BNSS - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com Tue, 03 Sep 2024 10:24:56 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 https://chaupalkhabar.com/wp-content/uploads/2024/08/cropped-Screenshot_2024-08-04-18-50-20-831_com.whatsapp-edit-32x32.jpg BNSS - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com 32 32 कोलकाता विधानसभा में पारित एंटी रेप बिल, सजा-ए-मौत सहित प्रमुख प्रावधानों की जानकारी. https://chaupalkhabar.com/2024/09/03/kolkata-assembly-in-across/ https://chaupalkhabar.com/2024/09/03/kolkata-assembly-in-across/#respond Tue, 03 Sep 2024 10:24:56 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4596 पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने राज्य विधानसभा में एंटी रेप बिल, जिसे “अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक 2024” नाम दिया गया है, को सफलतापूर्वक पारित कर दिया है। इस विधेयक को कोलकाता में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की घटना के बाद विशेष सत्र के दौरान पेश किया गया। विधानसभा …

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पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार ने राज्य विधानसभा में एंटी रेप बिल, जिसे “अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक 2024” नाम दिया गया है, को सफलतापूर्वक पारित कर दिया है। इस विधेयक को कोलकाता में एक ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की घटना के बाद विशेष सत्र के दौरान पेश किया गया। विधानसभा का यह सत्र खास तौर पर इस मुद्दे पर चर्चा और विधेयक के पारित करने के लिए बुलाया गया था। इस विधेयक के पारित होने के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में इस पर बोलते हुए देश में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने उत्तर प्रदेश के हाथरस में 2020 में 20 साल की दलित महिला के साथ रेप और बंगाल के उत्तरी 24 परगना जिले में 2013 में एक कॉलेज छात्रा की रेप और बर्बर हत्या के मामलों का उल्लेख किया। साथ ही उन्होंने जयपुर में हाल ही में एक सरकारी अस्पताल में एक बच्चे के साथ रेप की घटना को भी सामने रखा। ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश और गुजरात जैसे राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की दर असामान्य रूप से अधिक है, और वहां महिलाओं को न्याय नहीं मिल पाता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पश्चिम बंगाल की महिलाओं को न्याय मिलेगा और इस विधेयक के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि दोषियों को सख्त सजा मिले।

विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने इस विधेयक का समर्थन करते हुए कहा कि यह कानून तुरंत प्रभाव से लागू होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की जिम्मेदारी है कि इस विधेयक को लागू किया जाए और इसका परिणाम दिखे। उन्होंने मुख्यमंत्री के बयान को सुनने की बात कही, लेकिन साथ ही यह भी मांग की कि इस बिल को बिना किसी देरी के लागू किया जाए।

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एंटी रेप बिल के प्रमुख प्रावधान

इस विधेयक में रेप और हत्या के दोषियों के लिए सख्त सजा का प्रावधान किया गया है। प्रमुख बिंदुओं में शामिल हैं:

1. मौत की सजा:  रेप और हत्या के दोषियों के लिए फांसी की सजा का प्रावधान किया गया है।

2. चार्जशीट और सजा:  चार्जशीट दाखिल करने के 36 दिनों के भीतर दोषी को सजा-ए-मौत का प्रावधान है।

3. तेजी से जांच:  इस विधेयक के तहत 21 दिनों के भीतर जांच पूरी करनी होगी।

4. अपराधियों की मदद करने पर सजा:  अपराधियों की मदद करने पर 5 साल की कैद की सजा का प्रावधान है।

5. स्पेशल टास्क फोर्स:  हर जिले में स्पेशल “अपराजिता टास्क फोर्स” का गठन किया जाएगा, जो रेप, एसिड अटैक और छेड़छाड़ के मामलों में तुरंत कार्रवाई करेगी।

6. एसिड अटैक पर सजा:  एसिड अटैक के दोषियों के लिए आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है।

7. पीड़िता की पहचान उजागर करने पर सजा:  पीड़िता की पहचान उजागर करने वालों को 3 से 5 साल की सजा का प्रावधान है।

8. तेजी से सुनवाई:  विधेयक में BNSS प्रावधानों में संशोधन करते हुए सभी यौन अपराधों और एसिड अटैक की सुनवाई 30 दिनों में पूरी करने का प्रावधान शामिल है।

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विधेयक का कानून बनना

इस विधेयक के कानून बनने के लिए अब राज्यपाल और राष्ट्रपति की मंजूरी जरूरी है। विधानसभा में इस बिल का पारित होना इसलिए आसान रहा क्योंकि 294 सदस्यीय विधानसभा में तृणमूल कांग्रेस के पास 223 विधायकों का समर्थन है। लेकिन राज्यपाल और राष्ट्रपति की मंजूरी प्राप्त करना कठिन हो सकता है। इसका उदाहरण 2019 के आंध्र प्रदेश दिशा विधेयक और 2020 के महाराष्ट्र शक्ति विधेयक हैं, जिनमें सभी रेप मामलों के लिए सिर्फ मौत की सजा का प्रावधान था, लेकिन उन्हें राष्ट्रपति की मंजूरी आज तक नहीं मिली है। इस विधेयक में BNSS और 2012 के पोक्सो अधिनियम के कुछ हिस्सों में संशोधन करते हुए, पीड़िता की उम्र चाहे जो भी हो, यौन उत्पीड़न के मामलों में मौत की सजा का प्रावधान किया गया है। कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर की घटना के बाद जनता के गुस्से और न्याय की मांग के बीच, ममता बनर्जी ने इस एंटी रेप बिल को लाने का निर्णय लिया। अब इस विधेयक का कानून बनना इस पर निर्भर करेगा कि इसे राज्यपाल और राष्ट्रपति की मंजूरी मिलती है या नहीं।

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