America - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com Thu, 19 Sep 2024 07:28:14 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 https://chaupalkhabar.com/wp-content/uploads/2024/08/cropped-Screenshot_2024-08-04-18-50-20-831_com.whatsapp-edit-32x32.jpg America - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com 32 32 डोनाल्ड ट्रंप ने की पीएम मोदी से मुलाकात की घोषणा, जल्द हो सकती है महत्वपूर्ण बैठक. https://chaupalkhabar.com/2024/09/19/donald-trump/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/19/donald-trump/#respond Thu, 19 Sep 2024 07:28:14 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4974 अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और इस वर्ष नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनावों में रिपब्लिकन प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अगले हफ्ते मुलाकात होने की संभावना जताई है। ट्रंप ने यह घोषणा मिशिगन के फ्लिंट में एक चुनावी रैली के दौरान की। हालांकि, इस मुलाकात के स्थान और समय की …

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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति और इस वर्ष नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनावों में रिपब्लिकन प्रत्याशी डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अगले हफ्ते मुलाकात होने की संभावना जताई है। ट्रंप ने यह घोषणा मिशिगन के फ्लिंट में एक चुनावी रैली के दौरान की। हालांकि, इस मुलाकात के स्थान और समय की आधिकारिक जानकारी अभी तक साझा नहीं की गई है। ट्रंप ने चुनाव प्रचार के दौरान भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों पर ज़ोर देते हुए कहा कि उनका कार्यकाल भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने का रहा है। इसके अलावा, ट्रंप और मोदी के बीच व्यक्तिगत संबंधों को भी काफी मजबूत बताया जाता है। उनके कार्यकाल में ह्यूस्टन में ‘हाउडी मोदी’ और अहमदाबाद में ‘नमस्ते ट्रंप’ जैसे बड़े कार्यक्रम आयोजित हुए थे, जो दोनों नेताओं के बीच बेहतर समझ और सहयोग को दर्शाते हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21 से 23 सितंबर तक अमेरिका के दौरे पर रहेंगे। इस दौरान वे क्वॉड शिखर सम्मेलन में शामिल होंगे, जिसका आयोजन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा किया जाएगा। यह चौथा क्वॉड शिखर सम्मेलन विलमिंगटन, डेलावेयर में आयोजित होगा। क्वॉड शिखर सम्मेलन का उद्देश्य भारत-प्रशांत क्षेत्र में पिछले एक वर्ष में हुई प्रगति की समीक्षा करना और उन देशों के विकास लक्ष्यों को पूरा करने के लिए नई योजनाएं बनाना है। भारत के विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी है कि इस शिखर सम्मेलन में विश्व के कई प्रमुख नेता शामिल होंगे। सम्मेलन के दौरान विभिन्न द्विपक्षीय वार्ताओं के साथ-साथ, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी। भारत-प्रशांत क्षेत्र की सुरक्षा और स्थिरता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा, जो इस क्षेत्र के देशों के लिए आर्थिक और सामरिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण है।

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प्रधानमंत्री मोदी 23 सितंबर को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में ‘समिट ऑफ द फ्यूचर’ को संबोधित करेंगे। इस वर्ष के महासभा का विषय “बेहतर कल के लिए बहुपक्षीय समाधान” रखा गया है, जिसका उद्देश्य वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए समन्वयित प्रयासों को बढ़ावा देना है। इसके अलावा, पीएम मोदी 22 सितंबर को न्यूयॉर्क में भारतीय समुदाय को भी संबोधित करेंगे। यह संबोधन भारतीय समुदाय के साथ उनकी निरंतर बातचीत का एक हिस्सा होगा, जिसमें वे समुदाय के योगदान और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा करेंगे।

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पीएम मोदी की यात्रा के दौरान अमेरिका की प्रमुख कंपनियों के सीईओ के साथ भी मुलाकात प्रस्तावित है। इस बैठक में भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक और निवेश संबंधों को और गहरा करने पर चर्चा होगी। यह बैठक दोनों देशों के आर्थिक और तकनीकी संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगी। डोनाल्ड ट्रंप और पीएम मोदी की मुलाकात की संभावनाएं इस दौरे के दौरान सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक हो सकती हैं। हालांकि, दोनों नेताओं के बीच मुलाकात की जगह और समय की पुष्टि अभी तक नहीं की गई है। चुनाव प्रचार के बीच ट्रंप का यह कदम भारत-अमेरिका संबंधों को फिर से चर्चा में ला सकता है।

ट्रंप के कार्यकाल के दौरान दोनों नेताओं के बीच बेहतर संबंध बने, जिनसे दोनों देशों के आर्थिक और सामरिक सहयोग में भी इजाफा हुआ। यदि यह मुलाकात होती है, तो यह न केवल आगामी अमेरिकी चुनावों के संदर्भ में महत्वपूर्ण होगी, बल्कि भारत-अमेरिका संबंधों की दिशा भी निर्धारित कर सकती है।

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अंतरिक्ष में फंसे सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर, पृथ्वी पर वापस आने का इंतजार. https://chaupalkhabar.com/2024/09/19/stranded-in-space-sunita/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/19/stranded-in-space-sunita/#respond Thu, 19 Sep 2024 06:38:52 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4970 नासा के अनुभवी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर इस समय अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर एक चुनौतीपूर्ण मिशन का सामना कर रहे हैं। इस साल जून के पहले हफ्ते में बोइंग स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट ने उन्हें अंतरिक्ष में पहुंचाया, लेकिन कुछ तकनीकी समस्याओं के कारण उन्हें फिलहाल पृथ्वी पर लौटने के लिए इंतजार करना …

