amit shah - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com Fri, 13 Sep 2024 12:50:41 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7 https://chaupalkhabar.com/wp-content/uploads/2024/08/cropped-Screenshot_2024-08-04-18-50-20-831_com.whatsapp-edit-32x32.jpg amit shah - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com 32 32 पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर ‘श्री विजयपुरम’ केंद्र सरकार का ऐतिहासिक निर्णय https://chaupalkhabar.com/2024/09/13/renaming-of-port-blair/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/13/renaming-of-port-blair/#respond Fri, 13 Sep 2024 12:50:41 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4855 केंद्र सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर ‘श्री विजयपुरम’ करने का फैसला लिया है। इस निर्णय की घोषणा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने की, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘गुलामी के प्रतीकों से मुक्ति’ के संकल्प से प्रेरित होकर लिया गया …

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केंद्र सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर ‘श्री विजयपुरम’ करने का फैसला लिया है। इस निर्णय की घोषणा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने की, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘गुलामी के प्रतीकों से मुक्ति’ के संकल्प से प्रेरित होकर लिया गया है। अमित शाह ने इस महत्वपूर्ण बदलाव की जानकारी एक्स (पूर्व में ट्विटर) के माध्यम से साझा की। उन्होंने लिखा, “प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत गुलामी के सभी प्रतीकों से खुद को मुक्त करने के अभियान में आगे बढ़ रहा है। इस दिशा में, गृह मंत्रालय ने आज पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर ‘श्री विजयपुरम’ करने का निर्णय लिया है। यह नाम हमारे स्वतंत्रता संग्राम और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के अमूल्य योगदान का प्रतीक है।”

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अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में गहरा और ऐतिहासिक संबंध रहा है। इस द्वीप का नाम बदलना केवल एक प्रशासनिक निर्णय नहीं है, बल्कि यह स्वतंत्रता संग्राम के नायकों को सच्ची श्रद्धांजलि भी है। यह वही स्थान है जहाँ नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने 30 दिसंबर 1943 को सबसे पहले भारतीय तिरंगा फहराया था, जिसे उन्होंने ‘आजाद हिंद सरकार’ के अंतर्गत ‘स्वतंत्र भारत’ का पहला प्रतीकात्मक कार्य कहा था।इसके अलावा, अंडमान का कुख्यात सेलुलर जेल, जिसे ‘काला पानी’ के नाम से भी जाना जाता है, भारत के कई स्वतंत्रता सेनानियों की गवाही देता है, जिन्होंने वहां ब्रिटिश शासन के दौरान अपनी जान की परवाह न करते हुए संघर्ष किया। वीर सावरकर और अनेक स्वतंत्रता सेनानी यहां कैद रहे और भारतीय स्वतंत्रता के लिए अपनी जान न्योछावर की।

गृह मंत्री अमित शाह ने अंडमान और निकोबार के सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने बताया कि यह द्वीप चोल साम्राज्य के समय से ही नौसेना अड्डे की महत्वपूर्ण भूमिका निभाता रहा है। आज भी यह क्षेत्र भारत की सामरिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है। समुद्री सुरक्षा और व्यापार के लिए यह द्वीप रणनीतिक दृष्टि से अहम भूमिका निभाता है। शाह ने अपने पोस्ट में यह भी कहा कि यह नामकरण भारत की सांस्कृतिक धरोहर और गौरवशाली इतिहास को पुनर्जीवित करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। ‘श्री विजयपुरम’ नाम न केवल द्वीप की समृद्ध ऐतिहासिक पृष्ठभूमि को दर्शाता है, बल्कि यह भारत के भविष्य की सुरक्षा और विकास में इसकी बढ़ती भूमिका को भी रेखांकित करता है।

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पोर्ट ब्लेयर का नाम बदलकर ‘श्री विजयपुरम’ करना केवल एक प्रतीकात्मक कदम नहीं है। यह उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों और नायकों का सम्मान है जिन्होंने इस द्वीप पर आकर देश की आजादी के लिए संघर्ष किया। यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘औपनिवेशिक मानसिकता से मुक्त होने’ और भारतीय सांस्कृतिक पहचान को पुनर्जीवित करने के प्रयासों का हिस्सा है।

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अमित शाह का पलटवार, राहुल गांधी के आरक्षण और सिखों पर दिए गए बयान से राजनीति गरमाई. https://chaupalkhabar.com/2024/09/11/amit-shahs-counter-attack-rahul-g/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/11/amit-shahs-counter-attack-rahul-g/#respond Wed, 11 Sep 2024 08:39:00 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4812 राहुल गांधी के अमेरिका दौरे के दौरान दिए गए आरक्षण और सिख समुदाय से जुड़े बयानों पर भारत की सियासत में उबाल आ गया है। विशेष रूप से गृह मंत्री अमित शाह ने राहुल के बयानों को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी पर तीखे हमले किए। अमित शाह …

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राहुल गांधी के अमेरिका दौरे के दौरान दिए गए आरक्षण और सिख समुदाय से जुड़े बयानों पर भारत की सियासत में उबाल आ गया है। विशेष रूप से गृह मंत्री अमित शाह ने राहुल के बयानों को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी पर तीखे हमले किए। अमित शाह ने राहुल गांधी के आरक्षण को लेकर दिए गए बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए साफ शब्दों में कहा, “जब तक भाजपा है, न तो कोई आरक्षण खत्म कर सकता है और न ही देश की सुरक्षा से कोई खिलवाड़ कर सकता है।” शाह ने यह भी कहा कि राहुल गांधी ने आरक्षण खत्म करने की बात कहकर एक बार फिर कांग्रेस के असली चेहरे को उजागर किया है। शाह ने कांग्रेस पर क्षेत्रवाद, धर्म और भाषाई मतभेदों के आधार पर देश को बांटने की राजनीति करने का आरोप लगाया।

शाह ने आगे कहा, “राहुल गांधी ने बार-बार ऐसे बयान दिए हैं जो देश की एकता और अखंडता के खिलाफ हैं। उन्होंने भारतीय संविधान के तहत दी गई आरक्षण व्यवस्था पर सवाल उठाकर देश के सामाजिक ताने-बाने को कमजोर करने की कोशिश की है। यह वही कांग्रेस है, जिसने हमेशा से आरक्षण का विरोध किया है और अब राहुल गांधी उनके नक्शेकदम पर चल रहे हैं।” राहुल गांधी के बयान की जड़ में उनका वाशिंगटन डीसी के जॉर्जटाउन विश्वविद्यालय में छात्रों और शिक्षकों के साथ हुआ संवाद है। इस बातचीत के दौरान जब एक छात्र ने राहुल गांधी से जाति आधारित आरक्षण को लेकर सवाल पूछा, तो राहुल गांधी ने जवाब में कहा, “जब भारत निष्पक्ष हो जाएगा, तब हम आरक्षण खत्म करने के बारे में सोच सकते हैं। फिलहाल भारत एक निष्पक्ष जगह नहीं है, इसलिए आरक्षण की व्यवस्था बनी रहेगी।” राहुल गांधी के इस बयान को लेकर भारत में काफी विवाद पैदा हो गया। भाजपा ने इसे कांग्रेस के आरक्षण विरोधी रुख के रूप में देखा।

