Chandrayaan-3 - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com Wed, 23 Aug 2023 08:58:47 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.7.1 https://chaupalkhabar.com/wp-content/uploads/2024/08/cropped-Screenshot_2024-08-04-18-50-20-831_com.whatsapp-edit-32x32.jpg Chandrayaan-3 - chaupalkhabar.com https://chaupalkhabar.com 32 32 प्रधानमंत्री मोदी चंद्रयान-3 की लैंडिंग के समय दक्षिण अफ्रीका से वर्चुअल रूप से जुड़ेंगे, ऐतिहासिक पल का साक्षी बनेंगे। https://chaupalkhabar.com/2023/08/23/pm-modi-will-connect-virtually-at-the-time-of-chandrayan-landing/ https://chaupalkhabar.com/2023/08/23/pm-modi-will-connect-virtually-at-the-time-of-chandrayan-landing/#respond Wed, 23 Aug 2023 08:58:47 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=1460 चंद्रयान 3: 23 अगस्त, शाम को लगभग 6:04 बजे पर उतरने के लिए पूरी तरह तैयार है। इसरो के मुताबिक, सॉफ्ट लैंडिंग तय किये गये समय पर है और सिस्टम की नियमित जांच की जा रही है।इस मिशन को लेकर न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में काफी उत्सुकता है, खासकर रूस के लूना-25 …

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चंद्रयान 3: 23 अगस्त, शाम को लगभग 6:04 बजे पर उतरने के लिए पूरी तरह तैयार है। इसरो के मुताबिक, सॉफ्ट लैंडिंग तय किये गये समय पर है और सिस्टम की नियमित जांच की जा रही है।इस मिशन को लेकर न सिर्फ भारत में बल्कि पूरी दुनिया में काफी उत्सुकता है, खासकर रूस के लूना-25 मिशन की असफलता के बाद कोई नहीं चाहता कि अब भारत का चंद्रयान 3 मिशन फेल हो जाए।
चंद्रयान 3 की सफलता से भारत अमेरिका, चीन और तत्कालीन सोवियत संघ के बाद चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग की तकनीक में महारत हासिल करने वाला चौथा देश बन जाएगा।

 


निर्धारित प्रक्षेपण से पहले, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने लगभग 70 किमी की ऊंचाई से लैंडर पोजिशन डिटेक्शन कैमरा (एलपीडीसी) द्वारा ली गई चंद्रमा की तस्वीरें भी जारी की हैं।2019 में असफलता के बाद चंद्रमा पर उतरने का यह भारत का दूसरा प्रयास है। चंद्रयान -2 अपने चंद्र चरण में विफल हो गया था जब इसका लैंडर ‘विक्रम’ 7 सितंबर, 2019 को टच डाउन का प्रयास करते समय लैंडर में ब्रेकिंग सिस्टम में विसंगतियों के कारण चंद्रमा की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। उस प्रयास के दौरान, लैंडर के नियोजित टचडाउन को देखने के लिए पीएम मोदी बेंगलुरु गए थे।


इस बार, जब चंद्रयान-3 आज चंद्रमा के अज्ञात दक्षिणी ध्रुव पर उतरने का प्रयास करेगा, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी वस्तुतः दक्षिण अफ्रीका से लैंडिंग कार्यक्रम में शामिल होंगे, जहां वह 15वें ( ब्रिक्स ) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए तीन दिन की आधिकारिक यात्रा पर हैं।देश की अंतरिक्ष एजेंसी ने सोमवार को कहा कि चंद्रमा पर जाने वाले भारतीय अंतरिक्ष यान पूरी तरह से सही काम कर रहा है और लैंडिंग के दिन कोई भी समस्या नहीं आएगी।


लैंडिंग को इसरो की आधिकारिक वेबसाइट और यूट्यूब, ट्विटर और फेसबुक सहित इसके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लाइव स्ट्रीम किया जाएगा। इवेंट के दौरान दर्शक लाइव कमेंट्री और विशेषज्ञ विश्लेषण तक भी पहुंच सकते हैं।
“इंडिया टुडे” और “आज तक” भी इस कार्यक्रम को लाइव कवर करेंगे। दूरदर्शन संभवतः इस कार्यक्रम का लाइव कवरेज प्रदान करेगा। नासा टीवी ऐप और space.com भी इस कार्यक्रम को स्ट्रीम करेंगे।