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नासा के अनुभवी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर इस समय अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर एक चुनौतीपूर्ण मिशन का सामना कर रहे हैं। इस साल जून के पहले हफ्ते में बोइंग स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट ने उन्हें अंतरिक्ष में पहुंचाया, लेकिन कुछ तकनीकी समस्याओं के कारण उन्हें फिलहाल पृथ्वी पर लौटने के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। सुनीता और बुच दोनों ही अंतरिक्ष से लगातार अपने अनुभवों को साझा कर रहे हैं। सुनीता विलियम्स ने हाल ही में बताया कि वह अपने पालतू कुत्तों, दोस्तों और परिवार को बहुत याद कर रही हैं। उन्होंने कहा, “मैं पृथ्वी पर हमेशा दौड़ती, चलती रहती हूं, और मेरे दिमाग में हमेशा बहुत सी चीजें चलती रहती हैं। मुझे अपने कुत्तों को मॉर्निंग वॉक पर ले जाना, पक्षियों की चहचहाहट सुनना और अपने घर के आसपास की चीजों को महसूस करना बहुत पसंद है। ये वो चीजें हैं जो मैं यहां बहुत याद कर रही हूं।”

कुछ दिनों पहले एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सुनीता ने बताया कि स्पेस में रहना मुश्किल है, खासकर जब आप कई महीनों तक वहीं रहते हैं। उन्होंने कहा, “यहां फंसे रहना और ऑर्बिट में कई महीने बिताना चुनौतीपूर्ण है, लेकिन फिर भी मुझे अंतरिक्ष में रहना पसंद है। यहां का अनुभव अद्वितीय है और इससे बहुत कुछ सीखने को मिलता है।” बुच विल्मोर भी इस मिशन के बारे में अपने विचार साझा करते रहे हैं। उन्होंने बताया कि अंतरिक्ष में समय बिताना जितना कठिन है, उतना ही यह रोमांचक भी है। उन्होंने यह भी कहा कि टीमवर्क और सही मानसिकता के साथ इस चुनौती का सामना करना संभव है।

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यह अनुमान है कि सुनीता और बुच को वापस पृथ्वी पर लाने के लिए फरवरी 2025 तक का इंतजार करना होगा। तब तक वे अंतरिक्ष में ही रहेंगे और अपने अनुसंधान कार्यों और मिशन को पूरा करेंगे। यह मिशन न केवल तकनीकी कठिनाइयों को दर्शाता है, बल्कि अंतरिक्ष यात्री के धैर्य और मानसिक मजबूती की भी परीक्षा लेता है। हालांकि, एक और दिलचस्प पहलू यह है कि 5 नवंबर 2024 को अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं, और इन दोनों अंतरिक्ष यात्रियों ने इस चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा लेने का निर्णय किया है। नासा और अन्य अंतरिक्ष एजेंसियां यह सुनिश्चित करेंगी कि वे अपनी वोटिंग को सफलतापूर्वक अंजाम दे सकें, भले ही वे अंतरिक्ष में हों।

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यह अंतरिक्ष मिशन न केवल विज्ञान और अनुसंधान के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह यह भी दिखाता है कि अंतरिक्ष यात्री व्यक्तिगत और सामुदायिक जिम्मेदारियों को कैसे निभाते हैं। अंतरिक्ष में फंसे रहने के बावजूद, सुनीता और बुच अपने नागरिक कर्तव्यों को निभाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अंतरिक्ष में महीनों तक रहना किसी भी अंतरिक्ष यात्री के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर जैसे अनुभवी और समर्पित अंतरिक्ष यात्री इस अनुभव को बेहतर तरीके से संभाल रहे हैं। उनके अनुभव न केवल उन्हें बल्कि भविष्य के मिशनों को भी मार्गदर्शन देंगे।

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डोनाल्ड ट्रंप के फ्लोरिडा गोल्फ क्लब के बाहर गोलीबारी, आरोपी गिरफ्तार. https://chaupalkhabar.com/2024/09/16/donald-trump-of-florid/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/16/donald-trump-of-florid/#respond Mon, 16 Sep 2024 06:44:38 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4897 अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फ्लोरिडा स्थित गोल्फ क्लब के बाहर हुई गोलीबारी की घटना ने सभी का ध्यान खींचा है। इस घटना के बाद सीक्रेट सर्विस एजेंसी ने मामले की जांच शुरू कर दी है। हालांकि, राहत की बात यह है कि ट्रंप पूरी तरह से सुरक्षित हैं। यह घटना रविवार को …

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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फ्लोरिडा स्थित गोल्फ क्लब के बाहर हुई गोलीबारी की घटना ने सभी का ध्यान खींचा है। इस घटना के बाद सीक्रेट सर्विस एजेंसी ने मामले की जांच शुरू कर दी है। हालांकि, राहत की बात यह है कि ट्रंप पूरी तरह से सुरक्षित हैं। यह घटना रविवार को दोपहर करीब 2 बजे फ्लोरिडा के वेस्ट पाम बीच पर स्थित ट्रंप इंटरनेशनल गोल्फ क्लब के बाहर हुई। रिपोर्ट के अनुसार, गोलीबारी करने वाले संदिग्ध की पहचान 58 वर्षीय रयान वेस्ले राउथ के तौर पर हुई है। वह भारी हथियारों से लैस था और उसने अपनी राइफल डोनाल्ड ट्रंप की तरफ तान रखी थी। हालांकि, सीक्रेट सर्विस एजेंटों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उस पर फायरिंग की, लेकिन राउथ वहां से फरार हो गया। कुछ समय बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। बताया जा रहा है कि बंदूकधारी ट्रंप से 400 से 500 गज की दूरी पर था, जब यह घटना हुई।

