Bhajpa - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com Fri, 20 Sep 2024 08:15:12 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 https://chaupalkhabar.com/wp-content/uploads/2024/08/cropped-Screenshot_2024-08-04-18-50-20-831_com.whatsapp-edit-32x32.jpg Bhajpa - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com 32 32 तिरुपति लड्डू में पशु चर्बी के उपयोग के आरोप पर बढ़ती राजनीति, सनातन धर्म रक्षण बोर्ड की मांग. https://chaupalkhabar.com/2024/09/20/tirupati-laddu-in-animal-char/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/20/tirupati-laddu-in-animal-char/#respond Fri, 20 Sep 2024 08:14:30 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=5004 विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर में मिलने वाले लड्डू में पशुओं की चर्बी के इस्तेमाल के आरोपों ने धार्मिक और राजनीतिक हलकों में बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। तिरुपति मंदिर का यह लड्डू न केवल भक्तों के लिए प्रसाद है, बल्कि इसे देवता का आशीर्वाद भी माना जाता है। इस मुद्दे को लेकर आंध्र …

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विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर में मिलने वाले लड्डू में पशुओं की चर्बी के इस्तेमाल के आरोपों ने धार्मिक और राजनीतिक हलकों में बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। तिरुपति मंदिर का यह लड्डू न केवल भक्तों के लिए प्रसाद है, बल्कि इसे देवता का आशीर्वाद भी माना जाता है। इस मुद्दे को लेकर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू और उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण समेत कई राजनीतिक नेताओं ने बयान दिए हैं।

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछली वाईएसआरसीपी सरकार के कार्यकाल के दौरान तिरुपति लड्डू में पशुओं की चर्बी मिलाने का मामला सामने आया था। नायडू ने कहा कि लैब रिपोर्ट में इसकी पुष्टि हो चुकी है कि लड्डू में मिलावट की गई थी। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी हरकतों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।

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इस विवाद के बीच आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और जन सेना पार्टी के नेता पवन कल्याण ने ‘सनातन धर्म रक्षण बोर्ड’ के गठन की मांग की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “तिरुपति बालाजी प्रसाद में पशु वसा, मछली का तेल, सूअर और गोमांस की चर्बी मिलाए जाने के निष्कर्षों ने हमें गहरी चिंता में डाल दिया है।” पवन कल्याण ने इस घटना को सनातन धर्म के अपमान के रूप में देखा और इसके खिलाफ सामूहिक संघर्ष का आह्वान किया।

पवन कल्याण ने कहा कि यह समय है जब देशभर के मंदिरों से जुड़े सभी मुद्दों को देखने के लिए एक राष्ट्रीय स्तर पर ‘सनातन धर्म रक्षण बोर्ड’ का गठन किया जाए। उन्होंने धार्मिक परंपराओं के अपमान के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की और इस मुद्दे पर राष्ट्रीय बहस की अपील की। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी इस मुद्दे पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने इस मुद्दे को लेकर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर कहा, “लैब रिपोर्ट से पुष्टि हुई है कि तिरुपति बालाजी मंदिर के लड्डू में गोमांस की चर्बी और मछली का तेल इस्तेमाल किया गया है। हिंदू धार्मिक भावनाओं का अपमान करने के लिए जिम्मेदार लोगों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए।”

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अमित मालवीय ने आगे कहा कि जब तक हिंदू एकजुट नहीं होंगे, उन्हें इस तरह के अपमानजनक कृत्यों का सामना करना पड़ता रहेगा। उन्होंने इसे ‘धर्मनिरपेक्षता’ के नाम पर हिंदू धर्म का अपमान बताया और दोषियों को जेल भेजने की मांग की। तिरुपति लड्डू से जुड़ी इस विवादित घटना ने धार्मिक और राजनीतिक दोनों ही स्तरों पर उथल-पुथल मचा दी है। जहां एक ओर राज्य की सत्ताधारी पार्टी इस मामले की जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की बात कर रही है, वहीं विपक्ष इसे धर्म से जुड़ा मामला बताते हुए इसके राजनीतिक और धार्मिक निहितार्थों पर जोर दे रहा है। अभी इस मामले में और भी प्रतिक्रियाएं आने की उम्मीद है, क्योंकि यह केवल तिरुपति लड्डू से जुड़ा मामला नहीं रह गया है, बल्कि इसे धार्मिक आस्थाओं के संरक्षण से भी जोड़कर देखा जा रहा है।