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हालांकि, बाद में राहुल गांधी ने अपने बयान को लेकर सफाई दी और कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है। उनका कहना था कि उन्होंने आरक्षण को खत्म करने की बात नहीं की, बल्कि जब देश में पूर्ण निष्पक्षता होगी, तब इस पर विचार किया जा सकता है। गृह मंत्री अमित शाह ने राहुल गांधी पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि “राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी ने हमेशा देश की सुरक्षा से खिलवाड़ किया है। चाहे जम्मू-कश्मीर में जेकेएनसी के देश विरोधी एजेंडे का समर्थन करना हो या फिर विदेशी मंचों पर भारत की आलोचना करना, राहुल गांधी ने बार-बार भारत की प्रतिष्ठा को कमजोर करने की कोशिश की है।” शाह ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने हमेशा उन ताकतों का समर्थन किया है जो भारत को कमजोर करने की साजिश रचती हैं।

शाह ने राहुल गांधी के सिखों से जुड़े बयान पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने 1984 के सिख दंगों के दौरान सिखों के साथ जो अन्याय किया, वह आज भी देश के सामने एक काला अध्याय है। “राहुल गांधी जिस तरह सिख समुदाय के अधिकारों की बात कर रहे हैं, वह कांग्रेस के इतिहास से मेल नहीं खाता,” शाह ने कहा। भाजपा ने राहुल गांधी के आरक्षण और सिख समुदाय पर दिए गए बयानों को कांग्रेस के खिलाफ अपने राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की रणनीति बनाई है। पार्टी के कई नेताओं ने इस मुद्दे को लेकर राहुल गांधी और कांग्रेस की आलोचना की है। भाजपा का कहना है कि राहुल गांधी के बयानों से कांग्रेस का असली चेहरा सामने आया है, जो हमेशा से आरक्षण और सामाजिक न्याय के खिलाफ रहा है।

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राहुल गांधी के अमेरिका दौरे पर दिए गए बयानों ने भारत की सियासत को एक बार फिर गरमा दिया है। अमित शाह और भाजपा ने राहुल गांधी पर तीखे हमले करते हुए उन्हें कांग्रेस के आरक्षण विरोधी और देश विरोधी चेहरे का प्रतिनिधि बताया है। वहीं, राहुल गांधी ने अपने बयानों को लेकर सफाई देते हुए कहा कि उनके शब्दों को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है। अब देखना होगा कि यह विवाद आगे क्या मोड़ लेता है, लेकिन फिलहाल यह साफ है कि यह मुद्दा आगामी चुनावी राजनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनेगा।

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अमित शाह ने दी चुनौती, ‘बाबा मन्हास की कसम खाकर कहता हूं, धारा 370 की वापसी नहीं होने दूंगा’, राहुल गांधी पर साधा निशाना. https://chaupalkhabar.com/2024/09/07/amit-shah-gave-challenge-baba/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/07/amit-shah-gave-challenge-baba/#respond Sat, 07 Sep 2024 08:03:14 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4726 जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का दौरा हमेशा से महत्वपूर्ण रहा है, और इस बार भी वह अपने दो दिवसीय दौरे पर जनता से सीधे संवाद कर रहे हैं। जनसभा को संबोधित करते हुए, उन्होंने जम्मू-कश्मीर के विकास और शांति का मुद्दा उठाया और विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने साफ़ कहा कि …

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जम्मू-कश्मीर में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का दौरा हमेशा से महत्वपूर्ण रहा है, और इस बार भी वह अपने दो दिवसीय दौरे पर जनता से सीधे संवाद कर रहे हैं। जनसभा को संबोधित करते हुए, उन्होंने जम्मू-कश्मीर के विकास और शांति का मुद्दा उठाया और विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने साफ़ कहा कि अगर विपक्ष सत्ता में आया, तो राज्य में विकास ठप हो जाएगा और आतंकवाद का खतरा बढ़ जाएगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भाजपा जम्मू-कश्मीर में शांति और विकास के प्रति प्रतिबद्ध है। अमित शाह ने नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस जैसी पार्टियों पर तीखे शब्दों में हमला करते हुए कहा कि उनके सत्ता में आने से आतंकवाद को फिर से बल मिलेगा। उन्होंने कहा, “अगर नेकां (नेशनल कॉन्फ्रेंस) सत्ता में आती है, तो आतंकवाद बढ़ेगा।” शाह ने फारूक अब्दुल्ला की पार्टी और कांग्रेस को जम्मू-कश्मीर के विकास में बाधा बताया और कहा कि भाजपा ने राज्य को आतंकवाद की आग से बचाने के लिए कठोर कदम उठाए हैं।

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अमित शाह ने भाजपा के शासन में किए गए विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए बताया कि जम्मू में हजारों करोड़ रुपये के विकास कार्य किए गए हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार ने आतंकियों का चुन-चुन कर सफाया किया है और श्री अमरनाथ यात्रा को भयमुक्त वातावरण में संपन्न कराने में सफलता पाई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह सब भाजपा के शासन में संभव हुआ है और अगर विपक्ष सत्ता में आया तो आतंकवाद और अस्थिरता लौट आएगी। शाह ने धारा 370 पर कांग्रेस के वादों पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने राहुल गांधी की बात का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा देने की बात कर रही है, लेकिन यह अधिकार केवल भारत सरकार और प्रधानमंत्री के पास है। उन्होंने यह भी कहा कि उचित समय पर जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिया जाएगा, जैसा कि पहले भी कहा जा चुका है।

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अमित शाह ने अपने भाषण में यह स्पष्ट किया कि जब तक जम्मू-कश्मीर में शांति स्थापित नहीं हो जाती, तब तक पाकिस्तान से किसी भी प्रकार की बातचीत नहीं की जाएगी। उन्होंने विपक्षी दलों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस, अब्दुल्ला और मुफ्ती परिवार ने जम्मू-कश्मीर को लूटने का काम किया है और राज्य की जनता को यह तय करना है कि उन्हें आतंकवाद चाहिए या विकास और शांति। गृहमंत्री ने अपने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि उन्हें केवल विपक्ष को हराना नहीं है, बल्कि उनकी जमानत भी जब्त करानी है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पहली बार धारा 370 के बिना चुनाव हो रहे हैं और यह भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है। उन्होंने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे घर-घर जाकर भाजपा के विकास कार्यों को बताएं और अधिक से अधिक लोगों को मतदान केंद्र तक पहुंचाने का काम करें।

जनसभा के दौरान, मंच पर अमित शाह के साथ केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी और जितेंद्र सिंह भी मौजूद थे। सभा स्थल भगवा रंग में रंगा हुआ था और भाजपा के झंडे लहराते हुए महिला कार्यकर्ता “भारत माता की जय” के नारे लगा रही थीं। पूरे कार्यक्रम के दौरान कार्यकर्ताओं में गजब का जोश देखा गया, जिससे भाजपा के चुनावी अभियान को मजबूती मिली। अमित शाह के इस भाषण ने जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक परिदृश्य को और अधिक गर्म कर दिया है।

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जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव: कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन पर अमित शाह के तीखे सवाल. https://chaupalkhabar.com/2024/08/23/jammu-kashmir-assembly-ch/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/23/jammu-kashmir-assembly-ch/#respond Fri, 23 Aug 2024 12:06:55 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4402 जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव की तिथियों का ऐलान कर दिया गया है। इस चुनाव के लिए तीन चरणों में मतदान होगा और वोटों की गिनती 4 अक्टूबर को की जाएगी। इस बीच, कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच गठबंधन का ऐलान हुआ है, जिसे राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे ने जम्मू-कश्मीर में अपनी यात्रा के दौरान …