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राउथ की पहचान एक कट्टर ट्रंप आलोचक के रूप में की गई है। वह सोशल मीडिया पर भी ट्रंप के खिलाफ लगातार बयानबाजी करता रहा है। राउथ का संबंध हवाई से है, जहां वह एक शेड-बिल्डिंग कंपनी ‘कैंप बॉक्स होनोलुलु’ चलाता है। इसके अलावा, वह वामपंथी विचारधारा से प्रेरित बताया जा रहा है। खास बात यह है कि रूस-यूक्रेन युद्ध में वह खुलकर यूक्रेन का समर्थन करता रहा है। अमेरिकी संघीय चुनाव आयोग के रिकॉर्ड के अनुसार, राउथ डेमोक्रेट समर्थक है और साल 2019 से अब तक वह 140 डॉलर से अधिक का 19 बार दान कर चुका है। उसने हवाई की पूर्व प्रतिनिधि तुलसी गब्बार्ड को भी दान दिया था। इसके अलावा, 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में राउथ ने भारतीय मूल के उम्मीदवार विवेक रामास्वामी और निक्की हेली का समर्थन किया था, हालांकि दोनों ने बाद में चुनाव से दूरी बना ली।

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एक और चौंकाने वाली बात यह है कि राउथ ने स्वयंसेवक के तौर पर रूस के खिलाफ यूक्रेन की तरफ से लड़ाई में शामिल होने की इच्छा जताई थी। उसने कहा था कि दुनिया भर के लोगों को रूस के खिलाफ लड़ने के लिए यूक्रेन जाना चाहिए। यहां तक कि उसने यूक्रेन में अपनी जान गंवाने की बात भी कही थी।सीक्रेट सर्विस एजेंटों ने घटना स्थल पर तेजी से कार्रवाई की। उन्होंने देखा कि राउथ ट्रंप की ओर बंदूक ताने हुए था, जिसके बाद उन्होंने फायरिंग की, लेकिन वह भागने में कामयाब हो गया। बाद में स्थानीय पुलिस ने उसे पकड़ लिया। इस घटना के बाद सीक्रेट सर्विस ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है।

 

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रिपब्लिकन पार्टी के 200+ कर्मचारी ट्रंप के खिलाफ कमला हैरिस का समर्थन, अमेरिका की स्थिरता पर उठाए सवाल. https://chaupalkhabar.com/2024/08/28/republican-party-200-deeds/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/28/republican-party-200-deeds/#respond Wed, 28 Aug 2024 10:40:15 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4490 अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को एक बड़ा झटका लगा है। उनके समर्थन में काम करने वाले दो सौ से अधिक कर्मचारी अब डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस के पक्ष में आ गए हैं। इन कर्मचारियों का मानना है कि ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने से अमेरिका की …

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अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप को एक बड़ा झटका लगा है। उनके समर्थन में काम करने वाले दो सौ से अधिक कर्मचारी अब डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस के पक्ष में आ गए हैं। इन कर्मचारियों का मानना है कि ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने से अमेरिका की स्थिरता को खतरा होगा और इससे नागरिकों की जिंदगी में अस्थिरता आएगी। इस संदर्भ में उन्होंने एक चिट्ठी भी जारी की है। इस चिट्ठी पर हस्ताक्षर करने वालों में प्रमुख रूप से जॉर्ज डब्ल्यू बुश और जॉन मैककेन के पूर्व अभियानकर्मी रीड गैलेन शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, ओलिविया ट्रॉय, जो जॉर्ज डब्ल्यू. बुश की पूर्व कर्मचारी और ट्रंप के उपराष्ट्रपति माइक पेंस की सलाहकार रही हैं, ने भी इस चिट्ठी पर हस्ताक्षर किए हैं।

कर्मचारियों ने अपनी चिट्ठी में चेतावनी दी है कि यदि ट्रंप को फिर से राष्ट्रपति बना दिया गया तो उनके अराजक नेतृत्व के कारण अमेरिका को गंभीर नुकसान हो सकता है। उनके नेतृत्व से अमेरिका की संस्थाएं कमजोर होंगी और देश की स्थिति अस्थिर हो जाएगी। कर्मचारियों ने डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार कमला हैरिस के समर्थन की घोषणा करते हुए यह भी कहा कि ट्रंप के चार और साल अमेरिका के लिए नुकसानदायक होंगे। रिपब्लिकन पार्टी की ओर से भी यह स्वीकार किया गया है कि कमला हैरिस और गवर्नर वाल्ज से उनके कई मुद्दों पर असहमतियां हो सकती हैं, लेकिन ट्रंप के नेतृत्व को स्वीकार करना उनके अनुसार उचित नहीं है। इस प्रकार, रिपब्लिकन पार्टी के कुछ महत्वपूर्ण सदस्य अब डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर झुकते हुए दिखाई दे रहे हैं।

