BSF - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com Sat, 10 Aug 2024 06:35:45 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 https://chaupalkhabar.com/wp-content/uploads/2024/08/cropped-Screenshot_2024-08-04-18-50-20-831_com.whatsapp-edit-32x32.jpg BSF - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com 32 32 बांग्लादेशी हिंदू परिवारों की भारत में शरण की कोशिश, सीमा पर बढ़ा तनाव और कड़ी की गई बॉर्डर पर सुरक्षा . https://chaupalkhabar.com/2024/08/10/bangladeshi-hindu-family/ https://chaupalkhabar.com/2024/08/10/bangladeshi-hindu-family/#respond Sat, 10 Aug 2024 06:35:45 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=4241 बांग्लादेश में नई सरकार बनने के बावजूद हिंसा का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस हिंसा में खासकर अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है, जिसके कारण हजारों हिंदू परिवार अपना घर छोड़कर भारत में शरण लेना चाहते हैं। वर्तमान में बड़ी संख्या में हिंदू समुदाय के लोग भारत-बांग्लादेश सीमा …

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बांग्लादेश में नई सरकार बनने के बावजूद हिंसा का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस हिंसा में खासकर अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है, जिसके कारण हजारों हिंदू परिवार अपना घर छोड़कर भारत में शरण लेना चाहते हैं। वर्तमान में बड़ी संख्या में हिंदू समुदाय के लोग भारत-बांग्लादेश सीमा पर एकत्रित हैं, जो भारत में प्रवेश की अनुमति मांग रहे हैं पश्चिम बंगाल के कूचबिहार जिले के सितालकुची में करीब 1000 बांग्लादेशी नागरिक भारत-बांग्लादेश सीमा पर स्थित जलाशय में खड़े होकर बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) से भारत में प्रवेश की अनुमति की गुहार लगा रहे हैं। बीएसएफ ने बताया कि यह अब तक का सबसे बड़ा समूह है, जिसने भारत में प्रवेश की कोशिश की है।

सितालकुची के काशियार बरुनी इलाके के पठानटुली गांव में सीमा पार करने की कोशिश कर रहे लोगों की स्थिति अत्यधिक विकट है। वे लोग बाड़ के पार जलाशय में घंटों इंतजार करते रहे, लेकिन अपने गांवों में वापस जाने को तैयार नहीं हुए। इनमें से कुछ लोग ‘जय श्री राम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाते हुए भी देखे गए। बीएसएफ कर्मियों ने इन लोगों को सीमा के जीरो पॉइंट (नो मैन्स लैंड) से करीब 150 गज की दूरी पर बाड़ पार करने से रोक दिया। बीएसएफ की कई बार की अपील के बावजूद भी ये लोग बांग्लादेश के रंगपुर जिले के दोई खावा और गेंदुगुरी गांवों में लौटने को तैयार नहीं हुए। इस स्थिति से बीएसएफ के लिए नई चुनौती उत्पन्न हो गई है।

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बीएसएफ के पूर्वी कमान के एडीजी को इस स्थिति से निपटने के लिए गठित एक समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। समिति को इस सीमा पर नजर रखने का कार्य सौंपा गया है। इससे पहले, बांग्लादेश में हिंसा की घटनाओं को देखते हुए भारत सरकार ने सीमा पर सतर्कता बढ़ा दी थी। पिछले कुछ दिनों से उत्तर 24 परगना जिले के पेट्रापोल सीमा पर भी बांग्लादेश से लोगों का आना जारी है। यह स्थिति भारत सरकार के लिए चिंता का विषय बन गई है, क्योंकि बांग्लादेश में हिंसा की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं, और इसके परिणामस्वरूप सीमावर्ती क्षेत्रों में तनाव बढ़ रहा है।

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इस स्थिति के मद्देनजर भारत सरकार ने सीमा की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त कदम उठाने की दिशा में कार्य शुरू कर दिया है। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक समुदाय पर हो रहे अत्याचार और हिंसा से उत्पन्न इस संकट ने भारत की चिंता को बढ़ा दिया है।