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जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव की तिथियों का ऐलान कर दिया गया है। इस चुनाव के लिए तीन चरणों में मतदान होगा और वोटों की गिनती 4 अक्टूबर को की जाएगी। इस बीच, कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के बीच गठबंधन का ऐलान हुआ है, जिसे राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे ने जम्मू-कश्मीर में अपनी यात्रा के दौरान अंतिम रूप दिया। यह गठबंधन राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस गठबंधन को लेकर तीखे सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि कांग्रेस सत्ता के लालच में देश की एकता और सुरक्षा को खतरे में डाल रही है। अमित शाह ने कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के गठबंधन पर दस गंभीर सवाल उठाए हैं, जो निम्नलिखित हैं:

1. क्या कांग्रेस नेशनल कॉन्फ्रेंस के जम्मू-कश्मीर के लिए अलग झंडे के वादे का समर्थन करती है?
अमित शाह ने इस सवाल के माध्यम से कांग्रेस के उस कथित समर्थन की ओर इशारा किया है जो जम्मू-कश्मीर के अलग झंडे की मांग करती है। उनका तर्क है कि यह देश की एकता को कमजोर करने का प्रयास हो सकता है।

2. क्या राहुल गांधी और कांग्रेस अनुच्छेद 370 और 35ए को बहाल करने के नेशनल कॉन्फ्रेंस के फैसले का समर्थन करते हैं?
अनुच्छेद 370 और 35ए को लेकर कांग्रेस की स्थिति को लेकर अमित शाह ने सवाल उठाया है। उनका कहना है कि इन अनुच्छेदों के पुनःस्थापन से जम्मू-कश्मीर में अशांति और आतंकवाद का माहौल लौट सकता है।

3. क्या कांग्रेस कश्मीर के युवाओं के बजाय पाकिस्तान के साथ बातचीत कर अलगाववाद को बढ़ावा देने का समर्थन करती है?
अमित शाह का यह सवाल कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस की पाकिस्तान के साथ संभावित बातचीत को लेकर है। उनका कहना है कि ऐसा कदम जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा दे सकता है।

4. क्या कांग्रेस और राहुल गांधी पाकिस्तान के साथ ‘एलओसी व्यापार’ शुरू करने के नेशनल कॉन्फ्रेंस के फैसले का समर्थन करती है?
एलओसी व्यापार के शुरू होने से सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने की आशंका व्यक्त की जा रही है। अमित शाह ने कांग्रेस से पूछा कि क्या वे इस व्यापार का समर्थन करते हैं, जिससे आतंकवाद और उसकी पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा मिलेगा।

5. क्या कांग्रेस आतंकवाद और पथराव में शामिल लोगों के रिश्तेदारों को सरकारी नौकरियों में बहाल करने का समर्थन करती है?
अमित शाह ने यह सवाल उठाया है कि क्या कांग्रेस आतंकवाद और उग्रवाद में शामिल लोगों के रिश्तेदारों को सरकारी नौकरियों में बहाल करने के नेशनल कॉन्फ्रेंस के फैसले का समर्थन करती है, जो आतंकवाद के बढ़ने की संभावना को जन्म दे सकता है।

6. क्या गठबंधन ने कांग्रेस पार्टी के आरक्षण विरोधी रुख को उजागर किया है?
कांग्रेस के दलितों, गुज्जरों, बकरवालों और पहाड़ी समुदायों के लिए आरक्षण को समाप्त करने के रुख पर भी सवाल उठाया गया है। अमित शाह ने पूछा कि क्या कांग्रेस इस आरक्षण को समाप्त करने का समर्थन करती है।

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7. क्या कांग्रेस चाहती है कि ‘शंकराचार्य हिल’ को ‘तख्त-ए-सुलेमान’ और ‘हरि हिल’ को ‘कोह-ए-मारन’ के नाम से जाना जाए?
यह सवाल जम्मू-कश्मीर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर पर नाम बदलने के नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रस्ताव को लेकर है। अमित शाह ने पूछा कि क्या कांग्रेस इस प्रकार के नाम बदलने का समर्थन करती है।

8. क्या कांग्रेस जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को फिर से भ्रष्टाचार में धकेलने और चुनिंदा पाकिस्तान समर्थित परिवारों को सौंपने की राजनीति का समर्थन करती है?
अमित शाह ने पूछा कि क्या कांग्रेस जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को भ्रष्टाचार और पाकिस्तान समर्थित परिवारों के हाथ में सौंपने के नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रयासों का समर्थन करती है।

9. क्या कांग्रेस पार्टी जेकेएनसी की जम्मू और घाटी के बीच भेदभाव की राजनीति का समर्थन करती है?
अमित शाह ने जम्मू और घाटी के बीच भेदभाव की राजनीति पर भी सवाल उठाया है, यह पूछते हुए कि क्या कांग्रेस इस प्रकार की राजनीति का समर्थन करती है।

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10. क्या कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी कश्मीर को स्वायत्तता देने की जेकेएनसी की विभाजनकारी राजनीति का समर्थन करते हैं?
अंत में, अमित शाह ने पूछा कि क्या कांग्रेस कश्मीर को स्वायत्तता देने की जेकेएनसी की विभाजनकारी राजनीति का समर्थन करती है, जिससे क्षेत्रीय तनाव बढ़ सकता है। इन सवालों के माध्यम से अमित शाह ने कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस के गठबंधन की नीतियों पर गंभीर चिंता व्यक्त की है और यह आरोप लगाया है कि इस गठबंधन से देश की एकता और सुरक्षा को खतरा हो सकता है।

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राज्यसभा में भाजपा को झटका, ताकत घटकर 86 सीटें, महत्वपूर्ण बिल पास कराने के लिए मित्र दलों पर निर्भरता बढ़ी https://chaupalkhabar.com/2024/07/15/shock-to-bjp-in-rajya-sabha/ https://chaupalkhabar.com/2024/07/15/shock-to-bjp-in-rajya-sabha/#respond Mon, 15 Jul 2024 11:16:50 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3914 राज्यसभा में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को एक बड़ा झटका लगा है। चार मनोनीत सदस्यों की सेवानिवृत्ति के बाद अब भाजपा के पास उच्च सदन में मात्र 86 सीटें रह गई हैं, जबकि एनडीए के सदस्यों की कुल संख्या 101 हो गई है। इस परिवर्तन से आगामी बजट सत्र में महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित …

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राज्यसभा में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को एक बड़ा झटका लगा है। चार मनोनीत सदस्यों की सेवानिवृत्ति के बाद अब भाजपा के पास उच्च सदन में मात्र 86 सीटें रह गई हैं, जबकि एनडीए के सदस्यों की कुल संख्या 101 हो गई है। इस परिवर्तन से आगामी बजट सत्र में महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराना भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। राज्यसभा की कुल क्षमता 245 सीटों की है, जिनमें से 19 सीटें वर्तमान में खाली हैं। इनमें 4 सीटें जम्मू-कश्मीर की हैं, जहां विधानसभा चुनाव के बाद ही राज्यसभा चुनाव होंगे। शेष 15 सीटों में 4 सीटें नामित सदस्यों की हैं और 11 सीटों पर महाराष्ट्र, तेलंगाना, मध्यप्रदेश, त्रिपुरा, राजस्थान, हरियाणा और असम में चुनाव होना है। भाजपा के लिए मनोनीत श्रेणी की खाली सीटों को जल्द से जल्द भरना महत्वपूर्ण है, ताकि मित्र दलों पर निर्भरता को कम किया जा सके।