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कमला हैरिस ने 23 अगस्त को डेमोक्रेटिक पार्टी का आधिकारिक नामांकन स्वीकार कर लिया है। शिकागो में डेमोक्रेटिक नेशनल कन्वेंशन के अंतिम दिन अपने नामांकन को स्वीकार करते हुए, उन्होंने सभी अमेरिकी नागरिकों से राष्ट्रपति बनने का वादा किया। उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में अमेरिका को पीछे नहीं लौटाना है, बल्कि एक बेहतर भविष्य की ओर बढ़ना है। इस भविष्य में मध्य वर्ग के लोगों की स्थिति को सशक्त बनाने पर जोर दिया जाएगा। हैरिस ने कहा कि अमेरिका की सफलता में मध्य वर्ग की महत्वपूर्ण भूमिका है, और उनके कार्यकाल में इस वर्ग को और अधिक सशक्त करना उनकी प्राथमिकताओं में शामिल होगा।

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कमला हैरिस का यह बयान उनके राष्ट्रपति चुनावी अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें वे अमेरिकी नागरिकों को आश्वस्त करने का प्रयास कर रही हैं कि उनके नेतृत्व में अमेरिका एक बेहतर दिशा की ओर बढ़ेगा। उनके द्वारा किए गए वादे और घोषणाएं आगामी चुनाव में उनके पक्ष को मजबूत करने में सहायक हो सकती हैं।

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Defense Minister Rajnath Singh’s visit to America: द्विपक्षीय संबंधों में नई मजबूती और वैश्विक साझेदारी की दिशा में कदम. https://chaupalkhabar.com/2024/08/23/defense-minister-rajnath-singh-2/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/23/defense-minister-rajnath-singh-2/#respond Fri, 23 Aug 2024 12:59:24 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4409 अमेरिका के साथ भारत के संबंधों को और मजबूत करने के उद्देश्य से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार को चार दिवसीय यात्रा पर वॉशिंगटन पहुंचे। इस दौरे के दौरान उन्होंने अमेरिकी रक्षा मंत्री लायड ऑस्टिन के साथ द्विपक्षीय बैठक की योजना बनाई है, साथ ही अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन से भी मुलाकात करेंगे। …

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अमेरिका के साथ भारत के संबंधों को और मजबूत करने के उद्देश्य से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह गुरुवार को चार दिवसीय यात्रा पर वॉशिंगटन पहुंचे। इस दौरे के दौरान उन्होंने अमेरिकी रक्षा मंत्री लायड ऑस्टिन के साथ द्विपक्षीय बैठक की योजना बनाई है, साथ ही अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन से भी मुलाकात करेंगे। राजनाथ सिंह की इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों के बीच रक्षा और सुरक्षा संबंधों को और अधिक मजबूत बनाना है। वॉशिंगटन पहुंचने के बाद, राजनाथ सिंह ने प्रवासी भारतीयों से मुलाकात की और उनके साथ संवाद किया। इस संवाद के दौरान उन्होंने भारत की वैश्विक नीति और उसके नैतिक सिद्धांतों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारत कभी भी किसी देश के खिलाफ छल-कपट नहीं करता और हमेशा ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के सिद्धांत का पालन करता है। उनका कहना था कि भारत का इतिहास इस बात का साक्षी है कि वह कभी भी दूसरे देशों के साथ छल-कपट नहीं करता। उन्होंने प्रवासी भारतीयों को भी ईमानदारी से काम करने की सलाह दी और कहा कि वे अमेरिका के प्रति भी उसी निष्ठा के साथ समर्पित रहें जैसे वे भारत के प्रति हैं।

रक्षा मंत्री ने प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा, “आप सभी को ईमानदारी और समर्पण के साथ काम करना चाहिए। भारत के प्रति समर्पण होना चाहिए, लेकिन अमेरिका के प्रति आपकी निष्ठा पर भी कोई सवाल नहीं उठाया जाना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि भारतीयों की अच्छी छवि तभी बन सकती है जब वे अपने कार्यस्थल पर ईमानदारी और निष्ठा से काम करें। उन्होंने जोर दिया कि भारत के लोग छल-कपट से दूर रहते हैं और यह बात दुनिया तक पहुंचनी चाहिए कि हम कभी भी किसी को धोखा नहीं देते। राजनाथ सिंह ने अपनी यात्रा के दौरान यह भी कहा कि भारत ने दुनिया को ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ का संदेश दिया है, जिसका अर्थ है कि “पूरा विश्व एक परिवार है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत हमेशा से सभी जातियों, धर्मों और समुदायों के लोगों को एक परिवार मानता आया है और यह उसका नैतिक सिद्धांत है। उन्होंने कहा, “हमारा देश वो देश है जिसने पूरी दुनिया को यह संदेश दिया है कि सभी लोग, चाहे उनकी जाति, धर्म या समुदाय कुछ भी हो, एक ही परिवार के सदस्य हैं।”

