13 नवंबर 2024 को होना तय है, जबकि मतगणना 23 नवंबर को होगी। आइए इस अवसर पर दोनों उम्मीदवारों की शैक्षणिक योग्यताओं की तुलना करें और उनके राजनीतिक अनुभवों को समझने की कोशिश करें। कांग्रेस की प्रमुख नेता प्रियंका गांधी एक अनुभवी राजनीतिज्ञ होने के साथ-साथ उच्च शिक्षा प्राप्त हैं। उनके द्वारा भरे गए नामांकन के दौरान प्रस्तुत हलफनामे के अनुसार, उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कॉन्वेंट ऑफ जेसस एंड मैरी स्कूल से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के जेसस एंड मैरी कॉलेज से साइकोलॉजी में बीए ऑनर्स की डिग्री हासिल की। प्रियंका ने 2010 में बौद्ध अध्ययन में एमए की डिग्री भी प्राप्त की।
इस प्रकार, प्रियंका गांधी ने न केवल राजनीतिक परिवार से जुड़े होने का फायदा उठाया है, बल्कि उन्होंने अपनी शैक्षणिक योग्यता के मामले में भी एक गहरी रुचि दिखाई है। बौद्ध अध्ययन में एमए करने का उनका निर्णय उनके विचारशील और अध्ययनशील व्यक्तित्व को दर्शाता है। दूसरी तरफ, भाजपा की प्रत्याशी नाव्या हरिदास भी शिक्षा के मामले में किसी से कम नहीं हैं। उन्होंने 2007 में केएमसीटी इंजीनियरिंग कॉलेज, कालकीट यूनिवर्सिटी से बीटेक की डिग्री हासिल की। वो एक पेशेवर सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं और इस क्षेत्र में उनका काफी अनुभव है। नाव्या के पति मैकेनिकल इंजीनियर हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उनका पारिवारिक माहौल भी तकनीकी ज्ञान से समृद्ध है।
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नाव्या की शिक्षा का तकनीकी क्षेत्र से जुड़ा होना और सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में उनका अनुभव उन्हें राजनीतिक क्षेत्र में नई सोच और दृष्टिकोण के साथ सामने लाता है। जहां तक राजनीतिक अनुभव की बात है, प्रियंका गांधी लंबे समय से राजनीति में सक्रिय हैं और कांग्रेस पार्टी में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं। गांधी परिवार की सदस्य होने के कारण उनकी राजनीति में प्रवेश स्वाभाविक था, लेकिन उन्होंने खुद को एक प्रभावशाली नेता के रूप में स्थापित किया है।
वहीं, नाव्या हरिदास का राजनीतिक सफर भी दिलचस्प है। वह दो बार कोझिकोड नगर निगम की पार्षद रह चुकी हैं। इसके अलावा, साल 2021 में उन्होंने कोझिकोड विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था, हालांकि उस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। नाव्या भारतीय जनता पार्टी के महिला मोर्चा की राज्य महासचिव भी रह चुकी हैं और इस भूमिका में उन्होंने वायनाड समेत अन्य क्षेत्रों में काम किया है। उनका परिवार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से भी जुड़ा हुआ है, जो उनकी राजनीतिक विचारधारा को परिभाषित करता है।
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नाव्या हरिदास का मानना है कि वायनाड की समस्याओं को कांग्रेस के नेताओं द्वारा अनदेखा किया गया है। उन्होंने कहा, “मैं वायनाड को बहुत अच्छी तरह से जानती हूं और महिला मोर्चा के राज्य महासचिव के रूप में मैंने कई बार वायनाड का दौरा किया है। यहां की समस्याओं पर राहुल गांधी ने कभी ध्यान नहीं दिया।”