जो चार मनोनीत सदस्य सेवानिवृत्त हुए हैं, उनमें राकेश सिन्हा, राम शकल, सोनल मानसिंह और महेश जेठमलानी शामिल हैं। इन सदस्यों ने राज्यसभा में मनोनीत होने के बाद औपचारिक रूप से भाजपा का साथ दिया था। मनोनीत श्रेणी में गुलाम अली एक और ऐसे सदस्य हैं जो भाजपा का समर्थन करते हैं और वे सितंबर 2028 में सेवानिवृत्त होंगे। भाजपा को महत्वपूर्ण विधेयक पारित कराने के लिए एनडीए के सात गुटनिरपेक्ष मनोनीत सदस्यों, दो निर्दलीय और एआईएडीएमके और वाईएसआरसीपी जैसे मित्र दलों के समर्थन की आवश्यकता होगी। मौजूदा सदन में, सात गुटनिरपेक्ष सदस्यों ने खुद को भाजपा का हिस्सा नहीं बताया है, लेकिन सत्ताधारी पार्टी के किसी भी कानून या प्रस्ताव को पारित कराने में उनका समर्थन महत्वपूर्ण है।

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आगामी बजट सत्र में भाजपा को अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए कई कदम उठाने होंगे। इसके लिए पार्टी को मनोनीत श्रेणी की खाली सीटों को शीघ्रता से भरना होगा। इसके अतिरिक्त, पार्टी को अपने मित्र दलों के समर्थन को सुनिश्चित करने के लिए भी प्रयास करने होंगे। राज्यसभा में मौजूदा स्थिति भाजपा के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है। पार्टी को अपने विधायी एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए न केवल अपनी रणनीति को पुनः मूल्यांकित करना होगा, बल्कि मित्र दलों के साथ तालमेल भी बिठाना होगा। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा इन चुनौतियों का सामना कैसे करती है और अपनी ताकत को फिर से कैसे बढ़ाती है।

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मोदी के इन मंत्रियों ने दिखाया दम, कार्यभार संभालते ही जुटे काम में; जयशंकर से लेकर सुरेश गोपी तक… जानिए किसने क्या कहा? https://chaupalkhabar.com/2024/06/11/these-ministers-of-modi/ https://chaupalkhabar.com/2024/06/11/these-ministers-of-modi/#respond Tue, 11 Jun 2024 10:06:04 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3555 विदेश मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद एस जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मोदी 3.0 की विदेश नीति बहुत सफल होगी। जयशंकर ने कहा कि भारत का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है, न केवल हमारी अपनी धारणा के संदर्भ में बल्कि दूसरे देशों की सोच के संदर्भ में भी। उन्होंने …

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विदेश मंत्रालय का कार्यभार संभालने के बाद एस जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मोदी 3.0 की विदेश नीति बहुत सफल होगी। जयशंकर ने कहा कि भारत का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है, न केवल हमारी अपनी धारणा के संदर्भ में बल्कि दूसरे देशों की सोच के संदर्भ में भी। उन्होंने कहा कि अन्य देशों को लगता है कि भारत वास्तव में उनका मित्र है और उन्होंने देखा है कि संकट के समय अगर कोई एक देश ग्लोबल साउथ के साथ खड़ा है तो वह भारत है। जब हमने G20 की अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ की सदस्यता को आगे बढ़ाया तो दुनिया ने हम पर भरोसा किया और हमारी जिम्मेदारियां भी बढ़ रही हैं, इसलिए हमें भी विश्वास है कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में दुनिया में भारत की पहचान निश्चित रूप से बढ़ेगी। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने संचार मंत्री का कार्यभार संभाला। उन्होंने कहा, “यह मेरे लिए सम्मान की बात है कि प्रधानमंत्री ने मुझे संचार मंत्रालय की जिम्मेदारी दी है। उनके नेतृत्व में इस विभाग में क्रांति आई है। मैं दृढ़ता से काम करने और अपना सर्वश्रेष्ठ देने की शपथ लेता हूं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हम प्रधानमंत्री और भारत के 140 करोड़ लोगों की आकांक्षाओं के अनुरूप काम करें।”

शिवराज सिंह चौहान ने कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री के तौर पर अपना कार्यभार संभाला। उन्होंने कहा, “मुझे यह कहते हुए खुशी हो रही है कि प्रधानमंत्री ने कल जो पहला फैसला लिया, वह किसानों के हित में था। उन्होंने किसान सम्मान निधि जारी करने का फैसला किया। अब प्रधानमंत्री के नेतृत्व में एनडीए सरकार इन कार्यों को और तेजी से आगे बढ़ाएगी। प्रधानमंत्री ने किसानों की आय दोगुनी करने का संकल्प लिया है, उस पर लगातार काम चल रहा है। हम सब मिलकर उसमें और भी तेजी से काम करेंगे और किसानों के कल्याण के लिए हर संभव कदम उठाएंगे। आज ही मैं अधिकारियों को संकल्प पत्र सौंपने जा रहा हूं।” जीतन राम मांझी ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री का कार्यभार संभाला। उन्होंने कहा, “मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देता हूं। प्रधानमंत्री मोदी ने मुझे बताया कि यह उनके विजन का मंत्रालय है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय समाज के गरीब वर्ग के उत्थान में बड़ी भूमिका निभाएगा।

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केंद्रीय संस्कृति मंत्री का कार्यभार संभालने के बाद गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा, “मतदाताओं ने नरेंद्र मोदी को तीसरी बार देश का प्रधानमंत्री बनने का सौभाग्य दिया है। पिछले 10 वर्षों में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में संस्कृति मंत्रालय ने काम किया है और विभिन्न स्तरों और विभिन्न आयामों के माध्यम से पूरे विश्व में भारत की एक नई पहचान और छवि बनाई गई है, मुझे इस काम को आगे बढ़ाने का सौभाग्य मिला है।” केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा, “पीएम मोदी ने खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय की जिम्मेदारी दी है और मैं इसके लिए कड़ी मेहनत करूंगा। भविष्य खाद्य प्रसंस्करण का है और इसमें असीमित संभावनाएं हैं। आने वाले समय में इस विभाग में भारत की भागीदारी बढ़ेगी। इस विभाग में वृद्धि से किसानों की आय बढ़ाने में भी मदद मिलेगी। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि हमें इस विभाग को नई ऊंचाइयों पर ले जाना है।”

केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह द्वारा कहा गया ,की “आज मैंने कार्यभार संभाल लिया है। कपड़ा क्षेत्र सबसे ज्यादा रोजगार देने वाला क्षेत्र है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में हम सब इसे आगे बढ़ाने का काम करेंगे क्योंकि यह मंत्रालय किसानों से भी जुड़ा हुआ है।” सूचना एवं प्रसारण मंत्री का कार्यभार संभालने के बाद अश्विनी वैष्णव ने बोला ,की “लोगों ने एक बार फिर पीएम नरेंद्र मोदी को देश की सेवा करने का आशीर्वाद दिया है। कल अपने पहले कार्यकाल के पहले ही दिन प्रधानमंत्री ने गरीबों और किसानों को समर्पित फैसले लिए हैं। युवाओं के लिए बहुत मजबूत नींव रखनी है। मुझे यह अवसर देने के लिए मैं पीएम नरेंद्र मोदी का बहुत आभार व्यक्त करता हूं।”