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भारत और अमेरिका के बीच संबंधों की ऐतिहासिकता पर बात करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि इन दोनों देशों का मिलना किसी नियति से कम नहीं है। उन्होंने क्रिस्टोफर कोलंबस का उदाहरण देते हुए कहा कि वह भारत की खोज के लिए निकला था, लेकिन वह अमेरिका पहुंच गया। इस तरह से दोनों देशों के बीच संबंध काफी पुराने हैं। वर्तमान समय में भारत और अमेरिका के बीच संबंधों को मजबूत करने की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। नवंबर 2023 में पांचवें वार्षिक भारत-अमेरिका टू प्लस टू मंत्रिस्तरीय संवाद के बाद दोनों देशों ने द्विपक्षीय रक्षा पहल पर प्रगति की सराहना की है। अमेरिका ने भारत के सैन्य आधुनिकीकरण और रक्षा औद्योगिक सहयोग के लिए एक रोडमैप तैयार किया है, जिसके तहत अरब सागर और निकटवर्ती जलमार्गों में कानून के शासन के लिए भारत के समर्थन की प्रतिबद्धता जताई गई है।

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इस वर्ष जून में अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने भारत का दौरा किया था। इस दौरान नई दिल्ली और वॉशिंगटन के बीच कई रणनीतिक, क्षेत्रीय और द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा हुई थी। इनमें क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजीज (आईसीईटी) पहल भी शामिल है, जो जनवरी 2023 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा लॉन्च की गई थी। इस पहल का उद्देश्य दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करना है। रक्षा मंत्री की इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत और अमेरिका के बीच रक्षा और सुरक्षा संबंधों को और अधिक मजबूत बनाना है। इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की जाएगी और नए रक्षा समझौतों पर हस्ताक्षर किए जा सकते हैं। यह यात्रा भारत और अमेरिका के बीच रणनीतिक साझेदारी को और अधिक मजबूती प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकती है।

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भारत और अमेरिका के बीच मजबूत होते हुए संबंध इस बात का संकेत हैं कि दोनों देश वैश्विक सुरक्षा और स्थिरता के लिए एक महत्वपूर्ण साझेदारी की ओर बढ़ रहे हैं। राजनाथ सिंह की यह यात्रा दोनों देशों के बीच संबंधों को और अधिक गहरा करेगी और वैश्विक सुरक्षा के क्षेत्र में एक नई दिशा प्रदान करेगी।

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अमेरिका ने शेख हसीना के इस्तीफे में हस्तक्षेप के आरोपों को खारिज किया, कहा: ‘यह हास्यास्पद और झूठा है. https://chaupalkhabar.com/2024/08/14/america-has-sheikh-hasina-of-this/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/14/america-has-sheikh-hasina-of-this/#respond Wed, 14 Aug 2024 12:16:48 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4315 अमेरिका ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे और उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों पर प्रतिक्रिया दी है। अमेरिका ने स्पष्ट किया है कि शेख हसीना की सरकार को हटाने की साजिश में उसका कोई हाथ नहीं था। अमेरिकी विदेश विभाग ने शेख हसीना के आरोपों को ‘हास्यास्पद’ और ‘झूठा’ करार दिया है। शेख …

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अमेरिका ने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे और उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों पर प्रतिक्रिया दी है। अमेरिका ने स्पष्ट किया है कि शेख हसीना की सरकार को हटाने की साजिश में उसका कोई हाथ नहीं था। अमेरिकी विदेश विभाग ने शेख हसीना के आरोपों को ‘हास्यास्पद’ और ‘झूठा’ करार दिया है। शेख हसीना ने 5 अगस्त 2024 को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद बांग्लादेश छोड़ दिया था। उनके इस्तीफे के बाद बांग्लादेश में कई हफ्तों तक बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन और हिंसा देखने को मिली। इन प्रदर्शनों की वजह से उनकी सरकार पर दबाव बढ़ गया और अंततः उन्होंने इस्तीफा देने का निर्णय लिया।

हसीना ने आरोप लगाया था कि इन विरोध प्रदर्शनों के पीछे अमेरिका का हाथ था और यह कि अमेरिका ने जानबूझकर इस स्थिति को उत्पन्न किया ताकि उनकी सरकार को गिराया जा सके। हसीना का कहना था कि अमेरिका ने इन प्रदर्शनों के जरिए उनके खिलाफ साजिश की और उन्हें सत्ता से हटाया।

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इसके जवाब में, अमेरिका के विदेश विभाग के प्रमुख उप प्रवक्ता वेदांत पटेल ने मंगलवार को बयान जारी करते हुए कहा कि ये आरोप पूरी तरह से गलत और हास्यास्पद हैं। पटेल ने कहा, “शेख हसीना के इस्तीफे में अमेरिका का कोई हाथ नहीं है। यह आरोप पूरी तरह से झूठा है।” उन्होंने यह भी कहा कि हाल के हफ्तों में कई गलत सूचनाएं फैलाई गई हैं और अमेरिका इस तरह की गलत सूचनाओं का विरोध करने के लिए प्रतिबद्ध है। वेदांत पटेल ने यह भी बताया कि अमेरिका दक्षिण एशिया में अपने भागीदारों के साथ सूचना की गोपनीयता को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध है।

अमेरिका ने बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति पर नजर बनाए रखने की बात की है और राष्ट्रपति जो बाइडन ने मानवाधिकार के मुद्दों पर अपनी स्पष्ट राय रखने का आश्वासन दिया है। अमेरिका ने यह भी स्पष्ट किया कि वह बांग्लादेश की राजनीतिक और सामाजिक स्थिति पर निगरानी रखेगा और इस बात पर जोर देगा कि मानवाधिकार और लोकतांत्रिक मानकों को बनाए रखा जाए।