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भारत निकला चांद जीतने चंद्रयान -3 https://chaupalkhabar.com/2023/07/15/chandrayaan-3/ https://chaupalkhabar.com/2023/07/15/chandrayaan-3/#respond Sat, 15 Jul 2023 07:39:06 +0000 https://chaupalkhabar.com/?p=1131 भारतीय वैज्ञानिक एक बार फिर चंद्रमा की ओर अपने मिशन चंद्रयान 3 (Chandrayaan 3) के जरिए बढ़ चले हैं। इसरो ने कल 14 जुलाई, 2023 को दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन स्पेस सेंटर से चंद्रयान 3 को लॉन्च किया गया। चंद्रयान-3 एक लैंडर, एक रोवर और एक …

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भारतीय वैज्ञानिक एक बार फिर चंद्रमा की ओर अपने मिशन चंद्रयान 3 (Chandrayaan 3) के जरिए बढ़ चले हैं।
इसरो ने कल 14 जुलाई, 2023 को दोपहर 2 बजकर 35 मिनट पर आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन स्पेस सेंटर से चंद्रयान 3 को लॉन्च किया गया। चंद्रयान-3 एक लैंडर, एक रोवर और एक प्रोपल्शन मॉड्यूल से लैस है। इसका वजन करीब 3,900 किलोग्राम है।
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह मुख्य अतिथि के तौर श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन सेंटर पहुंचे थे। इसके अलावा पूर्व इसरो चीफ राधाकृष्णन, के सिवन और एएस किरण कुमार भी चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग पर मौजूद रहे।
इसरो के पूर्व चीफ माधवन नायर ने कहा कि इंसानी रूप से जो कुछ भी संभव था, वो किया जा चुका है। मुझे ऐसा कोई कारण नहीं नजर आता कि मिशन चंद्रयान-3 फेल हो।
बताया जा रहा है कि चंद्रयान 3 का रोबोटिक उपकरण 24 अगस्त तक चांद के उस हिस्से (Shackleton Crater) पर उतर सकता है, जहां अभी तक किसी भी देश का कोई अभियान नहीं पहुंचा है।
दुनियाभर के लोगों की नजरें भारत के इस मिशन पर हैं। दूसरे चंद्रयान के मुकाबले इस बार चंद्रयान 3 का लैंडर ज्यादा मजबूत पहियों के साथ 40 गुना बड़ी जगह पर लैंड होगा।

चंद्रयान 3 को LVM3 रॉकेट से लॉन्च किया गया है। लैंडर को सफलतापूर्वक चांद की सतह पर उतारने के लिए इसमें कई तरह के सुरक्षा उपकरणों को लगाया गया है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया,
‘जहां तक भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र का सवाल है, तो 14 जुलाई 2023 का दिन हमेशा सुनहरे अक्षरों में अंकित रहेगा। चंद्रयान-3 हमारा तीसरा चंद्र मिशन, अपनी यात्रा पर निकलेगा। यह उल्लेखनीय मिशन हमारे राष्ट्र की आशाओं और सपनों को आगे बढ़ाएगा।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आज का यह दिन, भारतीय इतिहास में एक विशेष महत्व का है। मिशन चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग नए भारत की आकांक्षाओं को नया आकाश देने जा रही है। इस मिशन में हमारे देश के वैज्ञानिकों की वर्षों की मेहनत, लगन, समर्पण और प्रतिबद्धता जुड़ी हुई है। यह मिशन सफल हो, इसके लिए इसरो की पूरी टीम को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं।

नासा के आर्टेमिस 3 मिशन के लिए कितना महत्वपूर्ण है चंद्रयान 3
चंद्रयान 3 नासा के आर्टेमिस-3 मिशन के लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाला है। अर्टेमिस 3 मिशन के अंतर्गत नासा चांद के दक्षिणी ध्रुव पर इंसानों को उतारने की योजना बना रहा है। ऐसे में चंद्रयान 3 की खोज से चांद के साउथ पोल के बारे में जो डाटा मिलेगा। उससे नासा के आर्टेमिस मिशन को चांद के इस खास क्षेत्र के बारे में कई महत्वपूर्ण जानकारियां मिलेंगी।

चंद्रयान-3 का सफर कुल
चंद्रयान-3 का सफर कुल 40 दिन का होगा. जिसके बाद ये अपनी कक्षा में पहुंचेगा और चांद पर चक्कर लगाने के बाद रोवर लैंड होगा.धरती से चांद की कुल दूरी 3.84 लाख km की है. रॉकेट का सफर कुल 36 हजार किमी का होगा. रॉकेट रोवर को पृथ्वी के बाहरी ऑर्बिट तक ले जाएगा. इसमें करीब 16 मिनट लगेंगे.
बाहरी ऑर्बिट से बाद का सफर प्रोपल्शन मॉड्यूल से चांद के ऑर्बिट में पहुंचकर कई स्टेज में ऑर्बिट घटाएगा. 100 km के ऑर्बिट में पहुंचने पर प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग अंत में लैंडर चांद पर उतरेगा.

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