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अमित शाह द्वारा एक बार सहकारिता मंत्री का कार्यभार संभाला हैं । अर्जुन राम मेघवाल ने विधि एवं न्याय मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) के रूप में कार्यभार संभाला। अन्नपूर्णा देवी ने महिला एवं बाल विकास मंत्री का कार्यभार संभाला। प्रहलाद जोशी ने उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री का कार्यभार संभाला। प्रतापराव गणपतराव जाधव ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला। इस नए कैबिनेट का गठन और विभिन्न मंत्रियों की जिम्मेदारियों का वितरण दर्शाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने तीसरे कार्यकाल में विभिन्न क्षेत्रों में व्यापक सुधार और विकास की योजनाओं को प्राथमिकता दी है। मंत्रियों ने अपने-अपने कार्यभार संभालने के बाद दिए गए वक्तव्यों में यह स्पष्ट किया कि वे प्रधानमंत्री के विजन और दिशा-निर्देशों के तहत अपने मंत्रालयों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे और देश के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे।

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NDA की बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी के नाम पर फाइनल मुहर, विपक्ष पर साधा निशाना कहा “ना हारे थे ना हारे है”…. https://chaupalkhabar.com/2024/06/07/lok-sabha-elections-2024-nda-meeting/ https://chaupalkhabar.com/2024/06/07/lok-sabha-elections-2024-nda-meeting/#respond Fri, 07 Jun 2024 09:12:24 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3488 लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा पूर्ण बहुमत से चूक गई, लेकिन एनडीए ने 293 सीटें हासिल करके 272 सीटों (बहुमत) का आंकड़ा प्राप्त कर लिया। इसी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है और एक बार फिर से प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं। इसके पहले …

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लोकसभा चुनाव 2024 में भाजपा पूर्ण बहुमत से चूक गई, लेकिन एनडीए ने 293 सीटें हासिल करके 272 सीटों (बहुमत) का आंकड़ा प्राप्त कर लिया। इसी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है और एक बार फिर से प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं। इसके पहले एनडीए की एक बैठक बुलाई गई है जिसमें सभी दलों के शीर्ष नेता, मुख्यमंत्री, और सांसद भाग लेंगे। इस बैठक के बाद प्रधानमंत्री के नाम पर अंतिम मुहर लगाई जाएगी। 9 जून को राष्ट्रपति प्रधानमंत्री और मंत्रियों को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाएंगी। जनसेना प्रमुख पवन कल्याण ने प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी तीसरे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब तक नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं, कोई भी भारत की ओर आंख उठाकर नहीं देख सकता।

सविंधान सदन (पुरानी संसद) के सेंट्रल हॉल में एनडीए के संसदीय दल की बैठक शुरू हो चुकी है। एनडीए के सहयोगी दलों के पार्टी प्रमुखों का स्वागत किया जा रहा है। इस बैठक में नरेंद्र मोदी ,अमित शाह, जेपी नड्डा, नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू उपस्थित थे इसके साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नवनिर्वाचित सांसदों का स्वागत किया और पार्टी कार्यकर्ताओं के परिश्रम पर बात करते हुए उनको ध्यानवाद दिया। उन्होंने एनडीए को तीसरी बार बहुमत मिलने पर सहयोगियों का धन्यवाद दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “न हम हारे थे, न हारें हैं; हम विजय को पचाना जानते हैं।” उन्होंने कहा कि पहले भी (2014 में) एनडीए था, कल (2019 में) भी एनडीए था और आज (2024 में) भी एनडीए है। दस साल बाद भी कांग्रेस 100 सीटों का आंकड़ा नहीं छू पाई। पीएम मोदी ने ईवीएम पर उठाए गए सवालों को लेकर विपक्ष पर जमकर हमला बोला। उन्होंने 4 जून को परिणाम वाले दिन का एक वाकया साझा करते हुए कहा कि ईवीएम जिंदा है या मर गया। उन्होंने कहा कि शाम होते-होते ईवीएम पर सवाल उठाने वाले विपक्षियों के मुंह पर ताला लग गया। ये लोग ईवीएम के खिलाफ झूठ का षड्यंत्र लेकर बैठे थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने NDA को तीसरी बार बहुमत मिलने पर सहयोगियों का धन्यवाद दिया और कहा, “न हम हारे थे, न हारें हैं; हम विजय को पचाना जानते हैं।”

मोदी बोले- “किसी पार्टी का सांसद हो, मेरे लिए सभी समान होंगे।” उन्होंने कहा कि विकसित भारत के अपने सपने को साकार करके रहेंगे। मोदी ने दक्षिण के राज्यों में एनडीए को मिली बढ़त का जिक्र किया, विशेष रूप से केरल का उल्लेख करते हुए कहा कि वहां हमारी विचारधारा को लेकर हमारे कार्यकर्ताओं पर जुल्म किया गया। इतना तो जम्मू-कश्मीर में भी नहीं हुआ था। आज पहली बार केरल से हमारा प्रतिनिधि सदन में होगा। इस दौरान उन्होंने आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में बड़ी जीत पर भी बयान दिया। प्रधानमंत्री ने कहा, “एनडीए ने 30 साल के समय में 5 साल के 3 कार्यकाल सफलतापूर्वक पूर्ण रूप से पूरे किए हैं। अब यह अपने चौथे कार्यकाल में प्रवेश करने जा रहा है। इस दौरान उन्होंने दिवंगत पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी, शरद यादव, जॉर्ज फर्नांडीज जैसे नेताओं का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जो बीज उन्होंने बोया था, उसे जनता ने अपने विश्वास से सींचकर विशाल वटवृक्ष बना दिया है।

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जनसेना प्रमुख पवन कल्याण ने प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा कि नरेंद्र मोदी तीसरे कार्यकाल के लिए प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं।  जब तक नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री हैं, कोई भी भारत की ओर आंख उठाकर नहीं देख सकता। एनडीए के सहयोगी दलों के पार्टी प्रमुखों का स्वागत किया जा रहा है। मीटिंग में अमित शाह, जेपी नड्डा, नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू, और नरेंद्र मोदी उपस्थित हैं।अपना दल प्रमुख अनुप्रिया पटेल ने भी पीएम के लिए नरेंद्र मोदी के नाम के प्रस्ताव को समर्थन दिया। लोजपा रामविलास के प्रमुख चिराग पासवान ने भी प्रस्ताव का अनुमोदन किया है। अपने वक्तव्य में उन्होंने नरेंद्र मोदी के पिछले 10 वर्षों की उपलब्धियों पर धन्यवाद ज्ञापित किया। वहीं, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्यूलर) के प्रमुख जीतन राम मांझी ने कहा कि वे एनडीए के साथ बने रहेंगे और उन्होंने भी प्रस्ताव का समर्थन किया।

एनसीपी प्रमुख अजित पवार ने भी पीएम पद के लिए नरेंद्र मोदी के नाम को समर्थन दिया है। शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी पीएम पद के लिए मोदी के नाम का समर्थन किया और कहा कि उनका भाजपा के साथ गठबंधन फेविकोल के जोड़ की तरह मजबूत है, यह टूटने वाला नहीं है। इस दौरान उन्होंने पीएम के लिए ‘मैं उस माटी का वृक्ष नहीं…’ कविता की कुछ पंक्तियां पढ़ीं।
जदयू प्रमुख नीतीश कुमार ने भी नरेंद्र मोदी के नाम के प्रस्ताव को समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि मोदी 10 साल पीएम रहने के बाद एक बार फिर पीएम बनने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बार पूरे समय वे सरकार के साथ बने रहेंगे। अगली बार एनडीए फिर एक साथ बिहार में चुनाव लड़ेगा और सभी सीटें जीतेगा।