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इस बीच, हसीना के इस्तीफे के बाद बांग्लादेश में नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया है। इस अंतरिम सरकार का उद्देश्य बांग्लादेश में स्थिरता और शांति को बहाल करना है और आगामी चुनावों की तैयारी करना है। अमेरिका का यह बयान बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति को लेकर चल रही बहस के बीच आया है। अमेरिका ने बांग्लादेश में शांति और स्थिरता बनाए रखने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की है और किसी भी प्रकार की बाहरी साजिश से इनकार किया है।

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चीन का दलाई लामा पर बयान: ‘धर्म की आड़ में इनसे दूर रहें…’; धर्मशाला में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की दलाई लामा से मुलाकात पर नाराज हुआ चीन https://chaupalkhabar.com/2024/06/19/statement-on-chinas-dalai-lama/ https://chaupalkhabar.com/2024/06/19/statement-on-chinas-dalai-lama/#respond Wed, 19 Jun 2024 09:57:04 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3643 अमेरिकी कांग्रेस सदस्य माइकल मैककॉल के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय अमेरिकी कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को धर्मशाला में तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा से उनके आवास पर मुलाकात की। इस प्रतिनिधिमंडल में पूर्व अमेरिकी सदन अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी भी शामिल थीं। दलाई लामा से मुलाकात से पहले, अमेरिकी प्रतिनिधियों ने मुख्य तिब्बती मंदिर में …

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अमेरिकी कांग्रेस सदस्य माइकल मैककॉल के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय अमेरिकी कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को धर्मशाला में तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा से उनके आवास पर मुलाकात की। इस प्रतिनिधिमंडल में पूर्व अमेरिकी सदन अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी भी शामिल थीं। दलाई लामा से मुलाकात से पहले, अमेरिकी प्रतिनिधियों ने मुख्य तिब्बती मंदिर में आयोजित एक सार्वजनिक अभिनंदन समारोह में भाग लिया। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा हवाई अड्डे पर केंद्रीय तिब्बती प्रशासन के अधिकारियों ने अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया। धर्मशाला में त्सुगलागखांग परिसर के प्रांगण में आयोजित अभिनंदन समारोह में बच्चों ने तिब्बती संस्कृति का प्रदर्शन किया, जो अद्वितीय और रंगारंग था।

धर्मशाला में इस मुलाकात के दौरान, माइकल मैककॉल ने दलाई लामा को तिब्बत के लिए अमेरिकी समर्थन बढ़ाने हेतु ‘द रिजॉल्व तिब्बत एक्ट’ की फ्रेमयुक्त प्रति भेंट की।पिछले सप्ताह, अमेरिकी कांग्रेस द्वारा एक विधेयक पारित किया गया , जिसमें बीजिंग से दलाई लामा और अन्य तिब्बती नेताओं के साथ तिब्बत की स्थिति और शासन से आग्रह किया गया की विवाद को शांतिपूर्ण ढंग से हल किया जाये । रेडियो फ्री एशिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक , अमेरिकी प्रतिनिधि सभा द्वारा तिब्बत-चीन विवाद के समाधान को बढ़ावा देने वाला अधिनियम पारित कर दिया गया है , जिसे ‘द रिजॉल्व तिब्बत एक्ट’ के रूप में भी जाना जाता है, और अब यह अधिनियम कानून बनने के लिए राष्ट्रपति जो बिडेन के हस्ताक्षर के पास भेजा जाएगा।

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इस बीच, चीन ने मंगलवार को अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की धर्मशाला यात्रा को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए अमेरिका से आग्रह किया कि वह दलाई समूह की चीन विरोधी अलगाववादी प्रकृति को पूरी तरह से पहचानें और दुनिया को गलत संकेत भेजना बंद करें। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता द्वारा कहा गया कि 14वें दलाई लामा कोई धार्मिक व्यक्ति नहीं, बल्कि धर्म की आड़ में चीन विरोधी अलगाववादी गतिविधियों में लिप्त एक राजनीतिक निर्वासित व्यक्ति हैं।

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इस घटनाक्रम ने तिब्बत-चीन संबंधों में नए मोड़ लाए हैं, जहां तिब्बत के प्रति अमेरिकी समर्थन का संकेत मिलता है, जबकि चीन ने इस पर अपनी कड़ी आपत्ति जताई है। दलाई लामा के साथ अमेरिकी कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल की यह मुलाकात तिब्बत की स्थिति के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।

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अमेरिका की धमकियों को अनसुना करना पड़ेगा पाकिस्तान को भारी ईरान को लेकर भारत के नक़्शेक़दम पर पाक https://chaupalkhabar.com/2024/04/29/americas-threats/ https://chaupalkhabar.com/2024/04/29/americas-threats/#respond Mon, 29 Apr 2024 08:04:03 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3032 ईरान और पाकिस्तान के बीच दोस्ती की चुनौतियों और संबंधों के नए मोड़ के साथ, अमेरिका की चिंताओं का सामना करने वाले पाकिस्तान के व्यापारिक संबंधों की खोज और विस्तार के प्रयास जारी हैं। यह उस प्रयास का हिस्सा है जिसमें पाकिस्तान अपनी स्वतंत्र विदेश नीति के प्रति अपनी कटिबध्दता को प्रदर्शित कर रहा है। …

