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महाराष्ट्र चुनाव 2024: रिपब्लिकन पार्टी को सीट ना मिलने पर अठावले नाराज, फडणवीस से की शिकायत.

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए जैसे-जैसे नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख नजदीक आ रही है, पार्टियों के बीच सीट बंटवारे को लेकर विवाद भी गहराता जा रहा है। मंगलवार, 29 अक्टूबर को नामांकन दाखिल करने का अंतिम दिन है, लेकिन अब तक महायुती में शामिल रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) को एक भी सीट नहीं दी गई है।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए जैसे-जैसे नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख नजदीक आ रही है, पार्टियों के बीच सीट बंटवारे को लेकर विवाद भी गहराता जा रहा है। मंगलवार, 29 अक्टूबर को नामांकन दाखिल करने का अंतिम दिन है, लेकिन अब तक महायुती में शामिल रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) को एक भी सीट नहीं दी गई है। आरपीआई प्रमुख रामदास अठावले ने इस पर नाराजगी जाहिर की है और इसे अपनी पार्टी के लिए बड़ा झटका बताया है। अठावले ने शिकायत की है कि सीट बंटवारे पर जितनी भी बैठके हुईं, उनमें आरपीआई को नजरअंदाज किया गया और उनकी पार्टी को कोई प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया। अठावले ने इस संदर्भ में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की और उन्हें एक पत्र भी सौंपा, जिसमें आरपीआई को सीट देने की मांग की गई है।
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आरपीआई प्रमुख रामदास अठावले ने कहा कि उनकी देवेंद्र फडणवीस से बातचीत हुई है और उन्हें भरोसा दिया गया है कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कोटे से आरपीआई को एक विधानसभा सीट दी जाएगी। इसके अलावा फडणवीस ने एक विधान परिषद (एमएलसी) सीट देने का भी वादा किया है। अठावले का मानना है कि आरपीआई का महायुती में होना समाज के लिए एक बड़ी बात है, लेकिन उन्हें नजरअंदाज करना गलत है। उनका कहना है कि आरपीआई महायुती और एनडीए का अभिन्न हिस्सा है, और उन्हें सीटों का आवंटन न होना अनुचित है।
महायुती में इस बार सीटों का बंटवारा विभिन्न दलों के बीच इस प्रकार हुआ है:
•भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 121 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं।
•शिवसेना (एकनाथ शिंदे गुट) को 65 सीटें मिली हैं।
•एनसीपी (अजित पवार गुट) ने 49 उम्मीदवारों को टिकट दिया है।

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महाराष्ट्र में कुल 288 विधानसभा सीटें हैं, जिनके लिए आगामी 20 नवंबर को मतदान होगा, और 23 नवंबर को चुनाव परिणाम घोषित किए जाएंगे। रामदास अठावले ने इसे अपनी पार्टी के लिए बड़ा झटका बताया और कहा कि इस नजरअंदाजी से पार्टी और उनके समाज को गहरा धक्का पहुंचा है। उनका मानना है कि अगर महायुती में शामिल अन्य दलों ने आरपीआई को उचित प्रतिनिधित्व नहीं दिया, तो यह उनकी पार्टी के प्रति अनदेखी और समाज के प्रति अन्याय है। अठावले के मुताबिक, महायुती के अन्य नेताओं के लिए आरपीआई को नजरअंदाज करना सही नहीं है और इससे उनकी पार्टी के प्रति जनता में गलत संदेश जाएगा। वे चाहते हैं कि आरपीआई को महाराष्ट्र की राजनीति में उचित स्थान और प्रतिनिधित्व मिले।
महाराष्ट्र के आगामी विधानसभा चुनावों में आरपीआई की भूमिका को लेकर स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है। हालांकि फडणवीस के आश्वासन के बाद आरपीआई को थोड़ी राहत मिली है, लेकिन यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या वाकई उन्हें एक सीट मिलती है और वे इसे कैसे उपयोग में लाते हैं।
By Neelam Singh.
https://youtu.be/1bRj_y6QzV4?si=6kaeWVLdNCq-a9yH

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