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टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि देश सही समय पर सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने नरेंद्र मोदी के कार्यों का जिक्र किया और एनडीए संसदीय दल के नेता के तौर पर मोदी के नाम का समर्थन किया। चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि हमने आंध्र प्रदेश में 95 प्रतिशत सीटें जीतीं। इस दौरान उन्होंने अपने सहयोगी पवन कल्याण की पार्टी जनसेना और भाजपा का उल्लेख किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजनाथ सिंह ने नरेंद्र मोदी के नाम का प्रस्ताव एनडीए संसदीय दल के नेता चुने जाने के लिए किया। अमित शाह ने भी उक्त प्रस्ताव का समर्थन किया। कार्यक्रम की शुरुआत में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सभी को संबोधित किया। उन्होंने कहा, “ये हम सबके लिए एक ऐतिहासिक पल है और हम लगातार तीसरी बार एनडीए के नेता के रूप में श्री नरेंद्र मोदी जी को चयन करने वाले हैं। इस ऐतिहासिक घड़ी में आज हम सब लोग चश्मदीद गवाह बन रहे हैं… ये हम सबका सौभाग्य है।”

जेपी नड्डा ने अरुणाचल और सिक्किम में भी भाजपा-एनडीए की सरकार बनने का जिक्र किया। नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास हुआ है। इस दौरान उन्होंने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की रश्मिरथी के अंश ‘वसुधा का नेता कौन हुआ, भूखंड विजेता कौन हुआ…’ का पाठ किया। उन्होंने कहा कि 10 साल पहले भारत के बारे में कहा जाता था कि यहां कुछ बदलने वाला नहीं है। आज 10 साल बाद मोदी जी के नेतृत्व में वही भारत आकांक्षी भारत बन गया है और विकसित भारत के संकल्प को लेकर चल पड़ा है। NDA संसदीय बैठक के लिए संसद पहुंचने पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि यह खुशी की बात है कि पीएम मोदी लगातार तीसरी बार पीएम बनेंगे। यह शिवसेना के लिए खुशी की बात है, क्योंकि शिवसेना और बीजेपी की विचारधारा एक जैसी है। एनडीए के सभी गठबंधन दलों ने उन्हें अपना नेता चुना है और आज की बैठक उनके नेतृत्व में हो रही है।

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सपा को लगा पूर्वांचल में झटका,अमित शाह से मुलाकात के बाद बोले नारद राय, कहा BJP के लिए पूरी ताकत से करेंगे प्रयास https://chaupalkhabar.com/2024/05/28/sp-felt-in-purvanchal/ https://chaupalkhabar.com/2024/05/28/sp-felt-in-purvanchal/#respond Tue, 28 May 2024 06:36:43 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3416 बलिया के प्रमुख भूमिहार नेता और सपा के पूर्व मंत्री नारद राय ने समाजवादी पार्टी (सपा) को बड़ा झटका दिया है। नारद राय ने दिन में बागी तेवर दिखाने के बाद देर शाम को गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की जीत के लिए पूरी ताकत से प्रयास करने …

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बलिया के प्रमुख भूमिहार नेता और सपा के पूर्व मंत्री नारद राय ने समाजवादी पार्टी (सपा) को बड़ा झटका दिया है। नारद राय ने दिन में बागी तेवर दिखाने के बाद देर शाम को गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की जीत के लिए पूरी ताकत से प्रयास करने का ऐलान कर दिया। नारद राय ने आरोप लगाया कि पिछले सात साल से उन्हें लगातार बेइज्जत किया जा रहा था। पूर्वांचल की बलिया लोकसभा सीट के लिए सातवें और अंतिम चरण में 1 जून को मतदान होगा। और चुनाव प्रचार के लिए केवल तीन दिन का समय बचा है एवं वोटिंग में केवल चार दिन शेष बचे है। मतदान इतना करीब होने के बावजूद सपा को तगड़ा झटका लगा है। सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के करीबी रहे पूर्व मंत्री नारद राय ने पार्टी छोड़ने और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) जॉइन करने का ऐलान कर दिया है। बलिया के बड़े नेताओं में गिने जाने वाले नारद राय ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर यह ऐलान किया।

नारद राय ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद आजतक से खास बातचीत में सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि बहुत भारी और दुखी मन से समाजवादी पार्टी छोड़ रहा हूं। नारद राय ने कहा कि 40 साल का साथ था जो आज मैंने छोड़ दिया है। उन्होंने सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर बेइज्जत करने का आरोप लगाया और कहा कि मेरी गलती यह है कि अखिलेश और मुलायम में मैंने मुलायम को चुना। नारद ने बताया कि पिछले सात साल से उन्हें लगातार बेइज्जत किया जा रहा था। नारद राय ने यह भी आरोप लगाया कि 2017 में उनका टिकट अखिलेश यादव ने काटा था। नारद ने कहा कि 2022 में अखिलेश ने टिकट दिया लेकिन साथ ही साथ मेरी हार का इंतजाम भी कर दिया। उन्होंने दो दिन पहले बलिया में हुई अखिलेश की रैली का जिक्र करते हुए कहा कि मंच पर भी उन्हें बेइज्जत किया गया। अखिलेश यादव ने मंच से उनका नाम तक नहीं लिया। नारद राय ने अमित शाह से मुलाकात के बाद कहा कि अब अपनी पूरी ताकत बीजेपी के लिए लगाएंगे। उन्होंने कहा कि हमसे जितना हो पाएगा , हम उतनी ताकत से बीजेपी की जीत सुनिश्चित करने के लिए प्रयास करेंगे।

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गौरतलब है कि नारद राय बलिया सदर विधानसभा सीट से विधायक और उत्तर प्रदेश में सपा की सरकारों में मंत्री रहे हैं। उनकी गिनती बलिया के बड़े भूमिहार नेताओं में होती है। यह पहला मौका नहीं है जब नारद का सपा से मोहभंग हुआ हो। खुद को जनेश्वर मिश्रा का शिष्य, राजनारायण की परंपरा का राजनेता बताने वाले नारद राय ने 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले भी पार्टी छोड़ी थी। नारद ने तब बहुजन समाज पार्टी (बसपा) जॉइन की थी। नारद बसपा के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे लेकिन बीजेपी के आनंद स्वरूप शुक्ल से मात खानी पड़ी। नारद राय 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले ही सपा में लौट आए थे। जिसके बाद वह 2022 के चुनाव में सपा के टिकट पर मैदान में उतरे। परंतु इस बार भी नारद को जीत नसीब नहीं हुई। उन्हें बीजेपी के दयाशंकर सिंह ने हरा दिया। लोकसभा चुनाव में भी वह सपा से टिकट के दावेदार थे लेकिन पार्टी द्वारा 2019 के चुनाव में bjp उम्मीदवार वीरेंद्र सिंह मस्त को कड़ी टक्कर देने वाले सनातन पाण्डेय पर भरोसा जताया।