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ईरान और पाकिस्तान के बीच दोस्ती की चुनौतियों और संबंधों के नए मोड़ के साथ, अमेरिका की चिंताओं का सामना करने वाले पाकिस्तान के व्यापारिक संबंधों की खोज और विस्तार के प्रयास जारी हैं। यह उस प्रयास का हिस्सा है जिसमें पाकिस्तान अपनी स्वतंत्र विदेश नीति के प्रति अपनी कटिबध्दता को प्रदर्शित कर रहा है। अमेरिका के धमकाने के बावजूद, पाकिस्तान ईरान के साथ समझौते कर रहा है, जिसमें उसका व्यापार और गैर-राजनीतिक संबंधों का विस्तार शामिल है। पाकिस्तान का उद्देश्य है भारत की तरह विदेश नीति में स्वतंत्रता बनाए रखना, जो कि अमेरिका के खिलाफ है।

भारत के उत्कृष्ट रूसी संबंधों के बावजूद, पाकिस्तान भी ईरान के साथ व्यापार बढ़ाने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर कर रहा है। यही वजह है कि अब अमेरिकी प्रतिबंधों का खतरा मंडरा है। ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के हाल ही में पाकिस्तान दौरे ने अमेरिका को परेशान किया है। इसे अमेरिका की प्रयासों को कमजोर करना माना जा रहा है। इसके बावजूद, पाकिस्तान और ईरान के बीच व्यापार बढ़ाने का संवाद जारी है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधों को चुनौती देता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रयास के परिणामस्वरूप अमेरिका पाकिस्तान को प्रतिबंधों के साथ डराने के लिए तैयार हो सकता है।

ईरान-पाकिस्तान गैस पाइपलाइन प्रोजेक्ट एक और मुख्य मुद्दा है, जिसमें दोनों देशों ने सहमति जताई है कि इसे आगे बढ़ाया जाए। लेकिन अमेरिका इसे भी चुनौती देता है, देखते हुए कि यह उसके हित में नहीं है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए, यह अमेरिका के धारावाहिक प्रतिबंधों के खिलाफ भारत की तरह अपनी विदेश नीति को स्थायी रखने का प्रयास है। लेकिन यह कठिन हो सकता है क्योंकि पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति भी अत्यधिक चुनौतीपूर्ण है।

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भारत की विदेश नीति के साथ काम करते हुए, पाकिस्तान को ध्यान में रखना होगा कि वह ईरान और अमेरिका के बीच एक संतुलन बनाए रखे। यही उसके लिए सबसे उत्तम राह हो सकती है, जिससे वह अपने अर्थव्यवस्था को सुधार सके और विदेशी निवेशकों को आकर्षित कर सके।

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बाइडन के एक फोन पर क्यों बदल गया इजरायली PM का मिजाज,ठंडे पड़े नेतन्याहू के तेवर. https://chaupalkhabar.com/2024/04/15/biden-on-a-phone-why-bad/ https://chaupalkhabar.com/2024/04/15/biden-on-a-phone-why-bad/#respond Mon, 15 Apr 2024 07:56:15 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=2934 इजरायल और ईरान के बीच तनाव तेज हो रहा है और इसे बढ़ता हुआ देखकर राजनीतिक दुनिया में उत्सुकता बढ़ गई है। इजरायल ने बताया था कि वह ईरान से जल्द ही बदला लेगा, लेकिन इस बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ बातचीत के बाद उनके तेवर में बदलाव आया है। सीरिया में …

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इजरायल और ईरान के बीच तनाव तेज हो रहा है और इसे बढ़ता हुआ देखकर राजनीतिक दुनिया में उत्सुकता बढ़ गई है। इजरायल ने बताया था कि वह ईरान से जल्द ही बदला लेगा, लेकिन इस बारे में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ बातचीत के बाद उनके तेवर में बदलाव आया है। सीरिया में ईरानी दूतावास पर हाल ही में हुए हमले के बाद इजरायल को ईरानी मिसाइलों और ड्रोन्स से अटैक का सामना करना पड़ा। इस घटना के पहले नेतन्याहू ने अपनी ‘वार कैबिनेट’ की एक आपात बैठक बुलाई जिसमें कई नेता जवाबी कार्रवाई की मांग करते हुए आए थे, लेकिन किसी तरह की निर्णय लेने में सक्षम नहीं थे।

इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इजरायली पीएम से बातचीत की और उन्हें स्पष्ट रूप से सूचित किया कि अगर युद्ध होता है तो अमेरिका इसमें सक्रिय तौर पर भाग नहीं लेगा। जो बाइडन ने इस अवस्था में अमेरिका की भूमिका साफ करते हुए कहा कि अमेरिका इजरायल की सुरक्षा के लिए समर्थ है, लेकिन वह खुद युद्ध में शामिल नहीं होगा। अमेरिका ने इस मामले में जिम्मेदारी और दूसरे पश्चिमी देशों के साथ भी युद्ध नहीं चाहता है।

इस बीच, इजरायल की डिफेंस सिस्टम ने कुछ मिसाइलों को नष्ट कर दिया। यह घटना इस तथ्य को और जटिल बनाता है कि दोनों देशों के बीच संघर्ष की गहरी जंग जारी है। इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति की बात सुनकर अपने तेवर में बदलाव लाया है और इससे अमेरिकी राष्ट्रपति की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण हो गई है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की बातचीत के बाद इजरायल के प्रति अपनी पूरी समर्था जताई गई है और वह इजरायल को हथियार और दूसरी मदद प्रदान करेगा, लेकिन युद्ध में उतरने का फैसला नहीं होगा।