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“गुजरात में हीट स्ट्रोक से दो बीएसएफ कर्मियों की मौत: जवानों की सुरक्षा के लिए उठाने होंगे विशेष कदम” https://chaupalkhabar.com/2024/07/20/heat-stroke-in-gujarat/ https://chaupalkhabar.com/2024/07/20/heat-stroke-in-gujarat/#respond Sat, 20 Jul 2024 09:43:32 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=3968 गुजरात में भारत-पाकिस्तान सीमा पर गश्त के दौरान अत्यधिक गर्मी के कारण एक अधिकारी और एक जवान की मौत हो गई। यह घटना ‘हरामी नाला’ क्षेत्र में हुई, जहां दोनों बीएसएफ कर्मी हीट स्ट्रोक का शिकार हो गए। उनकी हालत बिगड़ने पर उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। …

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गुजरात में भारत-पाकिस्तान सीमा पर गश्त के दौरान अत्यधिक गर्मी के कारण एक अधिकारी और एक जवान की मौत हो गई। यह घटना ‘हरामी नाला’ क्षेत्र में हुई, जहां दोनों बीएसएफ कर्मी हीट स्ट्रोक का शिकार हो गए। उनकी हालत बिगड़ने पर उन्हें तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनकी जान नहीं बचाई जा सकी। यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना शुक्रवार को घटी जब बीएसएफ के सहायक कमांडेंट और हेड कांस्टेबल ‘जीरो लाइन’ गश्त पर थे। अत्यधिक गर्मी और शरीर में पानी की कमी के कारण दोनों की स्थिति बिगड़ गई। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, जब वे जमीन पर गिरे तो तुरंत उन्हें भुज के एक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, लेकिन डॉक्टर उनकी जान नहीं बचा सके।

गुजरात में तापमान काफी बढ़ चुका है, जिससे गश्त पर तैनात जवानों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। हरामी नाला क्षेत्र में अत्यधिक गर्मी और रेगिस्तानी वातावरण के कारण हीट स्ट्रोक का खतरा हमेशा बना रहता है। यह क्षेत्र सीमावर्ती होने के कारण विशेष रूप से संवेदनशील है, और यहां पर तैनात जवानों को कई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इस घटना ने बीएसएफ के जवानों के लिए सुरक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की महत्वपूर्णता को उजागर किया है। जवानों की सुरक्षा के लिए उचित उपाय और सतर्कता बेहद जरूरी है, खासकर गर्मियों के मौसम में। हीट स्ट्रोक और शरीर में पानी की कमी से बचने के लिए उचित हाइड्रेशन और स्वास्थ्य सुविधाओं का होना आवश्यक है।

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ऐसी ही एक घटना मई महीने में राजस्थान के जैसलमेर में भी हुई थी, जब एक बीएसएफ जवान की अत्यधिक गर्मी के कारण मौत हो गई थी। जैसलमेर में भारत-पाकिस्तान सीमा पर गश्त के दौरान जवान अजय कुमार की हीट स्ट्रोक से जान चली गई थी। अजय कुमार पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के रहने वाले थे और बीएसएफ की 173वीं वाहिनी में कांस्टेबल के पद पर तैनात थे। उस समय जैसलमेर में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया था, जिससे गश्त कर रहे जवानों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। बीएसएफ के जवानों के लिए गर्मी के मौसम में गश्त करना एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। अत्यधिक तापमान और रेगिस्तानी क्षेत्रों में पानी की कमी के कारण जवानों को विशेष रूप से सावधान रहना पड़ता है। इन घटनाओं ने यह स्पष्ट कर दिया है कि गर्मी के मौसम में जवानों की सुरक्षा के लिए विशेष प्रबंध और सतर्कता जरूरी है।

गुजरात और राजस्थान की घटनाओं ने यह भी दिखाया है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात जवानों के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं और हाइड्रेशन के पर्याप्त इंतजाम जरूरी हैं। बीएसएफ और अन्य सुरक्षा बलों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे अपने जवानों की सुरक्षा और स्वास्थ्य का ध्यान रखें, खासकर गर्मियों के मौसम में। हीट स्ट्रोक और शरीर में पानी की कमी के कारण होने वाली मौतों को रोकने के लिए उचित प्रशिक्षण और सावधानियों की जरूरत है। जवानों को नियमित रूप से हाइड्रेटेड रखना, गश्त के दौरान उपयुक्त ब्रेक देना और उन्हें अत्यधिक गर्मी से बचाने के उपाय करना जरूरी है। इसके अलावा, सीमावर्ती क्षेत्रों में तैनात जवानों के लिए उचित स्वास्थ्य सुविधाएं और आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं का होना भी महत्वपूर्ण है।

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