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Haryana Election: बीजेपी की पहली कैंडिडेट लिस्ट जारी, जाट वोट बैंक और चुनावी चुनौतियों पर नजर. https://chaupalkhabar.com/2024/09/04/haryana-election-bjp-party/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/04/haryana-election-bjp-party/#respond Wed, 04 Sep 2024 07:42:45 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4637 हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियों में तेजी ला दी है। इस चुनावी माहौल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भी अपने उम्मीदवारों की सूची तैयार करने में जुटी हुई है। बुधवार को पार्टी के करीब 50 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने की संभावना है। …

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हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियों में तेजी ला दी है। इस चुनावी माहौल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) भी अपने उम्मीदवारों की सूची तैयार करने में जुटी हुई है। बुधवार को पार्टी के करीब 50 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने की संभावना है। इस सूची में उन चेहरों को शामिल किया जा सकता है जो पार्टी के लिए जीत की संभावना बढ़ा सकें।

हरियाणा में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं और राज्य में भाजपा पिछले पांच वर्षों से सत्ता में है। इस बार भी पार्टी अपनी सत्ता बनाए रखने के लिए पूरी ताकत झोंक रही है। ऐसे में भाजपा की पहली सूची में करीब 21 पूर्व मंत्रियों के नाम शामिल हो सकते हैं। इन नेताओं में पलवल से गौरव गौतम, बल्लभगढ़ से मूलचंद शर्मा, लाडवा से नायब सिंह सैनी, फरीदाबाद ओल्ड से विपुल गोयल, रेवाड़ी से मंजू यादव, नांगल से चौधरी अभय सिंह यादव, होडल से हरेंद्र राम रतन, अटेली से आरती राव, बावल से संजय मेहरा, जगाधरी से कंवर पाल गुर्जर, अंबाला सिटी से असीम गोयल, तोशाम से श्रुति चौधरी, तिगांव से राजेश नागर, लोहारू से जेपी दलाल, जींद से महिपाल डांडा, पानीपत से प्रमोद विज, अंबाला कैंट से अनिल विज, सोहना से तेजपाल तंवर, जींद से कृष्ण मिड्डा, थानेसर से सुभाष सुधा और पृथला से दीपक डागर का नाम शामिल हो सकता है। ये सभी नेता अपने-अपने क्षेत्र में प्रभावशाली माने जाते हैं और पार्टी का आधार मजबूत करने में सक्षम हैं।

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हालांकि, भाजपा के लिए हरियाणा विधानसभा चुनाव में विजय पथ इतना सरल नहीं है। पिछले कुछ समय से पार्टी को जाट समुदाय के मतों का समर्थन खोने का सामना करना पड़ा है, जिसका प्रमुख कारण किसान आंदोलन रहा है। किसान आंदोलन ने जाट मतदाताओं को भाजपा से दूर कर दिया है, जिसका असर आगामी चुनावों में देखा जा सकता है। 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा ने कुल 27 प्रतिशत जाट वोट प्राप्त किए थे, जबकि 23 प्रतिशत वोट उसके हाथ से निकल गए। इस वजह से पार्टी को पांच सीटों का नुकसान उठाना पड़ा। वहीं, कांग्रेस ने 64 प्रतिशत जाट वोट हासिल किए, जिससे उसे 31 प्रतिशत का लाभ हुआ। हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों में से 36 सीटें ऐसी हैं जहां जाट वोट बैंक का सीधा प्रभाव है। ये सीटें बहुमत के आंकड़े से केवल 10 सीटें कम हैं, यानी जो भी पार्टी जाट वोट बैंक को अपने पक्ष में कर लेगी, उसकी सत्ता में वापसी की संभावना प्रबल हो जाएगी।

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भाजपा अपने खोए हुए जाट मतदाताओं को वापस लाने के लिए रणनीतिक कदम उठा रही है। पार्टी उन नेताओं को प्रमुखता दे रही है जो जाट समुदाय के बीच प्रभावशाली हैं और उनके समर्थन को वापस लाने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, भाजपा गैर-जाट मतदाताओं को भी साधने की कोशिश कर रही है, ताकि चुनावों में उसे किसी प्रकार की कमी का सामना न करना पड़े।

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