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इस पूरे मामले में अमेरिका की भूमिका स्पष्ट है कि वह इजरायल की सुरक्षा के लिए तैयार है, लेकिन वह युद्ध नहीं चाहता है। अमेरिका के इस तरीके से दर्शाए गए स्टैंड का दूसरे देशों ने भी समर्थन दिया है। अमेरिका ने कहा है कि यदि अमेरिका युद्ध में शामिल होता है तो पश्चिमी एशिया के हालात और भी बिगड़ सकते हैं।  इस प्रकार, इजरायल और ईरान के बीच के तनाव ने राजनीतिक विश्व में खिंचाव बढ़ा दिया है और इसके समाधान के लिए अमेरिका समर्थन प्रदान कर रहा है। इस मामले में अमेरिका की सहयोगिता से दोनों देशों के बीच संघर्ष को कम करने का प्रयास किया जा रहा है।

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अमेरिका, जर्मनी के बाद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर आंतरराष्ट्रीय चिंता, UN ने की टिप्पणी. https://chaupalkhabar.com/2024/03/29/america-germany-after-cage/ https://chaupalkhabar.com/2024/03/29/america-germany-after-cage/#respond Fri, 29 Mar 2024 09:40:57 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=2768 संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने उनकी बातचीत में भारतीय चुनावों के लिए नागरिक अधिकारों की सुरक्षा की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि यह आशा है कि भारत में चुनाव प्रक्रिया स्वतंत्र और निष्पक्ष रहेगी, जिससे हर नागरिक मतदान करने में सक्षम होगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी …

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संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने उनकी बातचीत में भारतीय चुनावों के लिए नागरिक अधिकारों की सुरक्षा की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा कि यह आशा है कि भारत में चुनाव प्रक्रिया स्वतंत्र और निष्पक्ष रहेगी, जिससे हर नागरिक मतदान करने में सक्षम होगा। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और कांग्रेस पार्टी के बैंक खातों को फ्रीज किए जाने के मामले में, संयुक्त राष्ट्र ने भी अपनी टिप्पणी जाहिर की।

उन्होंने इस बारे में कहा कि वह उम्मीद करते हैं कि भारत में चुनावों में नागरिक अधिकारों की सुरक्षा होगी। पहले जर्मनी और अमेरिका ने भी अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अपने विचार व्यक्त किए थे।भारत ने उन देशों के विदेश दूतों के खिलाफ कठोर रूप से विरोध दिया था, जिन्होंने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर टिप्पणी की थी। उसके बाद भारत ने कड़ा एतराज जताते हुए जर्मन और अमेरिकी डिप्लोमैट को तलब किया था।

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि उनकी उम्मीद है कि भारत में चुनावों में नागरिक अधिकारों की सुरक्षा होगी। वह उम्मीद करते हैं कि भारत की कानूनी प्रक्रियाएं अद्वितीय और समय पर निर्णय लेने के लिए प्रतिबद्ध रहेंगी।अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने भी इस मामले में अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि उन्हें भारतीय न्यायपालिका की स्वतंत्रता के प्रति पूरा भरोसा है और वे इस केस में निष्पक्षता की प्रक्रिया का समर्थन करेंगे।

भारत के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका और जर्मनी के विदेश मंत्रालय की टिप्पणियों का कड़ा खंडन किया है। उन्होंने कहा कि ऐसी टिप्पणियां भारतीय न्यायिका प्रक्रिया को कमजोर करने की कोशिश हैं और इसे अस्वीकार्य ठहराया गया है। भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत का कानूनी तंत्र दृढ़ और जीवंत लोकतंत्र है, और यह अपने विचारधारा और न्यायपालिका के माध्यम से सभी विवादों को हल करेगा। इस प्रकार की टिप्पणियों का उन्होंने खण्डन किया और कहा कि इससे भारतीय न्यायपालिका को बदलाव करने की कोई आवश्यकता नहीं है।

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जर्मनी के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भी इस मामले में अपनी राय व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि निष्पक्षता और न्याय के मूल्यों का पालन किया जाना चाहिए, और इस मामले में भी विचारधारा को समझाना महत्वपूर्ण है।भारत की राजनीतिक और कानूनी प्रक्रियाओं को लेकर विदेशी दबाव का खंडन करते हुए, संयुक्त राष्ट्र ने भारतीय न्यायिका प्रक्रिया की मजबूती और स्वतंत्रता का समर्थन किया है। इसके साथ ही, भारत ने अपनी स्वतंत्र और मजबूत लोकतंत्र के प्रति अपना गर्व और समर्थन जताया है।भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि वे स्वतंत्र और मजबूत लोकतंत्र की संरक्षा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं, और किसी भी प्रकार के पक्षपातपूर्ण धारणाओं को बर्दाश्त नहीं करेंगे।

ये खबर भी पढ़ें: केजरीवाल की गिरफ्तारी पर जर्मनी की टिप्पणी बाद मोदी सरकार की कड़ी प्रतिक्रिया.

इस प्रकार, भारत ने अपने न्यायिका प्रक्रिया और लोकतंत्र के मूल्यों के प्रति अपना प्रतिबद्धता दिखाया है और विदेशी दबाव को सामने करते हुए अपनी मजबूती का प्रदर्शन किया है। भारत का यह स्वतंत्र और निष्पक्ष न्यायपालिका प्रक्रिया पर विश्वास व उसका समर्थन न्यूनतम है।

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