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नारद राय इंडिया ब्लॉक के उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार भी कर रहे थे लेकिन पिछले कुछ दिनों से प्रचार से उनकी दूरी से चर्चाएं हो रही थीं कि वे बीजेपी में जा सकते हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उनके पोस्ट से भी नाराजगी झलक रही थी और रही-सही कसर पूरी हो गई अखिलेश यादव की दो दिन पहले बलिया में हुई जनसभा से। नारद राय ने कहा कि इस बार के चुनाव में भी उन्हें उचित सम्मान नहीं मिला और उन्हें मंच से नजरअंदाज किया गया। नारद राय ने अमित शाह से मुलाकात के बाद बीजेपी की जीत सुनिश्चित करने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंकने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि अब उनका मकसद बीजेपी को जीत दिलाना है और इसके लिए वह हर संभव प्रयास करेंगे। नारद राय के इस फैसले से बलिया लोकसभा सीट पर चुनावी समीकरणों में बड़ा बदलाव आ सकता है। बलिया की जनता और राजनीतिक विशेषज्ञ अब इस घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं कि नारद राय के बीजेपी में जाने से सपा और बीजेपी के बीच मुकाबला किस दिशा में जाएगा।

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सीएम केजरीवाल का लोकसभा चुनाव को लेकर बड़ा दावा कहा, 4 जून को जा रही मोदी सरकार, गठबंधन को मिलेंगी 300 से ज्यादा सीटें. https://chaupalkhabar.com/2024/05/21/cm-kejriwal-of-lok-sabha-ch/ https://chaupalkhabar.com/2024/05/21/cm-kejriwal-of-lok-sabha-ch/#respond Tue, 21 May 2024 07:38:29 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3347 दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने दावा किया है कि आगामी लोकसभा चुनाव के नतीजों में इंडी गठबंधन को 300 से अधिक सीटें मिलेंगी और भाजपा सरकार की विदाई होगी। केजरीवाल ने कहा कि इंडी गठबंधन देश …

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दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने दावा किया है कि आगामी लोकसभा चुनाव के नतीजों में इंडी गठबंधन को 300 से अधिक सीटें मिलेंगी और भाजपा सरकार की विदाई होगी। केजरीवाल ने कहा कि इंडी गठबंधन देश को एक स्थिर सरकार देने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। केजरीवाल ने कहा, “पांच चरणों के चुनावों के बाद अब यह स्पष्ट हो गया है कि 4 जून को भाजपा सरकार जा रही है और इंडी गठबंधन की सरकार आ रही है। जैसे-जैसे चुनाव के चरण आगे बढ़ रहे हैं, वैसे-वैसे यह साफ हो रहा है कि इंडी गठबंधन देश को एक स्थिर और मजबूत सरकार देने के लिए तैयार है।”

अपने भाषण में केजरीवाल ने भाजपा के प्रमुख नेताओं पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “कल अमित शाह दिल्ली आए थे। उन्होंने संगम विहार में 500 से भी कम लोगों की जनसभा में मुझे खूब गालियां दी। आप के समर्थकों को पाकिस्तानी बताया। यह बिल्कुल गलत है। मुझे आप कुछ भी कह सकते हैं, लेकिन दिल्ली, पंजाब, गुजरात और गोवा के लोगों को पाकिस्तानी कहना किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं होगा।” केजरीवाल यह भी कहा, की “कल योगी जी भी दिल्ली आए थे। उन्होंने भी मुझे खूब बुरा-भला कहा। मैं उनसे यही कहना चाहूंगा कि मुझसे उलझने के बजाय अपनी पार्टी के अंदर सुलझाइए। मोदी जी और अमित शाह ने पूरा प्लान बना लिया है आपको यूपी की कुर्सी से हटाने का। इसलिए उधर ध्यान दीजिए।”

केजरीवाल ने कहा कि इंडी गठबंधन देश को एक स्थिर सरकार देने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। केजरीवाल ने कहा, “पांच चरणों के चुनावों के बाद अब यह स्पष्ट हो गया है कि 4 जून को भाजपा सरकार जा रही है और इंडी गठबंधन की सरकार आ रही है।

दिल्ली की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करते हुए केजरीवाल ने बताया कि इस बार दिल्ली में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस गठबंधन के तहत चुनाव लड़ रही है। आप ने दिल्ली की चार सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं जबकि कांग्रेस ने तीन सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए हैं। केजरीवाल ने विश्वास जताया कि इस गठबंधन को दिल्ली की जनता का भरपूर समर्थन मिलेगा। मुख्यमंत्री ने भाजपा पर और भी आरोप लगाते हुए कहा, “भाजपा ने पिछले पांच सालों में दिल्ली की जनता के साथ सिर्फ धोखा किया है। उन्होंने दिल्ली के विकास के लिए कुछ नहीं किया। हमारी सरकार ने जो भी योजनाएं और विकास कार्य किए हैं, उन्हें रोकने की कोशिश की गई। दिल्ली की जनता अब यह समझ चुकी है और इस बार वह भाजपा को सबक सिखाने के लिए तैयार है।”

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केजरीवाल ने दावा किया कि इंडी गठबंधन की सरकार बनने पर दिल्ली के विकास को नई गति मिलेगी। उन्होंने कहा, “हमने दिल्ली के स्कूलों, अस्पतालों और बुनियादी सुविधाओं में जो सुधार किए हैं, उन्हें पूरे देश में लागू किया जाएगा। हम देशभर में शिक्षा और स्वास्थ्य को प्राथमिकता देंगे। हमारी सरकार भ्रष्टाचार मुक्त शासन देगी और हर नागरिक के अधिकारों की रक्षा करेगी।” दिल्ली में आगामी चुनावों के मद्देनजर केजरीवाल ने अपने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे पूरी ताकत के साथ चुनाव प्रचार में जुट जाएं। उन्होंने कहा, “हर घर में जाएं, लोगों को बताएं कि कैसे भाजपा ने उनके साथ धोखा किया है और कैसे इंडी गठबंधन उनकी समस्याओं को हल करेगा। हम सब मिलकर भाजपा को हराएंगे और देश को एक नई दिशा देंगे।”

भाजपा के खिलाफ अपने हमलों को जारी रखते हुए केजरीवाल ने कहा, “भाजपा ने धर्म और जाति के नाम पर लोगों को बांटने की कोशिश की है। लेकिन हम लोगों को जोड़ने का काम कर रहे हैं। हमारी राजनीति विकास और जनसेवा की राजनीति है, न कि नफरत और विभाजन की।” केजरीवाल ने अपने समर्थकों को आश्वस्त किया कि इंडी गठबंधन की सरकार बनने पर दिल्ली और देश में विकास की गति को नई ऊंचाई मिलेगी। उन्होंने कहा, “हम हर उस वादे को पूरा करेंगे जो हमने जनता से किया है। हमारी सरकार लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए हर संभव कदम उठाएगी।”

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आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों में जोश भरते हुए केजरीवाल ने कहा, “यह चुनाव सिर्फ एक पार्टी का नहीं, बल्कि देश की दिशा और दशा का चुनाव है। हमें यह सुनिश्चित करना है कि भाजपा की विभाजनकारी राजनीति को हराया जाए और देश को एक स्थिर, विकासोन्मुख और जनहितकारी सरकार मिले। दिल्ली के राजनीतिक माहौल पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा, “दिल्ली की जनता ने हमें लगातार समर्थन दिया है और इस बार भी हमें पूरा विश्वास है कि दिल्ली के लोग हमें निराश नहीं करेंगे। दिल्ली में किए गए हमारे काम हमारे पक्ष में बोलेंगे और हम एक बार फिर से दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीटें जीतेंगे।

केजरीवाल ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, “भाजपा ने दिल्ली में चुनावी फायदे के लिए हर संभव कोशिश की है, लेकिन जनता सब समझती है। हम अपनी मेहनत और सच्चाई के बल पर जीतेंगे। भाजपा का झूठ और फरेब अब नहीं चलेगा।” उन्होंने अंत में कहा, “4 जून को नतीजे आएंगे और भाजपा सरकार की विदाई होगी। यह देश के लिए एक नया सवेरा होगा। इंडी गठबंधन देश को एक स्थिर, सुरक्षित और समृद्ध भविष्य देने के लिए तैयार है।  इस प्रकार, अरविंद केजरीवाल ने भाजपा पर तीखा हमला करते हुए आगामी लोकसभा चुनावों में इंडी गठबंधन की जीत का दावा किया और अपने समर्थकों से पूरी ताकत के साथ चुनाव प्रचार में जुटने की अपील की। उन्होंने भाजपा की विभाजनकारी राजनीति की आलोचना करते हुए देश को एक स्थिर और विकासोन्मुख सरकार देने का वादा किया।

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यदि बहुमत नहीं मिला तो, क्या होगा भाजपा का प्लान बी? इस सवाल के जवाब में क्या बोले अमित शाह https://chaupalkhabar.com/2024/05/17/if-majority-not-got-then-why/ https://chaupalkhabar.com/2024/05/17/if-majority-not-got-then-why/#respond Fri, 17 May 2024 10:59:12 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3275 लोकसभा चुनाव के चार चरणों का मतदान हो चुका है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दावा है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगा। दूसरी ओर, विपक्षी गठबंधन का कहना है कि 4 जून को भाजपा की विदाई निश्चित है। इस संदर्भ में एक इंटरव्यू में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह …

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लोकसभा चुनाव के चार चरणों का मतदान हो चुका है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दावा है कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएगा। दूसरी ओर, विपक्षी गठबंधन का कहना है कि 4 जून को भाजपा की विदाई निश्चित है। इस संदर्भ में एक इंटरव्यू में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से पूछा गया कि यदि भाजपा बहुमत के आंकड़े तक नहीं पहुंच पाती तो क्या उसके पास कोई प्लान बी है? अमित शाह ने स्पष्ट रूप से कहा, “प्लान बी तभी बनाया जाता है, जब प्लान ए के सफल होने की संभावना 60 प्रतिशत से कम हो। मुझे पूरा विश्वास है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारी बहुमत से सत्ता में वापसी कर रहे हैं।” उन्होंने आगे कहा कि 60 करोड़ लाभार्थियों की एक मजबूत सेना पीएम मोदी के साथ खड़ी है। शाह ने जोर देकर कहा कि इन लाभार्थियों की कोई जाति या उम्र वर्ग नहीं है और जिन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ मिला है, वे जानते हैं कि पीएम नरेंद्र मोदी क्या हैं और क्यों 400 सीटें देना चाहिए।

विपक्ष का आरोप है कि अगर भाजपा सत्ता में वापस आती है तो वह आरक्षण खत्म कर देगी। इस पर अमित शाह ने जोर देकर कहा, “हमने यह बिल्कुल साफ कर दिया है कि जब तक भाजपा का एक भी सांसद है, तब तक एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण को कोई हाथ भी नहीं लगा सकता। नरेंद्र मोदी से बड़ा एससी, एसटी और ओबीसी आरक्षण का कोई समर्थक नहीं है।” अमित शाह ने अपनी सरकार की उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए कहा, “जो अनुच्छेद 370 पर सवाल उठाते हैं, मैं उनसे कहना चाहता हूं कि कश्मीर में मतदान प्रतिशत 40 फीसदी को पार कर गया है और अनुच्छेद 370 हटाने की इससे बड़ी सफलता क्या हो सकती है।” शाह ने कहा कि सभी कट्टरपंथी समूह और नेता अब मतदान कर रहे हैं और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा बन गए हैं। उन्होंने कहा कि पहले कश्मीर में चुनाव बहिष्कार के नारे लगते थे, लेकिन आज शांतिपूर्ण चुनाव हो रहे हैं।

अमित शाह ने विपक्षी गठबंधन को निशाना बनाते हुए कहा कि INDI गठबंधन के सभी चरित्र मिलते-जुलते हैं, तभी वे साथ आए हैं। उन्होंने कहा, “ये सभी पार्टियां वंशवादी राजनीति पर आधारित हैं। ये सभी अनुच्छेद 370 को फिर से लागू करने की बात करती हैं और सभी तीन तलाक को भी वापस लाना चाहती हैं। ये सभी पार्टियां समान नागरिक संहिता और नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का विरोध करती हैं। ये भ्रष्टाचार में डूबी हुई हैं। इसलिए INDI गठबंधन की एक साझा संस्कृति है।” चुनावी रणनीति पर चर्चा करते हुए अमित शाह ने कहा कि भाजपा ने अपने कार्यकाल के दौरान विकास और कल्याणकारी योजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया है। उन्होंने कहा, “हमारी योजनाओं का लाभ सीधे जनता तक पहुंचा है, चाहे वह उज्ज्वला योजना हो, जन धन योजना हो या प्रधानमंत्री आवास योजना। इन योजनाओं के माध्यम से हमने गरीबों और वंचितों को मुख्यधारा में शामिल किया है।”

अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नेतृत्व देश के लिए अनिवार्य है। उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने देश को एक नई दिशा दी है। उनकी नीतियों और योजनाओं ने देश के हर वर्ग को लाभ पहुंचाया है। मोदी जी के नेतृत्व में देश ने कई क्षेत्रों में प्रगति की है, चाहे वह अंतर्राष्ट्रीय संबंध हों, सुरक्षा हो या आर्थिक विकास।” अगली सरकार की प्राथमिकताओं पर चर्चा करते हुए अमित शाह ने कहा, “अगर भाजपा सत्ता में आती है, तो हम अपने विकास के एजेंडे को जारी रखेंगे। हमारी प्राथमिकता होगी कि हर गरीब को घर मिले, हर घर में बिजली और पानी पहुंचे, और देश के सभी हिस्सों में बुनियादी ढांचा विकसित हो।

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विपक्ष के आरोपों का खंडन करते हुए अमित शाह ने कहा, “विपक्ष केवल भाजपा को बदनाम करने के लिए झूठे आरोप लगा रहा है। वे जानते हैं कि जनता भाजपा के साथ है और इसलिए वे झूठे प्रचार का सहारा ले रहे हैं। लेकिन जनता सच जानती है और वे हमारे काम की सराहना करते हैं।” समान नागरिक संहिता पर अमित शाह ने कहा, “हम समान नागरिक संहिता को लागू करना चाहते हैं ताकि सभी नागरिकों को समान अधिकार और कर्तव्य मिल सकें। यह देश की एकता और अखंडता के लिए आवश्यक है।”

सीएए पर स्पष्टीकरण देते हुए अमित शाह ने कहा, “नागरिकता संशोधन अधिनियम किसी भी भारतीय नागरिक के खिलाफ नहीं है। यह उन लोगों के लिए है जो धार्मिक उत्पीड़न के कारण अपने देश छोड़कर भारत आए हैं। हमने यह अधिनियम मानवीय आधार पर बनाया है और इसे लेकर किसी को भी चिंता नहीं करनी चाहिए।” भविष्य की योजनाओं पर चर्चा करते हुए अमित शाह ने कहा, “हमारी सरकार का लक्ष्य है कि भारत को 2024 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाया जाए। इसके लिए हम विभिन्न क्षेत्रों में सुधार और विकास करेंगे, ताकि देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सके।

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